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Tweet कितने हसीन थे वो दिन, जब भाई अपनी खुजली मिटाने के लिए लम्बे लम्बे ब्लॉग लिखा करते, तुरत फुरत उसे पब्लिश करते, फिर चैट पर बैठकर, हर दूसरे बन्दे को लिंक टिकाते। बात यहीं तक सीमित नही रहती, बल्कि लिंक टिकाने के एक घंटे बाद चैट पर तगादा करते, कि पोस्ट समझ मे आई? […]
फरवरी 24th, 2011 | Posted in आपबीती | 16 Comments
Tweet सोशल नैटवर्किंग ने हमारी लाइफ़ को किस तरह से बदल दिया है, इसकी एक बानगी देखिए : मालकिन (नौकरानी से) : कांता बाई! तुम तीन दिन काम पर नही आई,क्या बात है? नौकरानी : मेमसाब! मैने तो फेसबुक पर अपना स्टेटस अपडेट कर दिया था कि तीन दिनो के लिए गाँव जा रही हूँ, […]
जनवरी 24th, 2011 | Posted in विविध | 4 Comments
Tweet आज भारत के मोबाइल क्रांति मे एक और अध्याय जुड़ गया है, अब आप अपना नम्बर बदले बिना अपना सर्विस प्रोवाइडर बदल सकते है। तकनीकी भाषा मे इसको मोबाइल नम्बर पोर्टेबिल्टी कहते है (अब हिन्दी मे इसका क्या अनुवाद होगा, इसके पचड़े मे पड़े बिना आगे पढिए)। From MeraPannaPhoto Photo Courtesy : Blogdefined.com तो […]
जनवरी 20th, 2011 | Posted in विविध | 6 Comments
Tweet वैसे तो मै नोकिया का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूँ। लेकिन क्या करूं, जिधर भी देखो गूगल के एंड्राइड आपरेटिंग सिस्टम का ही बोलबाला है। इसी के मद्देनज़र मोबाइल बदलने का फैसला हुआ। अब मसला था कि फोन कौन सा लें, उसके पहले यह देखना था कि कौन सा मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लिया जाए। […]
दिसम्बर 3rd, 2010 | Posted in आपबीती, वर्डप्रेस | 12 Comments
Tweet जैसा कि आप सभी जानते है कि मै भी शेयर मार्केट मे काफी निवेश करता हूँ। शेयर मार्केट के बारे मे काफी जानकारी इकट्ठा करता हूँ। शेयर मार्केट से सम्बंधित मेरे लेख आपने पढे ही होंगे। शेयर मार्केट पर नज़र रखने इसके लिए अपने आपको रोज़ाना अपडेट करना पड़ता है इसके लिए ढेर सारा […]
दिसम्बर 1st, 2010 | Posted in विविध | 6 Comments
Tweet अभी पिछले दिनो राहुल गाँधी की एक सभा मे चप्पल पहनने वालो को बाहर रोका गया था, काहे? अरे पता नही क्या? इन दिनो राजनेताओं पर जूते चप्पलों से हमला हो रहा है। सबसे पहले जार्जबुश, फिर जरदारी, ब्लेयर, उमर अब्दुल्ला, चिदम्बरम और ना जाने कौन कौन। आजकल तो अगर अपनी सभा को सुर्खियों […]
सितम्बर 9th, 2010 | Posted in आपबीती | 13 Comments
Tweet अभी कुछ दिन पहले एक पुराने मित्र का फोन आया, मुझसे हालचाल पूछा, मैने बोला यार बहुत व्यस्त हूँ, मित्र ने उस समय तो कुछ ज्यादा नही कहा, लेकिन थोड़ी देर मे ही उसने एक इमेल फारवर्ड की, जिसको मै आपके साथ शेयर कर रहा हूँ, इस इमेल को पढकर मुझे जीवन को समझने […]
सितम्बर 7th, 2010 | Posted in आपबीती | 12 Comments
Tweet आप सभी लोगो से काफी दिनो बहुत बाद मुखातिब हो रहा हूँ, क्या करुं मसरुफियत इस कदर बढ गयी है कि ब्लॉगिंग से लगभग दूर सा हो गया हूँ। फिर भी जैसे ही मौका मिलता है ब्लॉगिंग करने की कोशिश करता हूँ। अभी कल ही भारत यात्रा से लौटा हूँ, इस बार भी भारत […]
जुलाई 4th, 2010 | Posted in आपबीती | 2 Comments
Tweet लीजिए पेश है, एक पुराने लेख का रीठेल, ये लेख 2006 मे लिखा गया था, तब से लेकर अब तक तीन साल बीत चुके है, लेकिन हफ़्ते की छुट्टी का तरीका नही बदला, इस लेख मे कंही कंही आपको स्वयं का चेहरा नजर आएगा, जहाँ भी नजर आए, टिप्पणी करने से चूकिएगा मत। तो […]
मार्च 19th, 2010 | Posted in आपबीती | Comments Off on रीठेल : हमारी छुट्टी का विवरण
Tweet अक्सर हमारे जीवन मे कुछ ऐसी बाते घटती है, कि हम सोचने पर मजबूर हो जाते है कि ऐसा क्यों होता है। लीजिए पेश है कुछ ऐसी घटनाएं। अक्सर ऐसा क्यों होता है जब… आपके हाथ ग्रीस या गुँथे आटे से सने होते है, तभी फोन की घंटी बजती है। अगर पेंच कसते समय, […]
मार्च 18th, 2010 | Posted in विविध | 7 Comments