रुकावट के लिये खेद है

कुछ दिनों की व्यस्तता के चलते मै अपना ब्लॉग अपडेट नही कर पा रहा हूँ। आशा है आप मेरी परेशानी को समझेंगे और सहयोग करेंगे।

मेरा पन्ना जल्द ही हाजिर होगा, वही मसालेदार, चटपटे लेखों के साथ, इन्तजार कीजिए।

9 Responses to “रुकावट के लिये खेद है”

  1. आपने छुट्टी ले ली है और फुरसतिया जी ने आप पर नया हमला बोल दिया है !
    जरा इस पर आप गौर फरमाये !

  2. लेकिन यह बताओ कि तुम व्यस्त कैसे हो गये? कुछ कामधाम नहीं है क्या?

  3. सही के रीये हो अनुप भाई.

  4. ठीक है, इंतजार कर रहे हैं, जीतू भाई. आराम से पधारें.

  5. जीतू भईया छुपने से काम नही चलनेवाला। आप के नारदावतार से सवाल जवाब करने असली नारद जी पहुँच गये हैं अब अपनी तनिक हास्यरस से सराबोर शैली में प्रकाश डालें कि आपको नारद जी का चोला कहाँ से मिल गया और आप असली नारद जी से कैसे पीछा छुड़ायेंगे?

  6. हम इन्तजार करेंगे तेरा कयामत तक

  7. अरे नहीं भई, वो मेरे से मिलने का पिरोगराम बना रिये हैं, तो कुछ तोहफ़े वगैरह खरीदने के लिए भी तो टैम चाहिए न!! 😉 😀

  8. अरे भाइ, हम दोनो ने लिखना कम कर दिया, लेकिन सच बात बताउ तो सब लोग ब्लोग जगत मे शांति महेसूस करते होंगे। खेर मै तो नया हूं, लेकिन कभी सोचा है की आपने लिखना बंध करके कितनी शांति पहुचायी है?

    अमित, अतुल, अनूप, संजय और सब भाइ लोग, क्यो सच बोलने पर कतराते हो की आप लोग बहुत खुश थे जब जितू लिख्ते नही थे?? 😀
    अब से आप लोगो मे से कोइ ना लिखने वाला हो तो मुजे पहले बता देना ताकि मै लिख सकू। वो क्या है की आप सूरज की हाजरी मे मेरा अंधेरे ब्लोग के ग्राहक कम रहते है!!!

  9. अमित, अतुल, अनूप, संजय और सब भाइ लोग, क्यो सच बोलने पर कतराते हो की आप लोग बहुत खुश थे जब जितू लिख्ते नही थे??

    कसम पंडित रामआसरे की(उनका ईश्वर उनकी आत्मा को शांति से मिलवाए), भई मैं काहे खुश होऊँगा यह सोच कर? मैं तो स्वयं ही कुछ नहीं लिख रहा हूँ आजकल(हिन्दी में)!! 😉