Archive for सितम्बर, 2007
Tweet बहुत दिनो से हम मोहल्ला पुराण को एक किनारे रखकर, अपनी दुनिया मे मशगूल हो गए थे। आज धोनी के धुरन्धरों को देखा तो अपने पुराने दिन फिर से याद आ गए। वैसे जिन लोगो ने हमारा मोहल्ला पुराण ना पढा हो, उनसे निवेदन है कि इस लिंक के द्वारा सारे लेख पढ लें, […]
सितम्बर 26th, 2007 | Posted in आपबीती | 7 Comments
Tweet आज धोनी के धुरन्धर, २०-२० के विश्वकप से विश्व विजेता बनकर वापस भारत लौट रहे है। इन सभी रणबांकुरो का बहुत बहुत स्वागत। फाइनल मे पाकिस्तान को हराकर इन्होने साबित कर दिया है कि युवा किसी भी तरह से अनुभवी खिलाड़ियों से कमतर नही, बल्कि कई कई जगह पर तो ये पुराने खिलाड़ियों से […]
सितम्बर 26th, 2007 | Posted in Uncategorized | 3 Comments
Tweet मेरे विचार से हिन्दी चिट्ठाकारों मे सबके पास जीमेल का एकाउन्ट है। गूगल द्वारा प्रदान की गयी यह एक अच्छी इमेल सेवा है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें है जो शायद आप नही जानते होंगे। आइए इन्ही बातों के बारे मे बात करें।
सितम्बर 17th, 2007 | Posted in Uncategorized | 26 Comments
Tweet आज १६ सितम्बर को हिन्दी चिट्ठाजगत के पितामह कहलाए जाने वाले श्री अनूप शुक्ला जी उर्फ़ फुरसतिया का जन्मदिन है। मेरी तरफ़ से उन्हे जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई। वैसे तो वे पिछले दिनो पूना मे कुछ प्रशिक्षण पाने गए थे, बीच मे सुना है नासिक भी गए थे, आज वे मुम्बई मे विचरण […]
सितम्बर 16th, 2007 | Posted in Uncategorized | 21 Comments
Tweet फुरसतिया जी ने अपनी पोस्ट ठग्गू के लड्डू पर हमरी तरफ़ कुछ सवाल दागे है, अब हम जवाब देने की कोशिश तो किए, लेकिन शायद टिप्पणी माडरेशन मे चली गयी है, इसलिए हम यहाँ भी छाप देते है ताकि बाकी जनता का भी ज्ञानवर्धन हो सके। तो लो जी झेलो आप भी फुरसतिया के […]
सितम्बर 9th, 2007 | Posted in आपबीती | 18 Comments
Tweet आपको याद होगा जनवरी 2007 के महीने मे मैने आपको शैल्फ़ारी नामक एक वैब साइट के बारे मे बताया था, जहाँ पर आपनी बुक-शैल्फ़ सजा सकते है। तब से लेकर अब तक उस साइट ने काफी प्रगति की है। काफी अच्छी सेवा है आप अपनी बुक-शैल्फ़ वहाँ पर सजा सकते है। लेकिन परेशानी सिर्फ़ […]
सितम्बर 9th, 2007 | Posted in Uncategorized | 8 Comments
Tweet जी हाँ, सभी चिट्ठाकारों से निवेदन है कि अपना हाथ और अंगुलियां बचाकर रखे। लेकिन भाई खतरा किस से है? अपनी पत्नियों से। और नही तो क्या। जी हाँ आप सभी चिट्ठाकारों से निवेदन है कि अव्वल तो अपने हाथ और उसकी प्रत्येक अंगुली का बीमा करा लें। उसके बाद जब भी आपकी पत्नी, […]
सितम्बर 2nd, 2007 | Posted in Uncategorized | 7 Comments