Archive for 2011

कुन फाया, कुन : एक रूहानी अहसास

Tweet मुझे सूफी संगीत वैसे भी बहुत अच्छा लगता है। चाहे हो फिल्मों से हो या फिर गैर फिल्मी। आजकल एक गीत मेरे जहन में लगातार घूम रहा है, इसके बिना दिन अधूरा अधूरा सा लगता है। गीत है, कुन फाया कुन, फिल्म रॉक-स्टार से। इस गीत की खासियत ये है कि इसको सुनते ही […]

अपने एण्ड्रोइड फोन पर हिन्दी चलाएं

Tweet अभी पिछले दिनो मैंने अपना फोन बदला था, सैमसंग गलक्सी एस से सैमसंग गलक्सी एस2, हिन्दी का सपोर्ट न पिछले एण्ड्रोइड फोन मे था न इसमे। बहुत सारे जतन करके देखे, लेकिन कोई तरीका काम नहीं आया। सारे तरीको में आपको अपने फोन को रूट करना होता था, जिसके कारण आपकी वारंटी खतम होने […]

दशहरा और अतीत की यादें

Tweet आज शुकुल गूगल चैट पर प्रकट हुए और आदेश किया की भई कल दशहरा है, तुमने कुछ लिखा भी है कि नहीं, हम बोले यार नून तेल लकड़ी से फुर्सत मिले तब तो दशहरे का सोचें, फिर विदेश मे ईद दशहरा दिवाली सब एक दिन जैसे ही दिखते हैं। कम से कम कुवैत मे […]

आपका कैरियर और आपकी पसंद?

अक्सर हम अपने बच्चों को शिक्षा देते है की वो अपना कैरियर अपनी पसंद से चुने। पता है क्यों? क्योंकि हम नहीं चाहते की जो परेशानी हमे झेलनी पड़ी, वो उनको भी झेलनी पड़े। क्या कभी आपने सोचा है, कि यदि आप, वो ना होते जो आप अभी है, तो क्या होते? चलिए सोचते है इसी बारे में, तो इंतज़ार मत करिए, लिख मारिए अपनी आप बीती।

नए ब्लॉगर के लिए विशेष

मुझसे अक्सर नए ब्लॉगर पूछते हैं, कि मै अपने ब्लॉग को लोकप्रिय बनाने के लिए क्या उपाय करूँ?

बम धमाके और बहानो का अंबार

Tweet अभी पिछले दिनो दिल्ली में बम धमाके हुए थे, (आशा है आप चौंके नहीं होंगे, अब हमे आदत जो हो गयी है।) फिर जैसा की हमेशा होता है, हमारे गृहमंत्री चिदम्बरम साहेब टीवी पर पधारे। टीवी चैनल वालों ने सवालों की झड़ी लगा दी, हमने महसूस किया कि उनके पास जवाबो की कमी थी, […]

कुवैत मे धूल की सुनामी

Tweet शुक्रवार(25th मार्च,2011) को लगभग शाम के चार बजे, सूर्य अभी चमक रहा था, कुवैत मे यकायक अंधेरा छा गया। इसका कारण था, धूल का बवंडर, जिसने पूरे शहर को अपने आगोश मे ले लिया। जो जहाँ था वहीं थम गया। शहर मे जनजीवन लगभग अस्त व्यस्त हो गया। कुवैत एयरपोर्ट भी इससे अछूता नही […]

ब्लॉगिंग का दुश्मन : ट्विटर?

Tweet कितने हसीन थे वो दिन, जब भाई अपनी खुजली मिटाने के लिए लम्बे लम्बे ब्लॉग लिखा करते, तुरत फुरत उसे पब्लिश करते, फिर चैट पर बैठकर, हर दूसरे बन्दे को लिंक टिकाते। बात यहीं तक सीमित नही रहती, बल्कि लिंक टिकाने के एक घंटे बाद चैट पर तगादा करते, कि पोस्ट समझ मे आई? […]

बदलता ज़माना

Tweet सोशल नैटवर्किंग ने हमारी लाइफ़ को किस तरह से बदल दिया है, इसकी एक बानगी देखिए : मालकिन (नौकरानी से) : कांता बाई! तुम तीन दिन काम पर नही आई,क्या बात है? नौकरानी : मेमसाब! मैने तो फेसबुक पर अपना स्टेटस अपडेट कर दिया था कि तीन दिनो के लिए गाँव जा रही हूँ, […]

मोबाइल नम्बर पोर्टेबिल्टी :कब, क्यों, कैसे?

Tweet आज भारत के मोबाइल क्रांति मे एक और अध्याय जुड़ गया है, अब आप अपना नम्बर बदले बिना अपना सर्विस प्रोवाइडर बदल सकते है। तकनीकी भाषा मे इसको मोबाइल नम्बर पोर्टेबिल्टी कहते है (अब हिन्दी मे इसका क्या अनुवाद होगा, इसके पचड़े मे पड़े बिना आगे पढिए)। From MeraPannaPhoto Photo Courtesy : Blogdefined.com तो […]