Archive for अप्रैल, 2007
Tweet आप भी सोचेंगे कि हम कहाँ डां साहब की रोजी रोटी पर लात मारने बैठे है जो स्वास्थ्य सम्बंधी सलाहें देना शुरु कर दिए है। लेकिन भाई का करें, जो पढेंगे आपको नही बताएंगे तो रोटी हज़म नही होगी। हमे कुछ चीजों से हमेशा प्यार होता है। बाकियों का नही पता चाकलेट, चाय, वाइन […]
अप्रैल 29th, 2007 | Posted in Uncategorized | 5 Comments
Tweet अभी पिछले दिनो घूघती बासूती जी अपने बचपन मे एक चोर का किस्सा सुनाया था। काफी मजेदार था, पढिएगा जरुर। यहाँ पर मै उनके ब्लॉग का गुणगान नही बल्कि एक अजीब चोर की दास्तान सुनाना चाहता हूँ। चोर का काम होता है, रात के अंधेरे मे, सन्नाटे को चीरता हुआ, चुपके से आए, माल […]
अप्रैल 28th, 2007 | Posted in Uncategorized | 6 Comments
Tweet हम मे से कई लोग गीत संगीत के शौकीन है। कई तो स्थापित गायक भी है। मुझे बताने की जरुरत नही है, कईयों को हम ब्लॉग नाद पर सुन चुके है। क्या कभी आपने हिन्दी फिल्मी गीत ‘कराओके’ प्रयोग किया है? कुछ लोग जिन्होने कराओके का नाम नही सुना हो उनको बता देते है। […]
अप्रैल 28th, 2007 | Posted in Uncategorized | 9 Comments
Tweet आज दिल व्यथित है, बहुत ज्यादा। कुछ चिट्ठेकारों द्वारा नारद संचालकों की निन्दा किए जाने और अनर्गल आरोप लगाने के बाद और कुछ लोगों द्वारा उसको बढावा दिए जाने के बाद। आज मै आत्मचिन्तन करने पर मजबूर हो गया हूँ, कि आखिर हम इतना सब किसके लिए कर रहे है, ऐसे लोगों के लिए, […]
अप्रैल 25th, 2007 | Posted in आपबीती | 50 Comments
Tweet हमारी पिछली पोस्ट पर सुजाता जी ने टिप्पणी की थी कि आलसी और कामचोर लोगों के लिये क्या उपाय है। वे कमेन्टियाई थी कि: अरे !! पहली झलक मे तो हमने पढ लिया ….. “कामचोरों से निबटने के लिए….” ऐसा कोई डिवाइस हो तो वह भी बतारएँ, हम बडे कामचोर हैं। 🙂 लो जी, […]
अप्रैल 24th, 2007 | Posted in Uncategorized | 11 Comments
Tweet क्या आपकी कार चोरी हो गयी है? अक्सर लोग परेशान दिखायी देते है कि दिन दहाड़े उनकी कार को कोई उठा ले गया। बड़े शहरों मे ये वारदाते तो बहुत आम बात है। कई वारदातों मे पाया गया है कि कार को चुराकर, उसे नेपाल भेज दिया जाता है। नेपाल मे कार का नया […]
अप्रैल 23rd, 2007 | Posted in विविध | 7 Comments
Tweet साथियों, जैसा कि आपको पता है अमरीकी विश्वविद्यालय : वर्जीनिया टैक यूनिवर्सिटी मे पिछले दिन एक बंदूकधारी छात्र ने अंधाधुंध फायरिंग करक ३३ लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसका विस्तृत समाचार आप यहाँ पर देखें। हमारे ब्लॉगर भाइयों ने भी इसका कवरेज किया है। इस कांड मे मृतक लोगों की याद मे […]
अप्रैल 18th, 2007 | Posted in Uncategorized | 11 Comments
Tweet इधर गुल्लू मन ही मन सोच रहा था, हाय! हम गोरी चमड़ी वाले क्यों ना हुए। गुल्लू भारी मन से बाहर निकला। जैसे ही वो पंडाल से बाहर निकला, एक मीडिया वाले ने उसे पकड़ लिया और दे दनादन (किस नही बे!) सवालों की बौछार कर दी। लीजिए आप भी झेलिए ये सवाल जवाब। […]
अप्रैल 17th, 2007 | Posted in Uncategorized | 14 Comments
Tweet आप सोचेंगे कि हमे ये क्या हो गया? ये मेरे शब्द नही है, ये गुल्लू के है, गुल्लू बोले तो गुलशन। ट्रक ड्राइवर है, अभी कल ही दिल्ली मे इसको इसका साथी दिलबाग सिंह पकड़कर ले गया था, एक जलसे में। गुल्लू जाना तो नही चाहता था, लेकिन जब उसको पता चला कि शिल्पा […]
अप्रैल 16th, 2007 | Posted in Uncategorized | 10 Comments
Tweet कभी आपने सोचा है कि आपने नामाराशी कितने लोग है आपके शहर में, या आपके प्रदेश मे, या आपके देश मे या फिर पूरी दुनिया में। है ना मजेदार विचार। लेकिन भई ऐसे लोगों को कैसे ढूंढे। है तो बहुत बड़ी उलझन। लेकिन जनाब आपकी इस उलझन को सुलझाया है एक साइट पीप्ल डाट […]
अप्रैल 14th, 2007 | Posted in Uncategorized | 12 Comments