साथी हाथ बढाना

अब क्या है कि जब भी मै परेशान होता हूँ, तो मेरी आदत है कि मै अकेला परेशान नही होता, बल्कि आस पड़ोस, जान पहचान और अपने ब्लॉगर दोस्तों को भी परेशान कर देता हूँ। इसे ही तो सहकारिता कहते हैं।अब इन्टरनैट के होने से यही तो फ़ायदा है कि पूरा संसार जैसे एक गाँव के रुप मे सिमट गया है, अब गाँव मे एक बन्दा परेशान है तो दूसरे उसकी मदद करने आयेंगे कि नही? चलिए आप भी मेरे साथ साथ परेशान होइए।

हम सब अक्सर अपने अपने घरों मे पार्टियां करते है, कभी बच्चों की पार्टी, कभी बड़ों की और कभी युगलों की। इस पार्टी मे हम उन्हे कौन से खेल खिलाए, जिससे उनका मन भी बहले और अच्छा भी लगे। ना ना… किसी पार्टी गेम साइट का लिंक देने की कोशिश मत करियेगा, वहाँ वही सब अगड़म सगड़म अंग्रेजी खेलों के लिंक रहते है।इस बार श्रीमती जी चैलेन्ज कर दिया है कि पार्टी मे सारे भारतीयता वाले खेल होने चाहिए, नही तो हिन्दी ब्लॉग लिखने का मतलब क्या? सुबह से आइडिया पर आइडिया ढूढ रहा हूँ, चैट पर अमित आया, उसे परेशान किया, इधर पूर्णिमा जी आयी, उन्होने भी कुछ आइडिया दिए कुछ मिले है, चलिए ये आइडिया आपके साथ शेयर करते है, बकिया आप बताइये, लेकिन हाँ आज या कल मे ही, नही तो बहुत देर हो जायेगी:

  • लोगों की हिन्दी की परीक्षा ले डालिए, किसी एक भगवान का नाम दीजिए और उन्हे भगवान के दूसरे नामों को लिखने को कहिए, जो सबसे ज्यादा लिख ले, वो जीता (उदाहरण : श्रीकृष्ण : कन्हैया, गोपाला, मुरलीधर….)
  • पुरुषों को एक मिनट या दो मिनट में साड़ी बाँधने को कहिए
  • स्त्रियों को पतियों को पगड़ी पहनाने को कहिए।
  • पतियों को आँख बन्द करके, अपनी पत्नी को लिपिस्टिक या बिन्दी लगाने को कहिए।
  • एक थाली मे कुछ छोटी छोटी चीजे रखिए, उस दस सैकेन्ड के लिये सबको दिखाइये, फिर एक मिनट मे सबको उनके नाम लिखने को कहिए।जो सबसे ज्यादा लिख ले वही जीता।
  • किसी एक शब्द के ऊपर फ़िल्मी गानों के मुखड़े लिखने को कहिए।
  • कभी बड़ो से बाल कविताए सुनी है, नही? तो सुनाने के कहिए ना, देखे किसको कितनी आती है?
  • किसी एक प्रदेश का नाम, उदघोषित करिए, सभी को बोलिए, एक मिनट में उस प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा शहरों के नाम लिखे, सही शहरों पर एक अंक, गलत पर आधा अंक काट लीजिए, देखिये कौन जीतता है।
  • अंताक्षरी तो सबने खेली होगी, लेकिन एक ट्विस्ट के साथ खिलाइए, सारे जोड़ो की टीम बनाइये और सिर्फ़ युगल गाने ही गाने हो मान्य हो, देखियेगा बहुत मजा आयेगा।
  • टीवी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों की टैग लाइन्स लिखकर दीजिए, सभी को उस उत्पाद का नाम बताने को कहिए।उदाहरण (मच्छरो का यमराज……) सही जवाब है आल आउट लिक्विड

अब हमको तो जित्ते याद थे, लिख दिए, अब आप भी मदद करिए ना, साथी हाथ बढाना…..

7 Responses to “साथी हाथ बढाना”

  1. कित्ती गलत बात हेगी जीतू भीया,

    सब्से पुछ रये हो कि पालटी में खेल कोन-कोन्से खिलाये,
    ओर काय कि पालटी, किस्की पाल्टी जे तो बतायाईच्च नी.
    ओर तो ओर बूला किसे भी नी रये हो?

    सब्से बस फ़ोकट में जान्कारी ले लो,
    ओर बिचारे को देओ कुछ भी नी…

    जे काँ का इंसाप हेगा?

    जे बी नी बताया

    कि किस्का बड्डे हे?
    कि किस्की सादी की साल्गिरा हे?
    कि तंखा बड गई कि पिरमोसन हो गीया?
    कि कोई तेल का कुवा तो नी कईं पडा मिल गीया?

    जा फ़िर-
    “इक बात सुनी है चाचाजी, बतलाने वाली है,
    घर में एक अनोखी चीज आने वाली है….”

    जा के-
    “..मेरे घर आई एक नन्हीं कली…”

    जा फ़िर-
    “..मांगी थी इक दुआ जो कुबुल हो गई,
    कीमत हमारे प्यार की वसूल हो गई….”

    अरे भीया, पेले कुछ बताओ तो सरी…!!

  2. दरवाजे के अंदर(ईन डोर)
    भैया हमने घर मे तो कभी खेल खेले ही नही, क्षमा चाहते हैं
    दरवाजे के बाहर(ईस मामले मे हम उस्ताद है, हमारे पसन्दिदा खेल)
    १.कबड्डी
    २.खो-खो
    ३.कोडा-बदामशाही
    ४.लुका छीपी

  3. जित्ता मजा जितु भाई का लेख पढ़ कर नीं आया उस्से ज्यादा विजय भाई की टिप्पणी पढ़ कर आया, कमाल करते हो विजय भाई, जीतु भाई अब नाना बन चुके हैं, आप भी कहाँ दूर तक पहुँच जाते हो, वैसे जीतु भाई साब विजय भाई का अंदाज सही तो नहीं?

  4. वैसे कुछ आईडिये भी हेंगे हमारे कने:-

    १. शौहर लोगहोनो को उनकी उनकी बीबीयों की चोटी बांधने को केना (अब लंबे बाल नी होंगे तो मुस्से मत केना)

    २. अलग अलग कामों की पर्चियां बनाना, फ़िर एक डब्बे में डाल कर बैटम की तरह ‘पास’ करते जाना (मुझिक पर). जहाँ रुके, एक पर्ची निकल्वाओ और वो काम करवाओ.
    काम:- गाना गाना, चुटकुला सुनाना, मोनो एक्टिंग, कोई फ़िल्मी डायलाग बोलना, “रिस्पेक्टिव बीबी/शौहर” को ILU बोलना सबके सामने

    ३. मिंया बीबी के हाथ रुमाल से बांध देना और उनसे बिना हाथ के सहारे खोलने को कहना. जो पहले खोले वो जीता.

    ४. मिंयाओं के पर्स, या बीबीयों के पर्स एक ढेर में रखना, और जोडीदार को उसमें से अपनी बीबी/मिंया का सामान ढुढना.

    ५. डम्ब शेराज – २ टीम बना कर – कोई फ़िल्म का नाम किसी एक साथी को बताना, जिसको कि वह अपने दूसरे (बाकी के) साथी को इशारों में बताये.

    ६. बेस्ट ड्रेस्ड कपल का इनाम. (पार्टी के पहले ही बताना पडेगा सबको).

    ७. शौहर के आंखो पर कपडा बांध दे, फ़िर उसे अपनी बीबी को ढुंढने को कहें. या तो आवाज के सहारे, या फ़िर हाथ “टच” कर के…(..जियादा दिमाग चलाने कि नी रखी हेगी..)

    और, अब तो पार्टी का इन्वीटेशन दे दो.

  5. अमां यार, एक आदमी परेशान है और तुम लोग मिलकर चिकाई ले रहे हो। ऐसे नही करते, परेशान आदमी को और परेशान करने से बद्दुआ लगती है, पता नही है क्या?

    खैर! खुशखबरी तो है, लेकिन वो वाली खुशखबरी वाली बात नही है, बिटिआ का जन्मदिन था, १८ अप्रैल को, कुवैती परम्परा के हिसाब से हम लोग इसे आने वाले वीकेन्ड यानि २० अप्रैल को मना रहे है, छोटी सी पार्टी रखी है, (वैसे ही वीकेन्ड पर पार्टी हो जाया करती है), आप लोगो को इसलिये नही बुलाया कि वीजा अरैन्ज नही हो सका, कुछ समय के लिये विजिट वीजा पर पाबन्दी लगी हुई है।

    भाइयों अभी और सुझाव दीजिए, बिना चिकाई किए हुए।

  6. भारत सरकार के नारे “हम दो हमारे दो”के हिसाब से जीतू भाई के यहाँ अभी खुशखबरी की गुजाँईश है। कौन कहता है कि जीतू नाना बनने के बाद दुबारा लड्डू नही खिला सकते? वैसे विजय की टिप्पणी से ऊधम सिंह डीजे की याद आ गई।

  7. सुबह से आइडिया पर आइडिया ढूढ रहा हूँ, चैट पर अमित आया, उसे परेशान किया

    हाँ जी, अब इसमे अपना दिमाग नहीं चलता, सो परेशान तो अवश्य हो गया था आपका प्रश्न पढ़कर। पर अब यहाँ इतने सारे आईडिये देख-पढ़ लिए हैं तो शायद अगली बार किसी के पूछने तक एकाध याद रहेंगे। 😉