पतियों के लिये वीरता पुरस्कार

तो बन्धुओं मुझे हर साल की तरह इस वर्ष भी १५ फरवरी २००५ को वीरता पुरस्कार से नवाजा गया।इस साल १५ फरवरी को हमारी शादी के १२ वर्ष पूरे हुए और हम तेहरवे वर्ष मे प्रवेश कर रहे हैं। ये रहा मेरा वीरता पुरस्कार:

brave

वैसे मेरे विचार से दुनिया भर के पतियों को अपनी शादी की सालगिरह वीरता/सहनशीलता दिवस के रुप मे मनानी चाहिये। ये मेरा मानना है, शुकुल के अपने अलग ही खयालात हैं।बाकी दिन मै बीते दिन याद करूं ना करूं इस दिन मुझे ये गाना जरुर याद आता है:

बड़ा लुत्फ़ था जब…कुंवारे थे हम तुम…..

तो आप सभी लोग, आमंत्रित है हमारे घर पर, लेकिन आज नही, इस वीकेन्ड, आज तो हम सप्तनीक कैंडिल लाइट डिनर पर जा रहे हैं। क्या कहा? बिना निमन्त्रण पत्र के नही आयेंगे, अरे भैया इसे ही निमन्त्रण पत्र समझ लो, और लिफाफा यहाँ से बना लेना।

अच्छा जी अब लिखना बन्द करता हूँ, श्रीमती जी आवाज आ रही है “ये ब्लॉग ही लिखते रहोगे या फिर कुछ काम धाम भी करोगे?”

आपके क्या अनुभव है, लिखियेगा जरुर।

8 Responses to “पतियों के लिये वीरता पुरस्कार”

  1. बधाई हो शादी की सालगिरह की.कामना है कि तमाम सालों का गिरोह बने तथा तुम उनके सरदार.

  2. जीतु भैया

    शादी की सालगिरघ पर बधाई हो !

    आशीष

  3. Badhai ho janaab, mubarakan (roman me).

  4. जीतू भैया,
    विवाह की वर्षगाँठ पर हमारी भी शुभकामना | किन्तु खेद है कि दूरी अधिक होने के कारण मैं पार्टी में नहीं आ पा रहा हूँ |

    अनुनाद

  5. हमारी ओर से भी शादी की सालगिरह की मुबारकबाद.

  6. शादी की बारहवीं वर्षगाँठ की बहुत बहुत (विलम्बित)बधाई। 🙂

    आपके क्या अनुभव है, लिखियेगा जरुर।

    नीली छतरी वाले की मेहर है, अभी बुरा वक्त चालू नहीं हुआ है!! 😉

  7. आप सभी भी शुभकामनाओं का बहुत बहुत धन्यवाद

  8. जीतू भाई आप को शादी कि सालगिरह बहुत मुबारक। अब ज़रा ज़ोर से बोलें : बड़ा लुत्फ़ था जब…कुंवारे थे हम तुम 😉