ये सीआरआर(CRR) क्या बला है?

यदि आप बिजिनैस न्यूज चैनल देखते होंगे या व्यापार सम्बंधित खबरे पढते होंगे तो आपने अक्सर सीआरआर (CRR) का जिक्र सुना होगा। क्या आप जानते है सीआरआर क्या बला है? चलिए आज कुछ इसी बारे मे बात कर लेते है। आगे बढने से पहले थोड़ा महंगाई (Inflation) का भी जिक्र करना बहुत जरुरी होगा।

महंगाई क्या है? इसकी घट बढ को कैसे मापा जाता है?

महंगाई दरअसल जरुरी चीजों की कीमतो मे होने वाली बढोत्तरी है। उदाहरण के लिए गेहूँ की कीमते, पिछली खरीदारी मे यदि 10 किलो गेहूँ आप 100 रुपए मे लाते थे और वही गेहूँ आज 110 रुपए मे मिल रहा है तो इसका मतलब है कि महंगाई 10 रुपए अथवा 10% बढ गयी है। अच्छा ये तो रही गेंहूँ की कीमत, लेकिन सरकार इसको कैसे मापती है? अरे भई सरकार ने ढेर सारी जरुरी चीजों के खुदरा मूल्यों के लिए विभिन्न सूचकांक तय कर रखे है, यदि इन सूचकांको मे बढोत्तरी होती है तो इसका मतलब है कि महंगाई बढ रही है। इन सूचकांको मे मुख्यत: उपभोक्ता सूचकांक (Consumer Price Index- CPI), रहन सहन सूचकांक (Cost of Living Index-COLI), उत्पादक सूचकांक(Producer Price Index – PPI) तथा कुछ अन्य भी होते है। महंगाई बढने के कई कारण होते है, फसल का ठीक ना होना, सरकार द्वारा मूल्य नियंत्रित ना कर पाना, कुछ सरकारी नीतियों मे गलतियां, आयात-निर्यात नीति, वस्तुओं की मांग और आपूर्ति और मुद्रा की अधिक उपलब्धता (Excess Liquidity)  का होना।

बाकी सभी चीजे तो समझ मे आ गयी लेकिन  ये मुद्रा की उपलब्धता का क्या मतलब हुआ?

अब जैसा कि आपको पता है बाजार मे मुद्रा का आवागमन उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। अब जो वित्तीय संस्थान (जैसे बैंक) होते है उनका काम ही होता है लोगो से जमाराशिया लेना और उसे दूसरे जरुरतमंद लोगो को देना। और इन कार्यों से लाभ कमाना। उदाहरण के लिए यदि किसी बैंक के पास ढेर सारी जमाराशि है, तो वह चाहेगा कि इस जमाराशि को बाजार मे ऋण देकर और उस पर अधिक से अधिक ब्याज कमाए। अब जितना ज्यादा पैसा बाजार मे आएगा उतना ही महंगाई बढेगी (वैसे ये हमेशा जरुरी नही), उदाहरण के लिए यदि एक फ़्लैट आपको २० लाख का मिल रहा है, और उसके लिए आपको 85% ऋण भी सस्ती ब्याजदरों पर मिल रहा है तो आप उसे लेना पसंद करेंगे, हो सकता है, अगले साल लेने का प्लान हो, लेकिन इसी साल लेना पसंद करेंगे। बैंको की ब्याज दरें भी मुद्रा की तरलता पर निर्भर करती है और हाँ एक और जरुरी चीज इसमे शामिल होती है वो है सीआरआर

अब ये सीआरआर क्या बला है?

वही तो बता रहा हूँ यार! आइए पहले इसकी परिभाषा जान लेते है:

Cash reserve Ratio (CRR) is the amount of funds that the banks have to keep with RBI. If RBI decides to increase the percent of this, the available amount with the banks comes down. RBI is using this method (increase of CRR rate), to drain out the excessive money from the banks

अब क्या है कि भारत मे जितने भी बैंक है वो रिजर्व बैंक के अधीन काम करते है। एक तरह से रिजर्व बैक इन सभी की अघोषित गारंटी लेता है। अब रिजर्व बैंक किसी भी बैंक की गारंटी कितनी लेता है यह निर्भर करता है कि उस बैंक ने रिजर्व बैंक के पास कितना पैसा/प्रतिभूतिया/स्वर्ण जमा कर रखा है। अमूमन हर बैंक को रिजर्व बैंक की सीआरआर नीति के अनुसार ही पैसा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। रिजर्व बैंक का काम यह सुनिश्चित करना होता है कि बाजार मे मुद्रा(रुपए) की जरुरत के मुताबिक ही तरलता(उपलब्धता) रहे, इसको कम या ज्यादा करने के लिए रिजर्व बैंक अपनी CRR के प्रतिशत मे घट-बढ करता रहता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि रिजर्व बैंक ने अपनी CRR मे आधे प्रतिशत की बढोत्तरी कर दी, तो सभी बैंको को अपनी सीमा से आधा प्रतिशत और पैसा रिजर्व बैंक के पास जमा कराना पड़ेगा, नतीजतन बैंक के पास फंड कम हो जाएंगे, जब फंड कम पडेंगे तो मजबूरन वे अपनी उधारी देने की ब्याज दरें बढाएंगे, ताकि ऋण की मांग मे कमी आए। ब्याजदरें बढेंगी तो लोग उधार कम लेंगे। उधार कम लेंगे तो चीजों की मांग मे कमी आएगी। मांग मे कमी आएगी तो महंगाई मे कमी आएगी। देखने मे तो ये एक लम्बा प्रोसेस दिखता है, लेकिन अक्सर कारगर होता है। इस तरह से सरकार के लिए महंगाई घटाने का यह एक उपाय है।

लेकिन CRR बढने से आम आदमी और शेयर बाजार इससे कैसे प्रभावित होता है?

लाख टके का सवाल है। इस सवाल का जवाब निर्भर करता है कि आम-आदमी है क्या चीज।

  • यदि आप उत्पादक है तो समझिए की आपके माल की मांग मे कमी आने वाली है। आप नुकसान मे रहेंगे।
  • यदि आप उपभोक्ता है तो समझिए चीजों के दामों मे कुछ तो कमी आने वाली है। आप फायदे मे है।
  • यदि आपने किसी बैंक से परिवर्तनशील(Variable) ब्याज दरों पर ऋण ले रखा है, समझिए आप पर ब्याज का बोझ बढने वाला है। यदि आपने ऋण स्थायी(Fixed) दरों पर लिया है तो चादर तान कर सो जाइए, शामत बैंक की आएगी, आपकी नही। इसी स्थिति से बचने के लिए बैंक आपको परिवर्तनशील ब्याज दरों पर ऋण ठेलने की कोशिश करते है, समझे लाला?
  • यदि आप निवेशक है और आपने शेयर बाजार मे निवेश किया है तो सतर्क हो जाइए, बाजार मे मुद्रा तरलता की समस्या (Liquidity Crunch) आने वाली है।बाजार मे इस गतिविधि के कारण कुछ उतार चढाव आ सकते है। यदि आपने प्रतिभूतियों(Debt Instruments) वगैरहा मे निवेश किया है, आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा, मजे करिए।
  • कुछ उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकते है, नतीजतन उनके शेयरों मे भी गिरावट आ सकती है।

इस तरह से प्रत्येक व्यक्ति इस CRR के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित जरुर होता है। आशा है आपकी CRR और महंगाई सम्बंधित जानकारी मे कुछ बढोत्तरी जरुर हुई होगी। इस सम्बंध मे यदि आपके जेहन मे कोई और सवाल है, अथवा आप इस बारे मे ज्यादा जानना चाहते है तो टिप्पणी के माध्यम से मुझसे सम्पर्क करें। ये लेख आपको कैसा लगा बताना मत भूलिएगा।

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26 Responses to “ये सीआरआर(CRR) क्या बला है?”

  1. are हम तो अब तक सी आर आर का मतलब सेंट्रल रोड रिसर्च ही समझते थे ,यानी खाली वक्त मे धक्के खाना , वैसे हम इसे कैश रिटर्न रेशो भी कह सकते है, यानी बैंको का बाजार से पैसा खीचना जिस्का सीधा असर महगाई पर होता है जैसे आजकल सरकार चुनाव के लिये पैसा खीच रही है और महगाई बढ रही है 🙂

  2. bahut badhiya jaankari aapane di hai..
    mujhe bahut phaayada hua ise samajhne me, pahle aksar ye ek tilism sa lagta tha jise aapne tor dala.. 🙂

  3. Nice post for who doesnot know Economics but want to know

  4. and u deserve a Karma for this post over blogvani 🙂

  5. बेहतर लेख। आम आदमी की भाषा में आम आदमी के लिए।

  6. बहुत सही लिखा। हिंदी में इस तरह के ल्रेख अधिक से अधिक लिखे जाने चाहियें।

  7. जानकारीपूर्ण लेख.

    शुक्रिया.

  8. जीतू भैया, बहुत सटीक और प्रासंगिक जानकारी…
    गाँवों में कहते हैं, जुग-जुग जिओ…
    आपके लिए भी…

  9. जानकारी ठीक है.

  10. वाह! अब मुझे समझ मे आ गया.. जीतु भईया बहुत बडा अच्छा वाला शुक्रिया |:)

  11. Jitu Bhai,
    Please also update this infomration on wikipedia. Information is usefull for everyone.

  12. इतना अच्छा लेख लिखने के लिए शुक्रिया CRR के बारे मे काफ़ी जानकारी मिली .
    RSS feed burner पर लेख लिखे
    शुक्रिया

  13. bahut acchi jankar hai. aur bhi diya kare, to accha hoga.

  14. सभी साथियों का टिप्पणी करने के लिए धन्यवाद।

    इतना अच्छा लेख लिखने के लिए शुक्रिया CRR के बारे मे काफ़ी जानकारी मिली .
    RSS feed burner पर लेख लिखे शुक्रिया

    कासिम भाई लगता है आपने ये वाला लेख नही पढा है| पढ लीजिए, और RSS सम्बंधी सारी जानकारियां ले लीजिए। इस लेख का अगला वर्जन जल्द ही लिखने वाला हूँ।

  15. अतिउपयोगी जानकारी. वो भी आसान शब्दों में. धन्यवाद!

  16. bahut badhiya janab aapk dwara adi gayi jankari k liye ham aapk abhari hai thanks a lotzzzzzzz…:) 🙂 🙂

  17. CRR badane par sabhi bank variable home loan ka interest rate bada date haa. Ab CRR kam hone par bank home loan ka interest rate ghata kyon nahi rahe ?

  18. aapne bataya ki CRR me badhotari hone se mahangai ghat jati hai, to fir reserve bank na haal hi me CRR rate kyon ghata diya hai ??

    please clear this confusion.

  19. Dhanyawad apne bahut badhia se CRR samjhaya hai….
    maine FII k bare me bhi padha kahani ke rup me apne bahut
    badhia tarike se iska ant kiya hai…
    SLR ke bare me bhi jarur likhiyega….

  20. shaandar guru, maja aa gaya

  21. मनीष अग्रवाल on जनवरी 25th, 2012 at 9:43 am

    सी आर आर के बारे मे जांनकारी देने के लिये धन्यवाद

  22. very very nice and informative article written in simple language , thanx sir

  23. THANKS

  24. Pawan sarathe pipariya mp on दिसम्बर 7th, 2012 at 6:59 pm

    gajab bhaiya kya samjhya hai mindblowing

  25. phle hme economic me tnil bhi intrest nhi tha bt now i m so intressted ur bhut kuch jaanna chahti hu

  26. apni web site kaise bnaya jata h