Archive for जुलाई, 2005
Tweet पसीने पसीने हुई जा रहे हो ये बोलो कहां से चले आ रहे हो हमें सब्र करने को कह तो रहे हो मगर देख लो ख़ुद ही घबरा रहे हो ये किसकी बुरी तुम को नज़र लग गई है बहारों के मौसम में मुर्झा रहे हो ये आईना है ये तो सच ही कहेगा […]
जुलाई 10th, 2005 | Posted in विविध | 2 Comments
Tweet दोस्त बन बन के मिले मुझको मिटानेवाले मैं ने देखे हैं कई रंग बलनेवाले तुमने चुप रहकर सितम और भी ढाया मुझ पर तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हंसनेवाले मैं तो इख़लाक़ के हाथों ही बिका करता हूं और होंगे तेरे बाज़ार में बिकनेवाले आख़री दौर पे सलाम-ए-दिल-ए-मुज़्तर ले लो फिर ना लौटेंगे […]
जुलाई 8th, 2005 | Posted in Uncategorized | 1 Comment
Tweet कैसे सुकून पाऊं तुझे देखने के बाद अब क्या ग़़जल सुनाऊं तुझे देखने के बाद आवाज़ दे रही है मेरी ज़िन्दगी मुझे जाऊं मैं या न जाऊं तुझे देखने के बाद काबे का एहतराम भी मेरी नज़र में है सर किस तरफ़ झुकाऊं तुझे देखने के बाद तेरी निगाह-ए-मस्त ने मख्म़ूर कर दिया क्या […]
जुलाई 6th, 2005 | Posted in Uncategorized | Comments Off on कैसे सुकून पाऊ….
Tweet बहुत दिनों की बात है फ़िज़ा को याद भी नहीं ये बात आज की नहीं बहुत दिनों की बात है शबाब पर बहार थी फ़िज़ा भी ख़ुश-गवार थी न जाने क्यूं मचल पड़ा मैं अपने घर से चल पड़ा किसी ने मुझ को रोक कर बड़ी अदा से टोक कर कहा था लौट आईए […]
जुलाई 3rd, 2005 | Posted in Uncategorized | Comments Off on मेरी क़सम ना जाईए …
Tweet देख लो ख्व़ाब मगर ख्व़ाब का चर्चा न करो लोग जल जायेंगे सूरज की तमन्ना न करो वक़्त का क्या है किसी पर भी बदल सकता है हो सको तुम से तो तुम मुझ पे भरोसा न करो किर्चियां टूटे हुए अक्स की चुभ जायेंगी और कुछ रोज़ अभी आईना देखा न करो अजनबी […]
जुलाई 2nd, 2005 | Posted in Uncategorized | 1 Comment
Tweet चलो बांट लेते हैं अपनी सज़ाएं ना तुम याद आओ ना हम याद आएं सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा किसे याद रखें किसे भूल जाएं उन्हें क्या ख़बर हो आनेवाला ना आया बरसती रहीं रात भर ये घटाएं -सरदार अन्जुम
जुलाई 1st, 2005 | Posted in Uncategorized | 6 Comments