इन्डीब्लॉगीज विजेता से मुलाकात

अभी थोड़ी देर पहले अपने २००६ के इन्डीब्लॉगीज विजेता शशि कुमार सिंह से बातचीत हुई। आप भी पढिए:

Jitendra: kahan ho yaar
तुम तो गायब ही हो गये
अपहरण तो नही हो गया तुम्हारा?
shashikumarsingh: बिहारी होने पर भी यह सुख नहीं मिला अभी तक. बहिय्आ प्रणाम
Jitendra: नही मिला तो ले लो
तुम बिहार की टिकट कटवाओ, हम एनाउन्समेन्ट का इन्तजामा हम करवाते है
कि एक एनआरआई बिहारी, वापस आ रहा है, जमीन खरीदने
shashikumarsingh: फिरौती आप ही को चुकाना होगा
Jitendra: बस हो जाएगी
फिरौती का क्या है
उसे ब्लॉग पढा पढा कर बोर कर देना
खुद ही छोड़ देगा
हो कहाँ आज कल
तुमने परम्परा (परम्परा ये है कि जो इन्डीब्लॉगीज अवार्ड जीतता है, ब्लॉग लिखना ही छोड़ देता है) तोड़ी नही, हमे तुम पर नाज है।कहाँ टहल गये?
shashikumarsingh: दरअस्ल बिहारी अपहरणकर्ता पढ़ा-लिखा नेटसैवी था उसने कहा कि आइंदा एक शब्द भी लिखा तो बम्बई से ही उठवा लेंगें
Incoming call from shashikumarsingh@gmail.com at 12:44 PM on Sunday
Call from shashikumarsingh@gmail.com missed at 12:44 PM on Sunday
Jitendra: आफिस मे हूँ, आवाज नही सुना सकता
इसलिये टाइप करके ही चैट करिए
shashikumarsingh: इतवार को भी ऑफिस, बड़ी जालिम हैं ये कुवैती
Jitendra: जालिम काहे के, शुक्र और शनि को छुट्टी देते तो है, और क्या जान लोगे?
shashikumarsingh: तब शुक्र को काबा की अओर मुंह करके खुदा को याद करते होंगे या फिर हिंदुस्तान की तरफ मुंह करके हमारे अपहरण की साजिश?
Jitendra: नही ये सारे काम हम रवि वार को करते है
नमाज, तो तब पढेंगे ना जब कन्वर्ट हो जाएंगे
shashikumarsingh: मैं तो हैरत में हूं कि अब तक आपने मेरी श्रद्धांजलि का अअयोजन नहीं रखवाया?
Jitendra: करवा देते हैं, शुभस्य शीघ्रम,कब सिधार रहे हो?
shashikumarsingh: खैर अब नहीं रखवाया तो मैं भी निराश होकर आज से ह्ई लिखने पर लौट रहा हूं.
Jitendra: आज ही लिखो, नही तो कल फोटो पर माला लटकवा देंगे
shashikumarsingh: इतना अच्छा मौका दिया था आपने गंवा दिया तो अब झेलो
Jitendra: नीचे लिखा होगा, नैवेर बार्न नैवर डाइड, जस्ट विजिटेड दिस ब्लॉगडम
फ़लाना तारीख से से डिमकाना तारीख तक।
लिखो जल्द से जल्द, आजकल धर्म पर बहस छिड़ी हुई है
एक जगह तो फ़ड्डा भी हो गया है
ये गुजराती मानस, ऐसे विषय देकर लोगो को भिड़ा रहे है, खामखां, वैसे मैने तो सुना था, गुज्जु लोग बहुत सीधे साधे लोग होते है।
shashikumarsingh: हम भी धार्मिक हैं धर्म पर कुछ बकवास कर ही सकते ह्ऐं.
Jitendra: जरुर करिए, मौका चुकिए नही
आपकी पोस्ट का इन्तजार रहेगा
हम इस संवाद को चिपकाते है अपने ब्लॉग पर, अच्छा जी, नमस्कार, आपकी पोस्ट का इन्तजार रहेगा।
shashikumarsingh:नमस्कार

One Response to “इन्डीब्लॉगीज विजेता से मुलाकात”

  1. भाई लोग,
    जीतू भाई ने इस बार तो मुझे माफ कर दिया पर बिहार के अपहरण उद्योग का अच्छा- खासा नुकसान. खैर अपनी तो जान बची तो लाखों पायें… आप आप लोग अपने लिए शुक्र मनाएये, आज से मैं लौट रहा हूं. फिलहाल मुम्बई से ‘भोजपुरिया होली – 2006’की ये तस्वीरें देखिये…
    http://www.shashisingh.co.in/mumbaiblogs/?p=99

    शशि सिंह