Archive for सितम्बर, 2004
Tweet इस घटनाक्रम मे सभी लटके झटके है.प्यार,एक्शन,ड्रामा,राजनीति,वफादारी,छल और खेल भावना,सभी कुछ है.जी हाँ मै बीसीसीआई यानी देश के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के चुनाव की बात कर रहा हूँ.इस बारे मे बात करने से पहले मै आपको बीसीसीआई अध्यक्ष पद के महत्व के बारे मे बताना चाहुँगा. भारत मे क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है,सो खेल […]
सितम्बर 30th, 2004 | Posted in Uncategorized | 5 Comments
Tweet आखिर कांग्रेस अपने पुराने हथकन्डो को अपनाने के लिये मजबूर हो ही गयी. यूपीए सरकार ने एनडीए सरकार के समय मे हुए घोटालो की जाँच के चार मंत्रियों की एक अनौपचारिक समिति का गठन किया गया है जिसकी अध्यक्षता प्रणव मुकर्जी करेंगे और जिसमें अर्जुन सिंह, शिवराज पाटिल और ग़ुलाम नबी आज़ाद होंगे.मेरे ख्याल […]
सितम्बर 29th, 2004 | Posted in Uncategorized | Comments Off on बदले की राजनीति
Tweet कल ही याहू का नया पन्ना(Beta Version) देखने का मौका मिला. पहले से अधिक व्यवस्थित और प्यारा है.इसमे कोई खास नई सुविधा तो नही है, सिवाय Buzz Log, के जो आज की सबसे ज्यादा ढूंढी जाने वाली सामग्री के बारे मे बताता है. फिर भी पन्ना पहले से बेहतर दिख रहा है. सही है […]
सितम्बर 29th, 2004 | Posted in Uncategorized | 1 Comment
Tweet नेता वही सही जो पलटी खाने मे उस्ताद हो, बोलो और मुकर जाओ,बोलने मे क्या जाता है.अब शरद पवार को ही ले, अभी दो दिन पहले NDTV को दिये अपने इन्टरव्यू मे साफ साफ बोले कि अगर सोनिया गांधी प्रधानमन्त्री बनती तो वे मन्त्रिमंडल मे नही रहते. कल फिर पलटी खा गये ,बोले सोनिया […]
सितम्बर 27th, 2004 | Posted in Uncategorized | Comments Off on पवार की पलटी
Tweet मै “हिन्दी चिट्ठाकारो की जालमुद्रिका” का ह्रार्दिक आभारी हूँ, विशेषकर श्री देवाशीष जी का, जिन्होने मेरे चिट्ठे को इस समुह के योग्य समझा.हिन्दी चिट्ठाकारो की जालमुद्रिका समुह के सभी साथियो से मेरा निवेदन है कि समय समय पर मेरा मार्गदर्शन करते रहे, और मेरी गलतियो के लिये मेरा कान खीचते रहे,ताकि मेरे जैसा नया […]
सितम्बर 26th, 2004 | Posted in विविध | 5 Comments
Tweet आखिरकार उमा भारती की तिरंगा यात्रा समाप्त हो ही गयी. कहते है अन्त भला तो सब भला. तिरंगा यात्रा समाप्त होने पर बीजेपी मे सभी ने राहत की सांस ली. क्यो भाई? अरे यार उमाजी ने इसलिये कि अटळजी अमृतसर पहुँचे और उनकी यात्रा की कुछ तो इज्जत रही,वैंकयाजी ने इसलिये कि उन्होने उमाजी […]
सितम्बर 26th, 2004 | Posted in Uncategorized | 2 Comments
Tweet जहाँ एक तरफ ICC ट्रोफी के मैच बदमजा हो गये थे, वही दूसरी तरफ एक और मैच शुरू हो चुका था, जी हाँ मुशर्रफ मनमोहन मैच कभी हा कभी ना.. करते करते आखिर मनमोहन सिंह, राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ से मिल ही लिये, वो भी न्यूयार्क की सरजमी पर. लेकिन दोनो को हासिल क्या हुआ? […]
सितम्बर 26th, 2004 | Posted in Uncategorized | 1 Comment
Tweet मेरे एक पुराने मित्र है, सरकारी मुलाजिम है, पिछले १५ वर्षो से, एकदम ईमानदार,हालांकि ईमानदारी की भारी कीमत चुकायी है उन्होने, जल्दी जल्दी ट्रान्सफर मिला ,पत्नी छोड़ कर जा चुकी है, बेटे अब उतना सम्मान नही देते, जेब हमेशा खाली,महीने के आखिर मे मिल जाओ तो पैसे उधार मांग बैठे, दोस्त यार मानने को […]
सितम्बर 26th, 2004 | Posted in Uncategorized | Comments Off on सबसे अच्छी नौकरी
Tweet आज का दिन काफी अच्छा है, जो सुबह सुबह यह खबर पढी, कि दाउद भाई के छोटे भाई इकबाल कास्कर जो मुंबई जेल मे है, और उमरखाड़ी से महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव लड़ रहे थे, ने अपना पर्चा वापस ले लिया. अब क्यो लिया ये तो वो ही जाने, लेकिन सही समय पर उन्होने […]
सितम्बर 26th, 2004 | Posted in Uncategorized | Comments Off on भाई के भाई का चुनाव को Bye Bye
Tweet राजेश प्रियदर्शी का यह लेख मुझे बहुत पसन्द आयाः यह लेख वैसे तो यूरोप मे रह रहे अप्रवासी भारतीयो के लिये लिखा गया है, लेकिन सभी पर लागू होता है. सपने अच्छी नौकरी, पाउंड को रूपए में बदलें तो डेढ़ लाख रूपए के क़रीब तनख़्वाह. लंदन शहर की ख़ूबसूरती, यूरोप घूमने के मज़े. धूल […]
सितम्बर 23rd, 2004 | Posted in आपबीती | Comments Off on सपने, संताप और सवाल