साप्ताहिक जुगाड़ लिंक – 05

तो भैया, हम फिर आ गया हूँ, इस हफ़्ते के जुगाड़ी लिंक लेकर। इससे पहले कुछ काम की बातें। आप यदि चाहे तो इस जुगाड़ी लिंक मे सहायता कर सकते है, हो सकता जो साइट आपको पसन्द आयी हो, दूसरो को भी उस से फायदा हो। तो भैया जो साथी इसमे सहयोग करना चाहते हो, मुझे इमेल लिखे, बाकी का तरीका हम इमेल मे बता देंगे। तो भैया आप लोग आनन्द लीजिए, इस हफ़्ते के जुगाड़ी लिंक्स का।


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ग्राफिक्स सौजन्य से :मास्साब

  1. क्या आपको पता है, गूगल टाक का नया वर्जन आ गया है। हालांकि अभी टेस्टिंग चल रही है, फिर भी आप मजा ले सकते है।लिंक ये रहा
  2. कभी सोचा है आपने, जब सब कुछ गूगल ही बनाता तो कैसा होता? शायद कुछ ऐसा
  3. बिल्लू की पहली विन्डोन्ज ऐसी दिखती थी।
  4. बिल्लू की खिडकियों से कई लोग दु:खी है, सभी लीनिक्स चाहते है लेकिन कौन सा लें, जवाब हाजिर है
  5. वैब डिजाइनरो के लिये इस हफ़्ते के लिंक, सीएसएस वाले यहाँ और यहाँ देखें।।अच्छा एक और लो
  6. इसे जरुर देखना, सही है।
  7. अपनी साइट के लिये फ़ैवीकोन बनाने के लिये एक नही दो जुगाड़।
  8. उनके लिये जो माउस से नफ़रत करते है।एक और भी लो।
  9. अब जब बात बिल्लू की खिड़कियों की हो ही रही है तो ये जानकारी आपकी मदद करेगी।
  10. अपने जीवन को और बेहतर कैसे बनाएं। अरे नही भाई, मै कोई जड़ी बूटी नही बेच रहा, यहाँ देखिए
  11. क्या आपका बॉस खड़ूस है? सबका होता है, इसमे नया क्या है, नया ये है उसको हैन्डिल कैसे करें
  12. नये नये एजेक्स एप्लीकेशन के लिये इस साइट को देखिये।
  13. धांसू वीडियो देखने है क्या? यहाँ देखिए। अपने रिस्क पर देखिएगा।
  14. आनलाइन फीड रीडर्स के बारे मे जानकारी चाहिए ना, तो यहाँ पर देखो। रजनीश भाई आप पढ रहे है ना।
  15. जाते जाते…उस दिन मास्साब ने होर्डिंग दिखाए थे, आज हम दिखाते है, बहुत सही है।कोई भारतीय बन्धु क्यों नही करता ऐसा।तरस गये अपने शहर के होर्डिंग देखने को।

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5 Responses to “साप्ताहिक जुगाड़ लिंक – 05”

  1. …कोई भारतीय बन्धु क्यों नही करता ऐसा।तरस गये अपने शहर के होर्डिंग देखने को।…

    ये आइडिया अच्छा है.

    मेरे एक मित्र ने ट्रकों के पीछे लिखी इबारतें – बुरी नज़र वाले…इत्यादि के फोटे एकत्र कर रखे हैं. उन्हें भी प्रेरणा देनी पड़ेगी 🙂

  2. अरे यार जीतू भैय्या,

    “…कोई भारतीय बन्धु क्यों नही करता ऐसा।तरस गये अपने शहर के होर्डिंग देखने को।…”

    अगर कोई करेगा तो आप ही सबसे पहले डंडा ले के दौडोगे उस बेचारे के पीछे कि -ये तो वहाँ से चेपा है, वो तो वहाँ से चेपा है!!

    अब क्या है ना कि –अपने यहाँ वालों के ही तो आईडिये चुरा के ये विदेशी लोग अपने विज्ञापन बनाते हैं.

    हें..हें..हें.. 🙂

  3. vijay wadnere जीः
    अपने बिलकुल सही फरमाया, दुनिया में कहीं भी देखलो हर बडी से बडी कम्पनी में आईडिये देने वाले ज़ियादा तर भारती ही मलेंगे।

  4. “……कोई भारतीय बन्धु क्यों नही करता ऐसा।तरस गये अपने शहर के होर्डिंग देखने को। ”

    ऐसा नही है, जितुजी. भारत मे भी क्रिएटीव एड बहुत होते है. सच बात तो यह है कि विदेशी कम्पनीयाँ भी भारत की एजेंसीओं से एड डिजाईन करवाती है. आप थोडा इंतजार करें, आपके मास्साब जो नया ब्लोग शुरू करने वाले हैं, उसमे आप वो सब देख पाएंगे.

  5. बहुत बढ़िया जीतू भाई, कीपअप