नैना ठग लेंगे।

इधर काफी लम्बी छुट्टियाँ थी, आज छुट्टियों का आखिरी दिन है, कल से वापस फिर काम धन्धे पर । इन दिनो मैने बहुत सही उपयोग किया। मस्ती से अपनी छुट्टियाँ इन्जवाय की, अपने मनपसन्द लेखकों की किताबों को पढा, मनपसन्द संगीत को सुना। तकनीकी स्तर पर भी अपने आपको कुछ इम्प्रूव किया। खैर इन दिनो मै गुलज़ार साहब को काफी सुन रहा था। मेरे को एक गीत बहुत पसन्द आया, उनकी नयी फिल्म ओमकारा से है। गीत के बोल बहुत सुन्दर है:

eyes
नैनो की मत मानियो रे नैनो की मत सुनियो
नैनो की मत सुनियो रे नैनो की मत मानियो रे
नैनो की मत सुनियो नैनो की मत सुनियो रे
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे
जगते जादू फूंकेंगे रे, जगते जगते जादू
जगते जादू फूंकेंगे रे, नींदे बंजर कर देंगे
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे

भला मन्दा देखे ना पराया ना सगा रे नैनो को तो डसने का चस्का लगा रे
भला मन्दा देखे ना पराया ना सगा रे नैनो को तो डसने का चस्का लगा रे
नैनो का ज़हर नशीला रे, नैनो का ज़हर नशीला
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे

बादलों मे सतरंगियाँ बोवे भोर तलक बसावें
बादलों मे सतरंगियाँ बोवे नैना बावरा कर देंगे
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे

नैना रात को चलते चलते, स्वर्गा मे ले जावे
मेघ मल्हार के सपने दीजे, हरयाली दिखावें
नैनों की जुबान पे भरोसा नही आता लिखत पढत ना रसीद ना खाता
सारी बात हवाई, सारी बात हवाई
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे

बिन बादल बरसाये सावन, सावन बिन बरसाता
बिन बादल बरसाए सावन, नैना बावरे कर देंगे
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे
जगते जादू फूंकेंगे रे, जगते जगते जादू
नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे नैना ठग लेंगे, नैना ठग लेंगे

आप इसे यहाँ पर सुन सकते है:

गायक: राहत फतेह अली खां
फिल्म : ओमकारा
संगीत : विशाल भारद्वाज
गीतकार: गुलज़ार

9 Responses to “नैना ठग लेंगे।”

  1. लम्बा गीत हैं, पढ़ते पढ़ते नैना थक गए.
    चलो सुन लेते हैं, लिंक देने के लिए आभार.

  2. वाक़ई बहुत अच्छा गीत है। गुलज़ार साहब की लेखनी का कोई मुक़ाबला नहीं है।

  3. “ओमकारा/strong>”

    लगता है कुछ ज्यादा ही स्ट्रॉग हो गया 🙂 🙂 🙂

    “नैना ठग लेंगे” कहकर आपने हमें ठग लिया, आज तो बहूत पकाया सरजी 🙂 🙂 🙂

    वैसे अन्त में एक अच्छा काम भी किया है, लिंक देने के लिए आभार …

  4. गिरिराज जी, मैने तो गुलज़ार साहब को आपके सामने खड़ा कर दिया है| अब आपको अच्छा लगे या पकाऊ, मै क्या कंहूँ। वैसे मै भी चिट्ठाकारों की कविताए सुनने सुनते झेल गया था, इसलिए गुलज़ार साहब को लाना पड़ा। वो गुरु गोबिन्द सिंह जी कह गए है ना :
    सवा लाख ते एक लड़ाऊं चिड़ियन ते मै बाज़

  5. गीत पढते पढते थक गया तो नीचे उसी को सुनने के लिए लिंक मिला। आपको चाहिये था कि लिंक पहले देते और गीत बाद मे लिखते – मिर्ज़ाजी के साथ रहते आपको भी लोगों को तपाने के गुर आगए 😉

  6. क्षमा करें जीतू भाई, जो मैने आपका दिल दुखाया!!!

    मैने तो “विनोद” किया था और आप दिल पर ले गये, गुलज़ार साहब का तो मैं भी फैन हूँ।

    शायद आपकी नजर स्माईली पर नहीं गई, खैर आगे से ख्याल रखूँगा।

    आदर सहित

    गिरिराज जोशी “कविराज”

  7. पहली बार ध्यान से यह गीत सुना, पढ़ने के बाद. बड़ा अच्छा लगा.
    धन्यवाद, जीतू भाई.

  8. जीतू भाई गीत तो वाकई अच्छा है।
    इस फ़िल्म में एक और गीत है- ” ओ साथी रे……” उसे भी सुनें।

  9. अभिजीत on जून 8th, 2009 at 9:25 pm

    आज सुनने का मन किया तो टाइप किया और आपके पास गीत के बोल लिखे मिले. सच… मजा आ गया. धन्यवाद.