दारू के बादल

कहते है, पुरातन काल मे देवताओं के यहाँ स्वर्गलोक में सोमरस यानि दारु की नदियां बहती थी, वे पी पा कर टुन्न रहते थे और स्वर्ग की अप्सराओं का डान्स देखने मे मस्त रहते थे। अब ये बात कितनी सच है या कितनी काल्पनिक कोई नही जानता। लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो उन्होने अंतरिक्ष में 463 बिलियन किलोमीटर (अब आप करोड़ों मे खुद तब्दील कर लेना,इत्ता बड़ा जोड़ घटाना कौन करे?) बड़ा शराब का बादल ढूंढ निकाला है। मेरी ना मानो तो लिंक पर क्लिक करके खुद ही पढ लो।हमको तो बस उस दिन का इन्तजार है कि जब वैज्ञानिक लोग इस बादल को पकड़कर धरती पर कंही बारिश करवा देंगे।फिर शुभा मुदगल जी(मेरी सबसे पसंदीदा गायिका) झूम झूम कर गायेंगी


अबकि सावन ऐसा बरसे, बह जाए रंग मेरी चुनर से
भीग तन मन, जियरा तरसे
ऋतु सावन की….घटा सावन की ऐसे जम के बरसे
जम के बरसो जरा…..(गाना यहाँ सुनिए)

लेकिन एक बात समझ मे नही आई,अंतरिक्ष मे इत्ती ज्यादा शराब का क्या इस्तेमाल? कंही देवताओं वाली कहानी सच तो नही? अगर हाँ तो भैया अपना अपना टिकट कटवा लो, चलो अप्सराओं को ढूंढते है, जब दारु है तो अप्सराओं का स्टाक भी वही कंही होगा। है कि नही, तो बोलो शुकुल चलते हो?

8 Responses to “दारू के बादल”

  1. कँई किसी ने अप्सरा बोला क्किया?

    भीया, में भी चल्लियाँ हूँ आप लोगहोनो के सन्ग.
    ओल्लगे तो ‘उडनतस्तरी’ भी ले चलेन्गे.

    में तो के रिया हूँ, भिया, भोत मजा आयेगा.
    रक्कासाओं का डान्स देखे तो भोत समै गुजर गिया हेगा.

    भोत पेले जब में बचपन में छोटा था नी, तब देखा करता था, अब तो काम के मारे फ़ुर्सती नी है.

    ओर, भिया, अपन तो पीने वालों में नी हैं, अपन तो नी पीयेन्गे. अपने को तो पताईच्च हेगा कि सराब पीने से लीवर खराब होता हे. सच्ची, अपने इलाबाद वाले लंबु भैया नेई का (कहा) है.

    पन अपन को भुलना मती भीया, अप्सरा कने जाना हे अपने को भी. हाँ.

  2. पर ऊ है क्या? विस्की, जिन, रम, वोडका, है क्या? यार इत्ता वड्डा है, अरबों खरबों बैरल भर जाएँगे। 😀

  3. ब्लोगरो की पुरी जमात को वहाँ ले जांएंगे. फिर कहेंगे टुट पडो. और वो लोग मदिरापान मे जुट जाएंगे. बस उनको पीने देंगे, अपने तो कन्नी काट कर थोडी आँखे सेंकने चलेंगे. वैसे भी अप्सराओ के नशे के बीच मदीरा की क्या बिसात!!!

    कोई मेरी बीवी को फोन नही करेगा, देख लेना नही तो!!

  4. कोई मेरी बीवी को फोन नही करेगा, देख लेना नही तो!!

    मैं तो अभी बता दूँगा, ज़रा घर का फ़ोन नंबर तो बताना!! 😉

  5. मजेदार लिखा है
    मजा आगया लेख और कमेंट्स पडकर

  6. aaj hi naukri badal ke nasa main ghusta hun. Apne saare cocktail recipes try ho jayenge. Bahut apsara ka naach dekh rahe ho bloggers ghar main biwi nahi hai kya?

  7. लगता है यह लेख आशीष (आई आई टी वाले) या स्वामी ने नही पढ़ा जो तुम लोगो को बताते कि मेथनाल इंसान नही पी सकते और यह बादल मेथनाल का ही है।

  8. लगता है यह लेख आशीष (आई आई टी वाले) या स्वामी ने नही पढ़ा जो तुम लोगो को बताते कि मेथनाल इंसान नही पी सकते और यह बादल मेथनाल का ही है।

    अरे भई, पता है कि मनुष्य नहीं पी सकते, तभी तो देवताओं और अप्सराओं के अस्तित्व पर बात हो रही है!! 😉