Archive for अक्तुबर, 2007

ये हुई ना बात

Tweet परमाणु नीति पर वामपंथियों ने बेचारे मनमोहन सिंह की नींद हराम कर दी थी, ऊपर से सोनिया गांधी की ओर से भी संकेत पाजिटिव नही दिख रहे थे। अंकल सैम का जब जब फोन आता तो सरदारजी को जवाब देते नही बन रहा था। उनकी ये बेबसी कई जगहों पर जगजाहिर भी हुई। लेकिन […]

मेरापन्ना पर टिप्पणीकर्ताओं के ध्यानार्थ

Tweet साथियों, मेरा पन्ना पर टिप्पणी करने वालों के चित्र दिखाने के लिए मैने सर्वव्यापी अवतार यानि ग्रावतार(Gravatar) स्थापित कर दिया है। अब इसके द्वारा, मेरा पन्ना पर आपकी टिप्पणी के साथ साथ आपका मनमोहक चित्र भी दिखेगा और आपके प्रदान किए हुए चित्र को क्लिक करके, पाठक आपके ब्लॉग पर भी जा सकेंगे। अब […]

कहीं दूर जब दिन ढल जाए…

Tweet चित्र सौजन्य :(फ़्लिकर से) कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाए, साँझ की दुलहन बदन चुराए, चुपके से आए.. मेरे ख़यालों के आँगन में, कोई सपनों के, दीप जलाए, दीप जलाए.. कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाए, साँझ की दुलहन बदन चुराए, चुपके से आए.. कभी यूहीं जब हुईं बोझल साँसें, भर आईं बैठे-बैठे, जब […]

मेरी असक्रियता का राज

Tweet आजकल मेरे सभी चिट्ठाकार मित्रों और करीबियों को मुझसे एक ही शिकायत रहती है कि मै अपने चैट विंडो पर बिजी का ही लोगो लगाए रखता हूँ, ना तो मै समय से उनके इमेल को रिप्लाई कर रहा हूँ और ना ही अक्सर चैट मैसेज का जवाब दे रहा हूँ, ऊपर से नारद पर […]

राष्ट्र सेवा में लूट सके तो लूट

Tweet बचपन मे हम क्रिकेट खेलते तो येन केन प्रकारेण पहले बैटिंग करने की कोशिश करते थे, कि क्या पता बाद मे बैटिंग मिले ना मिले। अब बचपन की यादों को हमने फिर से ताजा किया कर्नाटक राज्य मे बीजेपी और जेडीयू की बीच की उठापटक, ये एकदम बचपन की बैटिंग/फील्डिंग वाली कहानी है। अच्छा […]