गणतन्त्र दिवस : हमने भारत को क्या दिया
आप सभी को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
आज का दिन यह सोचने का नही है कि भारत ने हमे क्या दिया, आज हमे इस पर विचार करना है कि भारत के लिए हमने क्या किया, हमारा क्या योगदान है। किसी भी देश की पहचान उसके देशवासियों से होती है, उनके विचारों से होती है, उनकी लगन, मेहनत और इच्छा-शक्ति से होती है। आज विश्व हमारी तरफ़ आशा भरी निगाहों से देख रहा है, आइए गणतन्त्र दिवस के पावन पर्व पर शपथ लें कि हम देश के लिए योगदान करेंगे, कुछ ऐसा योगदान जो देश को और आगे ले जा सके।
वीडियो सौजन्य : यू-टयूब
आइए बनाएं एक बेहतर भारत।
आइए बनाएं एक बेहतर भारत।
हमारा अपना भारत।
बहुत अच्छा विडियो है.. और विचार भी.. मैं क्य योग्दान दे पाउंगी पता नहीं .. पर कोशिश करूंगी
गणतंत्र दिवस पर आपको भी हार्दिक शुभकामनायें.
जीतू भाई आप भारत के विषय में क्या सोंचते है,मैं मात्र यह विडियो देख कर कह सकता हूँ…अभी हमारे देश को निराशा की नहीं आशाओं की पुकार है…स्वर्णपाखी भारत का स्वर्णीम विकास!!!
अच्छा विडियो। हम क्या योगदान दे सकते हैं ये कइयों का सवाल रहता है। मेरा विचार इस पर एक विस्तृत लेख लिखने का है। आशा है जल्दी पूरा करूँगा।
देश के लिये अपनी जानदेने वाले फौजियों के घरवाले आज शायद यही कह रहे होंगे – “हमने भारत को क्या नही दिया”
जीतू भाई, देर से टिप्पणी देने के लिए मुआफ़ी चाहता हुं क्या करुं देर से पहुंचा हूं ना चिठ्ठा जगत पर। जैसा कि आपने लिखा है मै उस से सहमत हूं, दरअसल आज हम ज्यादा से ज्यादा स्वार्थी और व्यवसायिक होते जा रहे है। हम यह भूल जाते हैं कि जिस परिस्थितियों, समाज और देश में रहते हैं उसके प्रति भी हमारी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं। बचपन में हमने यह पढ़ा था कि नागरिकता के नियमों के मुताबिक नागरिकों के अधिकार व कर्तव्य एक दुसरे में निहित है। एक नागरिक के अधिकार दुसरे का कर्तव्य है पर आज………आज हम अपने अधिकारों के प्रति तो जागरुक हैं और कर्तव्यों के प्रति उदासीन। हमारा स्वार्थ इतना बढ़ता जा रहा है कि अपने अधिकारों का ज्यादा से ज्यादा दोहन करने व पाने की कामना करते हुए अपने कर्तव्य भूलकर दुसरों के अधिकारों पर अतिक्रमण की कोशिश किए चले जाते हैं, बस यहीं पर आकर अधिकार और कर्तव्य का बना हुआ संतुलन टूटने लगता है, परिस्थितियां बिगड़ने लगती है और नतीजा सामने आता है कानून-व्यवस्था खराब होने के रुप में।
’जो भरा नहीं है भावों से
जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है,
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।’
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई …
26 जनवरी आने वाला है, यह दिन सम्पूर्ण भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 जनवरी 2012 से ठीक 22645 दिन पूर्व 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था. बताया जाता है की पुरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ का गणतंत्र सबसे विशाल है. इस दिन को पुरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ एक राजकीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
ज्ञातव्य हो की हमारे संविधान को 211 विद्वानों द्वारा 2 महीने और 11 दिन में पूरा किया गया था. इस संविधान को 25 नवम्बर 1949 को मंजूरी मिली थी और 24 जनवरी 1950 को सभी सांसदों, विधायकों और अन्य मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किये जाने के उपरांत ही 26 जनवरी 1950 को पूर्णरूपेण भारत में लागू किया गया था.
इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बँधाए,
कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,
इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,
और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गँवाए!
किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।
एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।
आज देश है मांग रहा वीरों की आहुतियाँ फिर ,,
वीर भगत आजाद विस्मिल की आत्मा व्याकुल फिर,,
देश युवावों का ही है वह ही इसका भविष्य रचें ,,
वीर सुभाष हैं पथ दर्शक फिर से एक इतिहास रचें,,
देश विश्व में आलोकित हो गौरव इसका फिर वापस आये,,
करें कर्म कुछ ऐसा हम भारत स्वर्णिम आभा से रंग जाए,,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना ….. जय हिंद वंदे मातरम माँ तुझे प्रणाम माँ तुझे सलाम वंदे मातरम
ch.sanjeev tyagi (kutabpur waley)
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