आप अजनबियो से बातचीत कैसे शुरु करते है?

अक्सर हम ट्रेन, बस, विमान मे यात्रा करते है तो देखते है कि कई कई बार अलग अलग अजीब तरीके से बातचीत की शुरुवात करते है। इस बारे मे बताने से पहले आइए एक किस्सा बताऊं। लोगों के पास अक्सर एक खिलौना होता है जिसको मोबाइल कहते है। लोगों मे अपने मोबाइल को दिखाने की (बार बार लगातार) खुजली मची रहती है। ट्रेन, बस या विमान मे तो ये खुजली कई कई गुना बढ जाती है।

वैसे तो अक्सर लोग तो इससे सिर्फ़ बातचीत करते है, लेकिन कई लोग इसका प्रयोग अपना परिचय देने की सफ़ल कोशिश मे भी करते है। अपने बारे मे आपको ये पूरी पूरी बात कर ही दम लेंगे, आप सुनना चाहे अथवा ना चाहे। दरअसल ये सामने वाले को बातचीत शुरु करने से पहले ही अपने बारे मे सब बता देना चाहते है, ताकि सनद रहे और वक्त जरुरत काम आए। अभी पिछले दिनो मै एक रेल यात्रा मे था बगल की सीट पर एक (खूबसूरत) महिला बैठी थी, सामने की सीट पर एक अर्धबुजुर्ग महाशय बैठे थे, शायद कोई व्यापारी थे, अकेली महिला को देखकर इम्प्रेशन जमाने की कोशिश मे उन्होने अपना मोबाइल निकाल लिया और बातचीत शुरु की:

हैलो, अतुल अरोरा (अपना नाम बता दिया) बोल रिया हूँ, पैकिंग मटेरियल पर क्या क्या काम हुआ अब तक?
अरे यार! तुम लोग समय की कीमत समझते नही, ये एक्स्पोर्ट आर्डर है, मेरी इज्जत दाँव पर लगी है। टाइम पर काम करते नही, फिर अगर मै चिल्लाता हूँ तो तुम लोग कहते हो कि अतुल भाई (रिपीट किया ताकि याद रहे) चिल्लाते है।
देखो मै अभी दिल्ली आ रहा हूँ, कल सुबह तक मुझे काम पूरा चाहिए,।
अच्छा गाड़ी कौन लेकर आ रहा है स्टेशन?
अच्छा कौन सी?
नही फोर्ड मत भेजो, वो एयरपोर्ट भेजना, पप्पू अमरीका से आ रहा है। सुनो ऐसा करो… गैरेज मे मर्सीडिज रखी है, लेकिन श्यामू को ही देना चाभी, उसे पता है कैसे चलानी है, दूसरे किसी ड्राइवर को मत देना… ( ये अपना स्टेटस बता रहे है, एक्सपोर्टर है, कई कारें, कई ड्राइवर, हवाई यात्राएं वगैरहा)

इसके अलावा भी बहुत सारी बाते ये पूरे डब्बे को सुनाते है, एक बार नही बार बार ताकि लोगों को इनके बारे मे पूरा पता चल जाए। महिलाए तो बहुत दुखी करती है, अपने पति का सारा दुखड़ा मोबाइल पर रोती है, ताकि पूरी ट्रेन सुने और इच्छुक लोग आनलाइन एप्लाई कर सकें। किसी को भी इनसे परिचय पूछने की जरुरत ही नही, अपना नाम, पता, प्रोफ़ेशन, पसन्द, नापसन्द, इच्छाए सब बता देती है, और तो और अपनी तारीफ़ वगैरह के मामले मे पूरी तरह से सैल्फ़ डिपेन्ड है। और हाँ सामने वाली पार्टी पर इम्प्रेशन पूरा पड़ना चाहिए, उसमे कोई कमी ना रह जाए। व्यापरी महोदय को तो झेल लिया, अब इस महिला की भी सुन लें, वो इनसे दो कदम आगे निकली, मामले की नजाकत( बुजुर्ग को क्या इम्र्पेस करना) को समझते हुए, खुद को आननफानन में इन्कमटैक्स आफिसर घोषित कर दिया और अपने मातहत से किसी जगह रेड डलवाने के सिलसिले में बातचीत करने लगी। व्यापारियों की इन्कमटैक्स वाले से, उत्पादकों की एक्साइज वालों से हालत खराब होती है। इधर व्यापारी महोदय का जोश एकदम ठंडा हो गया और वे आगे के सफ़र मे चुपचाप बैठ गए, एकदम जैसे मुँह पर अंगुली रखकर। इसे कहते है सेर को मिला सवासेर…

ये तो था किस्सा, आइए देखते है अक्सर लोग बातचीत का आगाज़ कैसे कैसे करते है।

आज गाड़ी लेट है….
लगता है आज बारिश होगी…
धूप बहुत तेज है ना?
( अगर सामने महिला है तो )ये बच्चा आपका है? बड़ा प्यारा है (अपने हिसाब से डिक्लेयर कर दिया)
आप कहाँ तक जा रहे है?
उफ़्फ़! ये रेलवे की गंदगी….
आप क्या करते है?
ये सूटकेस आपका है?
मै भी इसी राइटर को पसन्द करता हूँ।
जरा अखबार देंगे….
(अखबार पढते हुए) ये नेता लोग कभी नही सुधरेंगे……

ये एम्रीगॆशन वाले भी ना…..
ये एयरलाइन कुछ बेहतर है
इसका जहाज तो माशा अल्लाह…
आप तो फलाना अखबार मे है ना? (मरता ना क्या करता, हाँ या ना मे जवाब तो देना ही पड़ेगा)

कुछ लोग और फारवर्ड होते है, मुझे एक महिला मिली थी, तपाक से हाथ मिलाया और बोली
आइ एम जैनेट, मुझे हवाईजहाज मे चुप रहना अच्छा नही लगता, आप तो कोई एक्जीक्यूटिव लगते है, मै फलाना कम्पनी मे फलानी पोस्ट पर हूँ, सच मे…….. (अब इस महिला के सामने तो हमारी बोलती बन्द, वे बोलने का मौका दे तब तो हम देसीगिरी दिखाएं, बहुत झेले थे उस यात्रा मे। अब फ़्लाइट फुल थी, जगह बदल सकते नही थे, इसलिए हम ओशो की एक किताब निकालकर पढने बैठे, तब जाकर उसका मुँह बन्द हुआ)

वैसे अजनबियों से सावधान रहिए, यदि कोई आपकी तरफ़ देखकर मुस्कराता है तो यकीन मानिए वो या तो आपको किसी स्कीम मे मेम्बर बनाने का लालच देने वाला है या फिर एमवे टाइप की चैन मे फांसने वाला है। रेलयात्रा मे विशेष ध्यान दीजिए, मुस्कराने वाले की नजर आप पर नही, आपकी अटैची पर होगी, पक्का जहरखुरानी वाले गिरोह से ताल्लुक रखता होगा। अकेली महिलाओं पर विशेष ध्यान दीजिए, वे आपको दिखती अकेली है, लेकिन पूरा गिरोह आस पास बैठा होता है।

अच्छा आप अजनबियों से कैसे बातचीत शुरु करते है? आपके अपने क्या अनुभव है, लिखिएगा जरुर।

19 Responses to “आप अजनबियो से बातचीत कैसे शुरु करते है?”

  1. पहले की बात होती तो शायद गर्मी को लेकर बातें शुरु करते…अब ज्यादातर नेताओं को लेकर बात शुरु होती है…फिर सचिन के फार्म को लेकर…दो साल पहले तक सौरव गांगुली टीम में रहने चाहिए या नही…लेकिन जब से उन्होंने अच्छा खेलना शुरु किया, ये आप्शन भी जाता रहा…तकलीफ और बढ गई है, जब से लालू जी बिहार में नहीं रहे…

    जहां तक एमवे वालों की बात है, तो ऐसे लोगों से अभी तक पाला नहीं पडा…हां मुश्किल आने पर मैने तो सोच रखा है कि मैं हिन्दी ब्लागिंग की बातें लेकर चढ जाऊंगा ऐसे लोगों के ऊपर..

  2. अच्छी जानकारी दी है।आगे से हम भी ध्यान रखेगें।धन्यवाद।

  3. बड़ी सशक्त पोस्ट है.
    कई नुस्खे/तरीके बता दिये इम्प्रेशन झाड़ने के. 🙂

  4. अच्छा लगा। वैसे वहां आप भी तो थे… 🙂

  5. अच्छा आईडिया है इस बार आजमायेगे ,वैसे आप कब आ रहे है ट्रायल के लिये आप भी बुरे श्रोता सिद्ध नही होगे..:)

  6. यह यात्रा जरूर कानपुर और दिल्ली के बीच हुई होगी. अक्सर ऐसे वाकये इसी रूट पर होते हैं.

  7. कुछ लोग दूसरे से समय पूछते हैं( अपने पास घड़ी होते हुए भी), कुछ मोबाईल को जानबूझ झटके देते हैं, जोर जोर से बटन दबाते हैं और कहते हैं, ये बी एस एन एल भी एकदम बेकार है, साला रेल्वे स्टेशन पर भी नेटवर्क नहीं पकड़ता; मुझे तो हच सबसे ज्यादा पसन्द है(तो बी एस एन एल क्यों लिया था?)
    वैसे लेख से बहुत कुछ सीखने को मिला कि कैसे इम्प्रेशन डाल सकते हैं दूसरों पर।

  8. मजेदार ताऊ, बहुत दिनों बाद खालिस गप्पें लड़ाने आए। 🙂

    वैसे हम किसी से यात्रा में ज्यादा बात नहीं करते लेकिन अगला शुरु हो जाए तो कर लेते हैं। कुछेक बार ऐसा भी हुआ कि एक ही यात्रा में बिछड़ने तक अच्छी-खासी बातें हो गई। कई बार चिपकू लोग भी मिल जाते हैं जिनसे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।

    ये देसीगिरी क्या होती है भाई?

    @Shiv,

    जहां तक एमवे वालों की बात है, तो ऐसे लोगों से अभी तक पाला नहीं पडा…हां मुश्किल आने पर मैने तो सोच रखा है कि मैं हिन्दी ब्लागिंग की बातें लेकर चढ जाऊंगा ऐसे लोगों के ऊपर..

    कमाल है मैं ये काम कर भी चुका हूँ, कभी डिटेल से पोस्ट लिखकर पूरी कहानी सुनाऊंगा।

  9. आप तो कोई एक्जीक्यूटिव लगते है— सच में कहा ऐसा कि फेक रहे हो पार्टनर. बाकि सब ठीक लग रहा है. न जाने क्यूँ इस पर जरा डाउट गिर गया या तो उसने आपकी कार वाली पोस्ट पढ़कर यूँ ही बहला दिया होगा टिप्पणी टाईप. 🙂

    ज्ञानवर्ता प्रसारित और प्रकाशित करने का अति आभार.

  10. ओशो की कौन सी किताब पढ़ने लगे? संभोग से समाधि तक?
    इम्प्रेशन झाड़ने के कुछ और नये तरीके बताओ भाई!

  11. Mazaa aa gaya padh kar..

    Apne experience se aapko batau toh.. Bahar padhne ke kaaran maine bahut travelling ki hai.. aur zyadatar family ke beech mein phasa hoon.. inki modus operandi aisi hoti.. pehle yeh poochte hai.. Student ho aap.. Kya padhte ho.. Kahan ke ho.. aur mithai ya kuch aisa offer karenge.. etc etc.. thodi derr mein poochenge.. yeh lower berth aapki hai.. agar aap kahenge haan.. toh samajiye mithai le gayi aapki berth..

    Mujhe toh mithaiya pasand nahi hai.. lekin agar aapko hai toh berth dene se pehle jitni leni ho le lijiyega.. phir nahi poochenge..

  12. हा हा… बढ़िया लेख।

    वैसे मै बाहर बात करने से कतराती हूँ, और कभी अकेले लम्बी यात्रा पर निकली नहीं, इसलिये ज्यादातर वक्त भाई-बहनो या मम्मी-पापा से बात करने मे जाता है, ऐसे मे अगर कोई बात करने आये भी तो, मै तो अपने मेडिटेशन तरीके बता बता के पकाना शुरू करती हूँ, सामने वाला तुरंत खिसक जायेगा 😀
    ना खिसका तो भी अच्छा है क्युँकि यह मेरा विषय है और मै इस पर घंटो बात कर सकती हूँ, किसी से भी 🙂

  13. भई अमरीका में तो अनजान आदमी को देखकर ना मुस्कराना बदतमीज़ी होती है।

  14. अरे भई, यह रेलयात्रा ऐसी चीज है जिसमें अक्सर कई मजेदार किस्से होते हैं। अच्छा हुआ आपने याद दिला दिया मैं तो अपना एक लंबा-चौड़ा यात्रा वृत्तांत लिखने की सोच रहा हूं लेकिन कई दिनो से वक्त नहीं मिल पा रहा है। बात शुरू करने के कई नुस्खे हमारे पास भी हैं कभी फुर्सत से बतायेंगे, तब तक आप रोजाना हमारे ब्लाग पर आते रहिये। कोई शीर्षक पसंद आये तो पूरी रचना भी पढ़कर कृतार्थ करें।

  15. YEH BLOG PADHKAR MAJA AA GYA. ABHI TO SURUAAT HAI THODA INTJAR KARIYE PHIR DEKHNA MAIN LIKHUNGA LOG PADHEGAIN.
    MUJHE AAPKE SAHYOG KI JARURAT HAI.

  16. वैसे मस्त लिखते हो भाई ……अक्सर ऐसे लोग मिल ही जाते हैं ……/

  17. ज्यादातर वक्त भाई-बहनो या मम्मी-पापा से बात करने मे जाता है, ऐसे मे अगर कोई बात करने आये भी तो, मै तो अपने मेडिटेशन

  18. वैसे मस्त लिखते हो भाई ……अक्सर ऐसे

  19. TIME PASS KE LIYE ACHHA HAI, KANWAL