कवर स्टोरी : आखिरी भाग

जैसे ही फुल्ली फालतू टीवी पर सुन्दरी को बचाना है कि मुहिम शुरु हुई, देश भर के मीडिया और विज्ञापन कम्पनियाँ इससे फायदा उठाने की फिराक मे लग गयी, इस पर विशेष तौर पर लिखा लेख, आप संजय भाई के ब्लॉग पर देखिएगा। आइए आगे बात करें।

sundari यहाँ पर घासीराम अपनी भैंस को लेकर रो रहा था, उधर गुल्लू अपने एकाउन्टेन्ट के साथ इस प्रकरण मे हुई कमाई के हिसाब किताब को जोड़ रहा था, उधर स्टूडियो मे बैठा गजोधर मन ही मन अपनी कामयाबी पर खुश हो रहा था, पूरा स्टूडियो सुन्दरी के दूध की चाय पी पीकर चौड़ा हुआ जा रहा था। दूसरे चैनल वाले गजोधर की चिरौरी करने मे जुट गए थे, आखिर उन्हे भी तो फुटेज चाहिए था, गुल्लू ने मनमानी कीमत चार्ज करके फुटेज दिए, उसकी कमाई का हिसाब किताब रखने बैठेंगे तो एक और पोस्ट हो जाएगी।

(उधर दूसरे न्यूज चैनल वालों को अपनी टीआरपी की नैया डूबती दिखायी दे रही थी। इसलिए उनमे से एक बन्दा (अपने आकाओं से परमीशन लेकर) एक नयी भैंस खरीदकर घासीराम के द्वारे बाँध आया फिर उनका भी लाइव और एक्सक्लूसिव कार्यक्रम शुरु हो गया। गुल्लू को जब पता चला तो उसने भैंस के लेटेस्ट फोटो रिलीज कर दिए और दूसरे चैनल की खबर को बोगस साबित करवा दिया। भैंस के फुटेज के साथ घासीराम के इन्टरव्यू को दोबारा दिखाया गया, गवाही के लिए फुरसतिया तो मौजूद था ही। गुल्लू ने साबित कर दिया कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दूसरे चैनल वालों ने खेल खेला था, जबकि फुल्ली फालतू चैनल आम आदमी का मसीहा चैनल है। दूसरे चैनल वालों ने सरकार पर इस नाटक को बन्द कराने के लिए दबाव डालना शुरु कर दिया। विरोधी दल भी इस नाटक को आगे खींचना चाहते थे, इसलिए वो गुल्लू को परोक्ष रुप से सहयोग कर रहे थे, कैसे? अबे अपनी अपनी राज्य सरकारों से विज्ञापन दिलवाकर और कैसे? इसके साथ ही विरोधी पार्टी के नेता पूरे देश भर मे घूम घूम कर घासीराम की भैंस की व्यथा कथा के बहाने सरकार की मा-बहन कर रहे थे। इधर गुल्लू और गजोधर अपने शो को और पापुलर बनाने के अभियान मे जुट गए।)

लोग सोच रहे थे कि कहानी यही खत्म हो जाएगी, लेकिन गजोधर तो इसको कोई और ही रंग देना चाहता था, उसे गुल्लू से इसकी मौखिक एप्रूवल भी मिल गयी थी। गजोधर ने पिछड़े वर्ग की कद्दावर नेता, महाकायादेवी को स्टूडियो मे आमंत्रित किया, महाकाया देवी ने एक शर्त रखी, मुद्दा कोई भी हो, उन्हे उनके घोर विरोधी, राज्य सरकार के माननीय मुख्यमंत्री की बुराई करने से रोका टोका नही जाएगा, नही तो वे माइक वगैरहा तोड़कर ही लौटेंगी या अपने समर्थको से स्टूडियो पर पथराव करवा देंगी। आखिर मानमनौव्वल के बाद वो स्टूडियों मे पधारी तो झेलिए आगे का प्रकरण:

रुपाली: आप देख रहे है सुन्दरी को बचाना है, लाइव और एक्सक्लूसिव सिर्फ़ और सिर्फ़ फ़ुल्ली फ़ालतू चैनल पर, आज हमारे साथ है, पिछड़े वर्ग की महान नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महाकाया देवी। महाकाया देवीजी, आपका इस शो मे स्वागत है।
महाकाया : काहे का स्वागत? इधर गरीब किसान की भैंस गुम गयी है और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है, मै पूछना चाहती हूँ कि माननीय मुख्यमंत्री कहाँ है इस वक्त, ये सब मनुवादी ताकतों का किया धरा है। हमारी पार्टी ने पता लगा लिया है कि घासीराम पिछडी जाति का है इसीलिए उसकी भैंस चोरी की गयी। इन मनुवादियों ने पिछड़े वर्ग के लोगों का जीना हराम कर रखा है। मैने तो आजतक किसी भी अगड़ी जाति के किसान की भैंस की चोरी की बात नही सुनी। ये सब इस सरकार की वजह से हो रहा है, सुरक्षा नाम की तो कोई चीज नही, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, और दोबारा चुनाव कराएं.हम तो पहले से ही…….

(इधर रुपाली महाकाया को बीच मे टोकना चाहती थी, लेकिन दूर से गजोधर ने हाथ हिलाकर, मना कर दिया, रुपाली चुपचाप महाकायादेवी का मनुवादी विरोधी भड़काऊ और महा-पकाऊ भाषण सुनती रही। इधर राज्य सरकार जो केन्द्र मे गठबन्धन मे शामिल है, उसने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि इस भैंस प्रकरण को बन्द कराया जाए नही तो उसको तीसरा मोर्चा बनाने के लिए सोचना पड़ेगा। केन्द्र सरकार वैसे भी बैसाखियों के सहारे चल रही थी। इसलिए प्रधानमन्त्री की पहल पर सूचना प्रसारण मंत्रालय मे भी विचार विमर्श शुरु हो गया। आइए वहाँ चलते है।)

मंत्री: सक्सेना जी, (ये उनके पीए का नाम है।), ये फुल्ली फालतू पर क्या चल रहा है, दो बार मैडम का फोन आ चुका है। बहुत नाराज हो रही थी, चैनल उनके तुर्की के विजिट को भी कवर नही कर रहे। क्या बात है?
सक्सेना : सर जी! ये गुल्लू का खेल है। कहता है जनता की आवाज है, सामने लानी पड़ेगी।
मंत्री: चाहता क्या है?
सक्सेना : सर जी! वो पिछले साल उसने दो और चैनल के एक्सटेन्शन की अर्जी दी थी, जिसे हमने रिजेक्ट कर दिया था, गुल्लू चाहता है उसका एप्रोवल मिल जाए।
मंत्री: ये तो बहुत बड़ी डिमान्ड कर रहा है, लेकिन यार! अगर ये रायता बन्द नही हुआ तो सरकार खतरे मे आ जाएगी, क्या करें?
सक्सेना : मान्डवली कर लेते है सरकार! एक चैनल की मंजूरी दे देते है, आप कैबिनेट से पूछ लीजिए, मै गुल्लू को पटाता हूँ।
मंत्री: ठीक है। ( दोनो अलग अलग फोन पर जुट गए।)

सक्सेना-गुल्लू संवाद
(यहाँ पर यह बात ध्यान देने वाली है सक्सेना और गुल्लू के लंगोटिया यार टाइप ‘बिजिनेस’ रिलेशन है, इस वार्तालाप से लोग नाराज ना हो।)

सक्सेना : अबे! गुल्लू ये क्या रायता फैला रखा है, समेटो इसे।
गुल्लू : कैसे समेटू, सक्सेना जी, टीआरपी टॉप पर है, ऊपर से तिजोरी भी ठसाठस भर रही है।
सक्सेना : गुल्लू, पानी मे रहकर मगर से बैर नही करते। कैसे भी करो, इसे बन्द करो, मंत्री जी नाराज हो रहे है, कंही ऐसा ना हो कि तुम्हारा लाइसेन्स कैन्सिल कर दें।
गुल्लू : सर जी! माइबाप, आप कैन्सिल मत करो, वैसे ही मेरे दो चैनल के प्रपोजल पेन्डिंग पड़े है, गरीब के पेट पर लात मत मारो। मैने तो आपकी आरती उतारने मे कभी कोई कमी नही की।
सक्सेना :मैने मन्त्रीजी से बात की है, तुम्हारे प्रपोजल मे से वो एडल्ट वाले चैनल को हटाओ, उसका काम नही बनेगा, हाँ वो म्यूजिक वाला एप्रूव हो जाएगा।
गुल्लू : सरकार! मैने एडल्ट वाले के लिए बहुत बड़े बड़े करार कर रखे है, इत्ता सारा डीवीडी कलैक्शन ले रखा है, उनका क्या होगा।
सक्सेना :वो मै नही जानता, म्यूजिक वाले के बीच बीच मे फुटेज डालते रहना। और रात को ग्यारह बजे के बाद कुछ भी करो, बच्चे सो जाते है, फिर कुछ भी दिखाओ, चलेगा।
गुल्लू : ठीक है सरकार।
सक्सेना : तो मै डील समझूं? कब बन्द कर रहे हो?
गुल्लू : बस सरकार, आपसे बात हो गयी, बस एक और बड़ी खबर दे दीजिए तो बन्द करा देते है घासीराम की भैंस को।
सक्सेना : अच्छा ठीक है, तुम्हारे पास विरोधी दल के नेता की पैसे लेने वाली वीडियो है ना?
गुल्लू : लेकिन सरकार वो तो बिक गयी। पिछले हफ़्ते ही वो लोग पैसे देकर वापस ले गए। हाँ एक ब्ल्य़ू फिल्म के रैकेट वाली वीडियो है।
सक्सेना : गुल्लू तुम बहुत #$%$#$ हो, साले सब कुछ बेच देते हो। अब तुम फिर ब्लू फिल्म के रैकेट के बहाने, अपनी डीवीडी पेलना चाहते हो। ठीक है दिखा दो, लेकिन ध्यान रखना, कोई बड़ा रायता ना फैले, नही तो मै बचाने नही आऊंगा। अच्छा हाँ, शाम को क्लब मे बैग के साथ आ जाना, सुना है बहुत मलाई छाने हो, हमे भी तो चखाओ।
गुल्लू :आप चिन्ता मत करे सरकार! आप ही तो हमारे माईबाप है। मै शाम को खुद हाजिर हो जाता हूँ।

(इधर गुल्लू ने गजोधर को समेटा समेटी के आदेश दिए, रात के अन्धेरे मे सुन्दरी को घासीराम के घर के पिछवाड़े बँधवा दिया गया, कैसे? अबे फुरसतिया किस दिन काम आएगा। घासीराम को रोने गाने के लिए थोड़े पैसे टिकाए गए। विरोधी नेताओं को खबर कर दी गयी कि रायता समेटा जा रहा है। मंत्रीजी ने अपने आकाओं को आश्वस्त किया कि कल तक सब कुछ ठीक हो जाएगा। फुल्ली फालतू चैनल के पूरे स्टाफ को बोनस बाँटा गया, रुपाली, गजोधर और इस मुहिम मे शामिल बन्दों का प्रमोशन हुआ। सक्सेना को बैग मिला, मन्त्री जी को राहत, गुल्लू को एक और चैनल का एक्सटेन्शन और घासीराम को उसकी भैंस। इस तरह से इस छोटी सी खबर से इत्ते सारे लोगों का भला हुआ और हाँ मंत्रीजी ने नए म्यूजिक चैनल के उदघाटन पर इस चैनल को देश के युवाओं के लिए एक नयी शुरुवात बताया। तो भैया हम भी निकलते है, आप भी निकलो, देखते रहिए, फुल्ली फालतू चैनल।

और हाँ, मेरा पन्ना पर टिप्पणी करना मत भूलना। पढते रहिए, मेरा सॉरी आप सभी का पन्ना।

2 Responses to “कवर स्टोरी : आखिरी भाग”

  1. फुल्ली फालतू टापिक की फस्क्लास कवरेज के लिए बधाई।

  2. पिछड़े वर्ग की कद्दावर नेता बहन सुश्री महाकाया देवी ने बिलकुल सही मुद्दा उठाया था – आपने बीच में ही काट दिया. उसे प्राइम टाइम में पुनः प्रसारित करने की कृपा करें.