सौतेला बर्ताव

भारत सरकार अप्रवासी भारतीयों को क्या समझती है?

    रोज दूध देने वाली गाय?
    सोने का अन्डा देने वाली मुर्गी ?
    या फिर बलि का बकरा?

वैसे तो अप्रवासी भारतीयो के लिये ना जाने क्या क्या वादे किये जाते है, उन्हे सर आंखो पर बिठाने का भरोसा दिलाया जाता है, हर साल प्रवासी दिवस का आयोजन किया जाता है और दूसरी तरफ जोरदार झटका दिया जाता है. सुनकर बहुत दुःख होता है…अब आप ही देखिये..

अभी कुछ दिन पहले सरकार ने भारतीय निजी एयरलाइन्स को भारत से बाहर भी सेवाये शुरू करने का अधिकार दिया है, ताकि खुली प्रतियोगिता हो सके… अब ये निजी एयरलाइन्स कंपनिया हिन्दुस्तान के बाहर भी अपनी सेवाये शुरू कर सकती है, लेकिन सबसे बड़ा मजाक यह है कि इन कम्पनियों को गल्फ मे सेवाये देने की इजाजत नही दी गयी…जहाँ सबसे ज्यादा अप्रवासी रहते है. क्यो? क्योंकि सरकार अप्रवासियों को ठीक तरीके से दुहना चाहती है. अरे भाई देशप्रेम के चक्कर मे लोग परेशानिया सहकर भी एयर इन्डिया और इन्डियन एयरलाइन्स से उड़ान भरते है…और भारत सरकार की एयरलाइन्स मनमाने दाम वसूलती है.

अब यह आदेश किस मन्त्री या अधिकारी के दिमाग की खुराफात है कोई नही जानता, लेकिन इससे यह बात तो बिल्कुल साफ हो गयी है कि गल्फ के अप्रवासी भारतीयों की सरकार को बिल्कुल ही चिन्ता नही है.

सरकार के इस कदम से बाकी कुछ हो या न हो…..एक बात तो जरूर होगी…..गल्फ के अप्रवासी भारतीय एयर इन्डिया और इन्डियन एयरलाइन्स का पूरी तरह से बहिष्कार कर देंगे…. किसी कल्लू बल्लू एयरलाइन्स से भारत आयेंगे, लेकिन IA और AI से तो कतई नही आयेंगे……सरकार को इस रूट पर खाली विमान ना चलाने पड़े तो कहना….इसे कहते है विनाश काले विपरीत बुद्दि, वैसे ही सरकारी एयरलाइन्स घाटे मे चल रही है, और घाटा करवायेंगे….

5 Responses to “सौतेला बर्ताव”

  1. ये बहुत नाइंसाफी है.खाड़ी के लोगों को खाड़ी में कर दिया.कहीं अइसा किया जाता है ? देखो हम बात करते हैं भारत सरकार से.तब तक जरा आराम से रहो.नाराज मत हो.

  2. Humm bahut na insaafi hai yeh to. Jitendar bhaiya sangharsh karo, hum tumhare saath hain. Jab tak suraj chaand rahega jitu bhaiya ka naam rahega.

    Bhaiya hum ko kiraye ke baare main sochte hi nahi. Shayad hum America wasion se jyaada koi nahi jebe bharta hoga airlines ki.

  3. आप लोग हमे चने के झाड़ पर चढा कर नेतागिरी करवाना चाहते है…अरे भइया, अगर हम नेतागिरी करूंगा तो ब्लाग कौन लिखेगा….लालू?
    इसलिये हम जहाँ हूँ ठीक है, लिख कर ही भड़ास निकाल लेते है.

  4. जीतू पेलवान, ओ का है, पहले हम पर खटोला कम्पनी कि सेवाधर्मिता परीक्षित की जावेगी, सफ़ल होने पे प्रोन्नती दे आपकी सेवा का अवसर दिया जावेगा. देखिए नाराज नही ना होईए… हम गिनीपिग बने हूं आपएकी खतिर जबरिए गुस्स-फ़ुस्सा किए आप.

  5. हमारे एक मित्र अभी देशपरायणता के चलते एयरईंडिया से भ्रमण पर गये| अब कान पकड़ रहे हैं दुबारा नहीं जायेंगे| भाईलोगो चार चार घंटे यूरोप में जहाज खड़ा रखते है, शौचालय जाने नही देते , बाहर निकलने नही देते, डपट कर बात करने का अँदाज सो अलग| जीतू भाई आप एयरईंडिया विरोधी मोर्चा बना लो| ज्यादा कुछ नही तो http://www.petitiononline.com/petition.html पर एक याचिका ठोंक दो| हजारों मिल जायेंगे हाय हाय करने के लिए भारत सरकार की| जब एकाध लाख हस्ताक्षर हो जाये तो पुलिंदा भारत सरकार के किसी सरकारी कार्यालय में छपवा कर सरकार को भेज मारिऐ|