आईपीएल: जमने लगा है रंग
जैसा कि आपको पता ही है, बीसीसीसीआई का सर्कस (हाँ जी, कई लोग इसे इसी नाम से पुकारते है) यानि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) T20 टूर्नामेंट पूरे तामझाम और धूमधाम से शुरु हो चुका है। डीएलएफ़ और ढेर सारे अन्य प्रायोजक द्वारा प्रायोजित इस टूर्नामेंट मे लाखो करोड़ो के दाँव लगे है। व्यापरियों से लेकर फिल्मस्टार अपना माल इसमे लगाए हुए है। पूरे क्रिकेट की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी हुई है। खैर ये सब तो आप बाकी जगह पढ ही चुके हो, इसको बताकर आपका टाइम खोटी नही करने का। हम तो यह बताना चाहते है, कि लाख पंगो और विरोधों के बाद, आईपीएल का रंग चढने लगा है। 45 दिन तक चलने वाले इस महाकुंभ मेले मे आठ टीमे आमने सामने है। भले ही उदघाटन मैच थोड़ा फीका रहा हो, लेकिन अब बाकी के मैचों मे लोगो का उत्साह देखने लायक है। अभी तो शुरुवात है बाबू, अभी तो सभी टीमे अपना अपना रुतबा और बढाएंगी, टीवी, रेडियो, पत्रिकाओं वगैरहा मे कवरेज बढेगी। सभी टीमे अपना अपना वीडियो लाएंगी और ढेर सारे प्रमोशनल प्रोडक्ट्स भी। कुल मिलाकर जब तक पूरा भारत आईपीएल के रंग मे नही रंगा जाएगा, तब तक खर्चा थोड़े ही निकलेगा है कि नही? ढेर सारी कंट्रोवर्सी भी होगी, अब कित्ती होगी कह नही सकते, यूरोप और अमरीका की प्रीमियर लीग तो ढेर सारे लटके झटके होते है।
आईपीएल की इस 20-20 श्रृंखला के पक्ष और विपक्ष मे काफी कुछ कहा जा चुका है। भई हमको तो इसे देखने मे बहुत मजा आता है। आइए आपको बताते है कि आईपीएल की इस T20 की जंग को देखने के क्या क्या फायदे है:
- सारे मैच शाम को होते है, इसलिए ऑफिस मे बॉस से छिपकर देखने वाला मसला भी नही।
- सारा दिन टीवी मे आँखे गड़ाकर देखने का चक्कर नही, छोटे छोटे मैच होते है, फटाफटिया क्रिकेट।
- सास बहू के पकाऊ सीरियल से तो मुक्ति मिली।
- अब कम से कम अगले 45 दिन (शाम के वक्त) रिमोट पर हमारा कब्जा रहेगा।
- बीबी जी की फरमाइशों/फेहरिस्तों पर अमल करने का वक्त गया (वो कहते है ना, भारतीय पुरुष जब क्रिकेट देखते है तो बहरे हो जाते है।)
- क्रिकेट का मामला है, इसलिए श्रीमतीजी को भी पता है, इन सभी शामों मे कुछ कहने से भी होने वाला नही।
- पत्नियों को भी टेंशन लेने की जरुरत नही, लौकी की सब्जी भी पतिदेव हँसते हँसते हुए खाएंगे, बशर्ते मैच जानदार हो।
- बच्चे भी ना घबराएं, पापा होमवर्क के लिए डाँटेंगे नही, लेकिन ध्यान रखना, उनके पसंदीदा खिलाड़ी के आउट होते वक्त आप आस पास ना दिखें, नही तो खैर नही।
- एक से बढकर एक धुरंधर खिलाड़ी है, जिनके हम सभी प्रशंसक रहे है, आज उनको एक साथ खेलते हुए देखकर अच्छा लग रहा है।
- नए खिलाडियों को अच्छा खासा अनुभव मिलेगा।
- मुझे पूरा विश्वास है कि इन मैचों से काफी नए खिलाड़ी निकलकर सामने आएंगे।
- शाहरूख और विजय माल्या कमाएं या गंवाए, अपना क्या, अपने तो पैसे वसूल हो रहे है ना।
- क्रिकेट का कुछ तो भला होगा ही।
- दन दना दन, चौके छक्के देखकर दिल बाग बाग हो जाता है।
- देखिएगा, क्रिकेट की सरगर्मियां बढते देख, राजनीतिज्ञ भी अपने धरने प्रदर्शन स्थगित कर देंगे (सब मैचों के पहले या बाद, बंदे कहाँ से जुटेंगे, हुआ ना देश का भला।)
- सरकार की भी टेंशन कम हुई, महंगाई भले ही आसमान छू जाए, लेकिन लोग मैचो के होने तक बवाल नही काटेंगे, मैचों से फुरसत मिले तब ना।
- ऑफिस मे लोगो को बात करने, तूतू मै मै, तकरार और झगड़ा करने के लिए टॉपिक मिल गया है, आईपीएल से अच्छा कौन सा टॉपिक मिलेगा।
- घिसे पिटे, रुले, गले पुराने क्रिकेट खिलाड़ियों के भी दिन बहुर गए, और तो और अपना ग्रेग चैपलवा भी देखो कमेंटेटेर बन गया।
- नयी फिल्मे रिलीज नही होंगी (निर्माता को फिल्मे पिटवानी है क्या?) इसलिए खर्चा बचेगा।
- अगर आपको क्रिकेट ना भी समझ आता हो तो चीयरलीडर्स को देख देख कर संतोष कर ले। वादा रहा, मजा आएगा, बशर्ते सेंसरबोर्ड इसमे पंगे ना डाले तो।
- चीयरलीडर्स पर याद आया, इनमे से कई कन्याएं प्लेब्वाय पत्रिका की शोभा बढा चुकी है, इसका मतलब है कि फिगर्स वगैरहा तो टनाटन होगी ही। (ये टनाटन शब्द हमारा नही शुकुल का है, किसी भी प्रकार के पंगे के लिए उनको इमेल करिएगा।)
- और कुछ हो ना हो, भारत की क्रिकेट मे बादशाहत (कम से कम T20 में) के बाद, इस तरह का सफल आयोजन, भारत को ढेर सारी प्रसिद्दि दिलाएगा।
- अगर आईपीएल चलेगी तो आईसीएल के दिन भी बहुरेंगे, ऐसा हमारा नही, आईसीएल वालों का सोचना है।
- क्रिकेट खिलाड़ियों को तो माल और शोहरत मिलेगी ही, कई कम्पनियां भी अपना माल बेचकर लाखो के वारे न्यारे कर लेंगी।
- आईपीएल के बहाने, वामपंथियों को विरोध का एक और मौका मिलेगा।
ऐसा नही है कि इत्ते सारे फायदो के बाद नुकसान ना हो, वो भी है, लेकिन उसके लिए हमारे दूसरे ब्लॉगर लिखेंगे, क्यों भई लिखोगे ना? तो फिर झट से लिख मारिए, इस आयोजन के नफ़े नुकसान और नही तो इसी लिस्ट को आगे बढाइए। तो लिखते रहिए, पढते रहिए, आप सभी का पसंदीदा ब्लॉग “मेरापन्ना”
सम्बंधित कड़ियां
बीबीसी हिन्दी की आईपीएल पर मिनी साइट
डीएलएफ़ आईपीएल का पूरा कार्यक्रम
गजब का लिखें हैं। सत्य एवं समयोचित।
कहाँ बोरिंग मैच को देखाने लगे । भई जिस मैच मे देश नही , प्रतिस्पर्धा नही उसको देखने मे कोई मजा नही ।
नीचे दो रिटायर्ड क्रिकेटेरों की आगे की जिदंगी के फ़लसफ़े देखिये :
bahut sahi vishleshan kiya aapne—-bahut hi badiya!
afsos hamare yahan nahin dikhaya jaa raha hai–
ek nuksaan to aaj shahid afirid ne bataya–ki cheer girls se unka dhyan bant-ta hai—[aur zee news channel ne title diya–match ki menaka!!!]baki nafe nuksan dusre bloggers batayenge..
२६. चयनकर्ताओं की चांदी हो गई है. खिलाड़ी तो नीलाम होने लगे है इसलिए अब ये चीयरलीडर्स ( अलोक जी की भाषा में बोलें तो चीयरलीडरनियाँ ) सिलेक्ट करेंगे.
जीतू भाई,रंग तो आपने लिख के जमा दिया है एक बात और बता दूं कि इनकी टीआरपी भी बड़ी चौचक आयी है मनोरंजन चैनल पर दिखने वाले सीरियलों में बेहतर trp बहुत ज़्यादा हो गई तो 6.00 या 6.5 हो जाती है पर आई पी एल ने तो पहले दिन की शुरुआत ही 8.57 से हुई है……देखिये क्रिकेट का रंग और क्या क्या दिखाता है…अच्छा लिखा आपने शुक्रिया
मुझे तो सबसे ज्यादा मजा इस बात का है कि मम्मी क्रिकेट देखने मे व्यस्त रहती हैं, इससे ये होता है कि वो काम कराना भूल जाती हैं, और मै अपने हिसाब से गोल माल कर लेती हूँ 😛
दुसरा मजा ये होता है कि मेरी बहनो को क्रिकेट का बुखार लग गया है, तो अब सुबह शाम खेलने को भी मिल जाता है, नही तो कई दिन से खेलना बंद हो गया था।
खास बात की क्रिकेट पर मम्मी पापा ाउर गौरव तीनो की राय एक जैसी है इसलिये रिमोट को लेकर बहस नही होती।
मेरे लिये तो आई पी एल मे एक ही मजा है कि, एक अकेली प्रीती ने एक टीम खरीद लिया, ऐसा इसलिये बोल रही हूँ क्यूँकि सुनने मे आया था कि हिरोईन कितनी भी प्रसिद्ध क्यों ना हो, हीरो के मुकाबले उसे कम ही पैसे मिलते हैं, ऐसे मे प्रीती का एक टीम खरीद लेना, मुझे अच्छा लगा 🙂 काश अपन भी इतने पैसे वाले बन जायें 😛
सभी टिप्पणीकर्ताओं का धन्यवाद।
प्रभात भाई चुटकुला मजेदार था।
गरिमा, हिम्मत मत हारो, अगले साल हम भी एक टीम बनाएंगे कनपुरियन कबाड़ी उसको खरीदने के लिए अगर तैयार हो तो हम ऑफर भेज देते है।