Archive for फरवरी, 2005
Tweet होली का हुड़दंग गतांक से आगे होली वाले दिन सुबह सुबह ही लाउडस्पीकर पूरे वाल्यूम मे होली के घिसे पिटे गीत बजाता, हम लोग गेरूवा रंग घोलते और हर आने जाने वाले पर रंग डालते, मजाल है कोई बिना पुते निकल जाये हमारी गली से. ना जाने कितनी टोलियाँ आती जाती, कभी कभी झगड़ा […]
फरवरी 28th, 2005 | Posted in आपबीती | 7 Comments
Tweet होली कब है? अरे नही नही भई, यहाँ कोई गब्बर सिंह और सांभा के बीच वार्तालाप नही हो रहा है, ये तो अपने मोहल्ले की यादे ताजा की जा रही है.जनवरी के जाते जाते ये संवाद तो हम लोगो का तकिया कलाम बन जाता था. नये साल की खुशिया मनाने के साथ ही होली […]
फरवरी 23rd, 2005 | Posted in Uncategorized | 9 Comments
Tweet अक्षरग्राम अनूगूँजः छठा आयोजन मेरा चमत्कारी अनुभव वैसे तो मै पूरी तरह से नास्तिक की श्रेणी मे आता था. और पूजा पाठ वगैरहा से दूर ही रहता था. लेकिन जीवन मे एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद से मै आस्तिक तो नही लेकिन ईश्वर मे कुछ कुछ आस्था रखने लगा था.मै आपको एक सच्चा […]
फरवरी 20th, 2005 | Posted in आपबीती | 10 Comments
Tweet लिटिल टैरोरिस्ट यह लघु फिल्म, अकादमी अवार्ड्स मे भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है. फिल्म की अवधि कुल पन्द्रह मिनट की है.फिल्म की कहानी भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बसे दो गाँवों और वहाँ बसे लोगो की है,जो अलग अलग देशो मे है. सीमा पर कंटीली बाड़ लगी है, पाकिस्तान की तरफ वाले […]
फरवरी 17th, 2005 | Posted in Uncategorized | 6 Comments
Tweet देहरादून मे इस बार वैलेन्टाइन डे पर मैती नाम की संस्था ने प्रेमी युगलों को पौधे बेचे और उनको पौधे लगाने के लिये प्रोत्साहित भी किया, ताकि पौधों के बढने के साथ साथ उनका प्यार भी बढे.पर्यावरण की दृष्टि से यह पहल काबिल ए तारीफ है. मै उम्मीद करता हूँ सारे भारत मे ऐसा […]
फरवरी 15th, 2005 | Posted in Uncategorized | Comments Off on काबिल ए तारीफ पहल
Tweet आज वैलेन्टाइन डे है, यानि कि प्रेमी युगलों का एक दूसरे से प्रेम के इजहार का दिन,एक दूसरे को प्यार भरे तोहफे आदान प्रदान करने का दिन.वैलेन्टाइन दिवस पूरी दुनिया मे मनाया जाता है, यहाँ तक की कट्टर इस्लामिक देशों मे भी सभी लोग इसे अपने अपने स्तर पर मनाते है और अपने अपने […]
फरवरी 14th, 2005 | Posted in Uncategorized | 1 Comment
Tweet गतांक से आगे अब जनाब हमने कालबैल पुश तो कर दी,लेकिन हमे पक्का पता था कि मिर्जा ढेर सारी गालियाँ जरूर देंगे, भले बाद मे हमे देखकर माफी मांग ले. वही हुआ, मिर्जा ने अपने लखनवी अन्दाज मे पहले तो छुट्टन को गरियाया और दरवाजा खोलने को बोला, अब छुटटन जगा हुआ होता तो […]
फरवरी 14th, 2005 | Posted in आपबीती | 3 Comments
Tweet अब कहते है कि मुसीबत कभी अकेली नही आती संगी सम्बंधी भी साथ लाती है.ऐसे ही एक छुट्टी वाले दिन शुक्रवार को सवेरे सवेरे किसी ने कालबैल दबायी,हमने अलसाये हुए, यूपी स्टाइल मे हड़काते हुए पूछा “कौन है बे? छुट्टी वाले दिन सुबह सुबह पंगा ले रहा है.”. जवाब मे बाहर से सिर्फ हंसी […]
फरवरी 12th, 2005 | Posted in आपबीती | 4 Comments
Tweet मेरे एक चिट्ठाकार मित्र है SV जो अमरीका मे रहते है, अपना अंग्रेजी और गुजराती मे ब्लाग लिखते है, तकनीकी ब्लाग और आटोमोबाइल्स के ब्लाग लेखन मे भी इनका अच्छा हाथ चलता है. उन्होने मेरे ब्लाग पर आकर कुछ लिखने की फरमाइश की थी. सो पेश है उनके द्वारा लिखी गयी कुछ पंक्तियां भाषा […]
फरवरी 9th, 2005 | Posted in Uncategorized | 4 Comments
Tweet कोई ये कैसे बताए कि वो तन्हा क्यों है वो जो अपना था वोही और किसी का क्यों है यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों है यही होता है तो आख़िर यही होता क्यों है एक ज़रा हाथ बढ़ा दे तो पकड़ले दामन उसके सीने में समा जाए हमारी धड़कन इतनी […]
फरवरी 6th, 2005 | Posted in Uncategorized | 6 Comments