कारचोरों से निबटने के लिए ट्रैकिक डिवाइस

क्या आपकी कार चोरी हो गयी है? अक्सर लोग परेशान दिखायी देते है कि दिन दहाड़े उनकी कार को कोई उठा ले गया। बड़े शहरों मे ये वारदाते तो बहुत आम बात है। कई वारदातों मे पाया गया है कि कार को चुराकर, उसे नेपाल भेज दिया जाता है। नेपाल मे कार का नया नम्बर ले लिया जाता है। कार चोरी मे कई सारे गैंग कार्यरत है। खैर हम यहां उन कारचोरों के गैंग पर रिसर्च करने नही बैठे, आज हम बात करते है कि कार चोरों से निबटने का इलाज।


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आज बाजार मे कई तरह के तकनीकी उपकरण मिलने लगे है, जिनमे एक है वेहिकिल ट्रेकिंग डिवाइस, ना ना, आप जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस से कन्फ़्यूज मत होइएगा। वेहिकिल ट्रेकिंग डिवाइस, एक तरह का कार चोरों से निबटने का एक तरीका है। इसमे आपकी कार के कुछ खुफिया तहखाने मे एक सिमकार्ड लगाने वाला डिवाइस लगा होता है। इसमे एक पोस्ट पेड सिमकार्ड लगाया जाता है। जैस ही आपकी कार चोरी होती है आप एक विशेष नम्बर डायल करके इस डिवाइस को चालू कर सकते है। इसके चालू होते ही, आपकी कार की ट्रैकिंग शुरु। सिमकार्ड हर एक्टिविटी, दरवाजा बन्द होने, मूवमेंट होने पर आपको (पहले प्रोग्राम किए हुए नम्बर पर) एसएमएस भेजता रहता है। और इतना ही नही कार किस रास्ते से गुज़र रही है उसकी जानकारी भी आपको एसएमएस द्वारा मिलती रहती है। इन सिग्नल्स को एक जगह इकट्ठा करके रुट मैप भी बनाया जा सकता है। यह इतना सूक्ष्म होता है कि चोरों की इसकी भनक भी नही लग पाती। अभी दिल्ली मे कुछ कारों की चोरी इसी तरह के यंत्रो की मदद से पकड़ी गयी थी। वैसे यह ज्यादा खर्चीला भी नही, लगभग दस हजार के आसपास सारा तामझाम आ जाता है। लेकिन उन कारों का क्या किया जाए, जो चोरी होती ही स्पेयर पार्ट्स मे तब्दील हो जाती है। शायद उसके लिए इन्तज़ार करना होगा।

विदेशों मे इससे ज्यादा आधुनिक तकनीक प्रयोग की जाती है जिसमे GSM की जगह, सैटेलाइट से जीपीएस ट्रैकिंग (Global Positioning System) प्रयोग होता है। कई कार निर्माता कम्पनियां इस तकनीक को अपनी कार मे लगाकर बेचती है, लेकिन अभी यह तकनीक काफी महंगी है। गल्फ़ मे अक्सर कई कारों मे यह तकनीक लगी हुई मिलती है, कार चोरों के डर से नही, बल्कि रेगिस्तान मे रास्ता भटकने से बचने के लिए। भविष्य मे इस तरह के सिस्टम्स को गूगल मैप जैसी सेवाओं से जोडकर बहुत बेहतर किया जा सकता है।

7 Responses to “कारचोरों से निबटने के लिए ट्रैकिक डिवाइस”

  1. Bahut hi rochak aur gyanwardhak hai ye lekh.

  2. अरे, आज के टाइम्स ऑफ इंडिया में आज इसी पर तो पहले पेज की ख़बर थी। मेरे ही पड़ोस में एक कार शुक्रवार शाम को किसी ने उड़ा ली थी, जिसे अगले ही दिन इसी तकनीक से ट्रैक कर लिया गया।

  3. दस हजार रुपये में तो अच्छी एवं उपयोगी सेवा है.

  4. अरे !!
    पहली झलक मे तो हमने पढ लिया …..
    “कामचोरों से निबटने के लिए….”
    ऐसा कोई डिवाइस हो तो वह भी बतारएँ, हम बडे कामचोर हैं।
    🙂

  5. पर जीतू भईया घर के बाहर खडी गाडीयो मे से कोई इसे चुरा ले गया तो अब इसके बचाने के लिये कोई और डिवाइस लगानी पडेगी

  6. यह उपकरण कारगर तभी है जब इसमें लगा हुआ सिमकार्ड ऐसी मोबाईल कंपनी का है जिससे इस उपकरण के निर्माताओं की सेटिंग है, क्यों जीतू भाई? पढ़ा तो मैंने भी था हाल ही में ऐसे उपकरण के बारे में। एक जगह देखा था कि ऐसी सुविधा भी थी कि एसएमएस या फोन करके इंजन को भी बंद किया जा सकता था।

    लेकिन फिर भी, यह उपकरण उतना कारगर नहीं। जीपीएस महंगा अवश्य है लेकिन सही मायने में कारगर है। अब आपकी गाड़ी ऐसी जगह चली गई जहाँ मोबाईल नेटवर्क नहीं है तो क्या करोगे? लेकिन जीपीएस तो वहाँ भी चलेगा। 🙂 चलते ट्रेन्ड के अनुसार जल्द ही ये तकनीक सस्ती होएगी कि आम गाड़ी वाले भी इसको प्रयोग कर सकें। 🙂

  7. पर नालायक चोर भी कोई कम नहीं, ये देखिये
    http://www.northjersey.com/page.php?qstr=eXJpcnk3ZjczN2Y3dnFlZUVFeXkzNTcmZmdiZWw3Zjd2cWVlRUV5eTcxMDA4ODgmeXJpcnk3ZjcxN2Y3dnFlZUVFeXkz