निन्यानवे के फेर मे हम भी…

बहुत दिनो से कोई खेला नही खेला था, टैगिंग भी बन्द है, ब्लॉगिंग तो बहुत दूर हो गयी। तो आजकल हम कर क्या रहे है? अरे भई, ऑफिस के काम से थोड़ा समय मिलता है तो कभी कभी माइक्रो ब्लॉगिंग (एक लाइना) कर लेते है। आपको देखना है तो इधर देख लेना, भाषा की कोई बंदिश नही है, हिन्दी अंग्रेजी, कुछ भी चलेगा। खैर….आइए बात करते है निन्यानवे की, आज ही अमितवे (अमितवे को नही जानते? अरे दिल्ली वाला हिन्दी का भारी भरकम ब्लॉगर, हाँ हाँ वही), ने अपने ब्लॉग पर निन्यानवे आइटम की लिस्ट बतायी है। खेल का नियम यह है इसमे 99 कामों की लिस्ट है, आपको बस करना इतना है कि इस लिस्ट मे से कितने काम आपने किए है वो बताना है। बताने के लिए आप लिस्ट को कॉपी पेस्ट करे, अपने ब्लॉग पर और किए हुए कामों को बोल्ड कर लें।

तो बात हो रही थी कि हमने कितने तीर मारे, तो भैया आप ही देख लो, कित्ते तीर मारे है….. :

1. अपना ब्लॉग आरंभ किया
2. तारों की छांव में नींद ली
3. संगीत बैन्ड में कोई वाद्य यंत्र बजाया (वाद्य यंत्र तो बजाया, लेकिन बैंड वालों ने भगा दिया था)
4. अमेरिका के हवाई द्वीपों की सैर करी
5. उल्का वर्षा देखी
6. औकात से अधिक दान दिया (दान दिया, औकात से ऊपर नही)
7. डिज़नीलैन्ड की सैर करी
8. पर्वत पर चढ़ाई करी
9. प्रेयिंग मैन्टिस (praying mantis) कीड़े को हाथ में पकड़ा
10. सोलो गाना गाया (सुनते सुनते सब निकल लिए, आखिरी मे एक बंदा बचा था, माइक्रोफोन उसका था ना इसलिए…)
11. बंजी जंप करी (गए थे करने, ऊँचाई से नीचे देख कर, हवा निकल गयी, लौट आए, फिर जाएंगे…..ऊँचाई, नीचे…हवा…..फिर..)
12. पैरिस गए
13. समुद्र में बिजली का तूफ़ान देखा
14. कोई कला शुरुआत से अपने आप सीखी
15. किसी बच्चे को गोद (adopt) लिया
16. फूड प्वॉयज़निंग झेली
17. कुतुब मीनार को देखा
18. अपने लिए सब्ज़ी उगाई
19. फ्रांस में मोनालिसा देखी
20. रात के सफ़र में ट्रेन में नींद ली (हाँ, बाकी मुसाफिर हमारे खुर्राटों के कारण जागते रहे)
21. तकिए द्वारा लड़ाई की (मेरी बेटी इसमे तेज है, हम ना जीत पाते उस से)
22. सड़क पर किसी अंजान व्यक्ति से लिफ़्ट ली (कई बार, अक्सर ये दोस्ती मे तब्दील भी हुई)
23. स्वस्थ होते हुए भी ऑफिस से बीमारी के लिए छुट्टी ली (हाँ मौसम सुहावना हो, लांग ड्राइव पर जाने का मूड हो तो, ऑफिशली बुखार हो जाता है।)
24. बर्फ़ का किला बनाया
25. मेमने को गोद में उठाया (पकड़ मे आए, तब तो उठाएं)
26. बिना किसी वस्त्र के नग्न ही पानी में उतरे (तरण ताल, नदी, तालाब, समुद्र अथवा बाथ टब इत्यादि में) -(किसी ने देखा तो नही..?)
27. मैराथन रेस में दौड़ लगाई
28. वेनिस में गोन्डोला (एक तरह की नाव) में सवारी करी
29. पूर्ण ग्रहण देखा
30. सूर्योदय अथवा सूर्यास्त देखा
31. होम रन मारा (बेसबॉल में)
32. समुद्र पर्यटन (cruise) पर गए
33. नियाग्रा फॉल्स स्वयं देखा
34. पूर्वजों की जन्मभूमि देखने गए ( रह गयी ये इच्छा)
35. किसी कबीले के रहन सहन को नज़दीक से देखा
36. अपने आप एक नई भाषा स्वयं सीखी
37. इतना धन अर्जित किया कि पूर्णतया संतुष्ट हुए (संतुष्टि तो कभी नही आती)
38. पिसा की झुकती मीनार (Leaning Tower) देखी
39. रॉक क्लाइम्बिंग करी
40. माइकलेन्जलो द्वारा कृत पुरातन इज़राइल के राजा डेविड की मूरत देखी
41. कैरीओकी (karaoke) गाया
42. वायोमिंग के येलोस्टोन नेशनल पार्क में मौजूद ओल्ड फेथफुल गीज़र को भभक कर उठते देखा
43. किसी अंजान को रेस्तरां में खाना खिलाया (कई साधुओं/भिखारियों को पकड़ पकड़ कर खाना खिलाया)
44. अफ़्रीका गए (इजिप्ट गए, लेकिन साउथ अफ्रीका जाने का सोचा है एक बार)
45. चांदनी रात में समुद्र तट पर सैर करी
46. एम्बुलेन्स में ले जाया गया, (लाद कर ले जाया गया, एम्बुलेंस नही थी लेकिन)
47. अपनी तस्वीर बनवाई (फोटो नहीं)
48. गहरे समुद्र में मछली पकड़ने गए
49. वैटिकन में सिस्टीन चेपल देखा
50. पैरिस में ऐफिल टॉवर के शीर्ष से नज़ारा किया
51. स्कूबा डाईविंग अथवा स्नॉर्कलिंग करी
52. बरसात में चुंबन लिया/दिया (डिटेल मत पूछना, मजा बहुत आया था।)
53. मिट्टी में खेले
54. ड्राईव-इन सिनेमा देखा
55. किसी फिल्म में नज़र आए
56. चीन की बड़ी दीवार देखी
57. अपना व्यवसाय आरंभ किया
58. मार्शल आर्ट की क्लास में भाग लिया
59. रूस गए
60. लंगर/भंडारे में लोगों को खाना परोसा (कई बार)
61. ब्वॉय स्कॉऊट पॉपकार्न अथवा गर्ल स्कॉऊट कुकीज़ बेची
62. समुद्र में व्हेल देखने गए
63. खामखा बिना वजह किसी ने फूल दिए
64. रक्त दान किया
65. स्काई डाईविंग करी
66. नाज़ी कॉन्सनट्रेशन कैम्प देखा
67. खुद का दिया बैंक चैक बाऊंस हुआ (बहुत गालियां खायी थी)
68. हैलीकॉप्टर में सवारी करी
69. बचपन के किसी मनपसंद खिलौने को बचा के रखा
70. राज घाट पर गांधी समाधि देखी
71. कैवियार (मछली के अंडों का अचार) खाया
72. रजाई का कवर सिला
73. चांदनी चौक गए
74. घने जंगल में सैर की
75. नौकरी से निकाले गए
76. लंदन के बकिंघम महल में पहरेदारों की बदली देखी
77. हड्डी टूटी
78. तेज़ रफ़्तार मोटरसाइकल की सवारी करी (तभी तो टूटी थी)
79. अमेरिका में ग्रैन्ड कैनयन देखी
80. अपनी किताब छपवाई (लोगो ने मेरे लेख छाप दिए, इसलिए छपाई तो हुई)
81. वैटिकन गए
82. नई नवेली गाड़ी खरीदी
83. जेरूसलम की सैर करी
84. अखबार में फोटो छपी
85. नव वर्ष की पूर्व संध्या की मध्यरात्रि किसी अंजान का चुंबन लिया (गलती से लिया था, पीछे पड़ गयी)
86. राष्ट्रपति भवन की सैर करी
87. किसी जानवर का शिकार कर खाया
88. चिकन पॉक्स झेला
89. किसी की जान बचाई(हाँ उसने मारा भी था मेरे को)
90. जज अथवा जूरी बन निर्णय सुनाया (किसी प्रतियोगिता में या न्यायालय में)
91. किसी प्रसिद्ध व्यक्ति से मुलाकात करी
92. बुक क्लब की सदस्यता ली
93. किसी अज़ीज़ को खोया
94. शिशु को जन्म दिया
95. जॉन वेन की फिल्म “द अलामो” देखी
96. अमेरिका के ग्रेट सॉल्ट लेक में तैराकी करी
97. किसी कानूनी मुकदमे में शरीक हुए/रहे
98. सेल फोन के मालिक हैं/रहे
99. मधुमक्खी ने डंक मारा (डंक तो मारा था, गले पर, लेकिन मधुमक्खी थी, या मक्खा ये पता नही।)

ये तो रही हमारी लिस्ट, आपकी लिस्ट के क्या हाल है? लिखना मत भूलना

12 Responses to “निन्यानवे के फेर मे हम भी…”

  1. वाद्य यंत्र तो बजाया, लेकिन बैंड वालों ने भगा दिया था

    ही ही ही!! 😀

    बाकी मामला एकदम मस्त, चकाचक। अनावश्यक डिटेल हम नहीं पूछेंगे, टेन्शन मत लो! 😉

    amit’s last blog post..निन्यानवें चीज़ों की हिटलिस्ट …..

  2. हमने रतलामी जी को भी यही टिप्पणी भेजी थी पर उन्होंने अभी तक पबिलिश नहीं की है…
    …वैसे आपके लिये प्रश्न कोड दूसरा था ये पर्चा तो आपने ऐंवे ही खोल लिया…
    आपके लिये तो दूसरे प्रश्न थे मसलन….

    अभी तक ब्लोगिंग की जिंदगी में कितनी बार मन मारकर “बहुत बढ़िया ” कहकर टिप्पणी लिखी है “?

    दिल पे हाथ रखके बाटिये कभी मन किया की इस साले टिप्पणीकार की टांग तोड़ दूँ ?
    कुल जमा कितनी बार अनामी टिप्पणी की है ?
    कितनी पहेलियों के हल आपने किये है ?
    …..वगेरह वगेरह…….

    dr.anurag’s last blog post.."देयर इस नो रूल इन इश्क " मेरी जान !!

  3. आपके लिये तो दूसरे प्रश्न थे मसलन….

    अभी तक ब्लोगिंग की जिंदगी में कितनी बार मन मारकर “बहुत बढ़िया ” कहकर टिप्पणी लिखी है “?

    कई बार, पहले जब ब्लॉगर कम हुआ करते थे, यही तो करा करते थे। अब किसी की आलोचना कर दोगे तो दस मे नौ ब्लॉगर ना रह जाते, इसी डर से आलोचना से डरते थे।

    दिल पे हाथ रखके बाटिये कभी मन किया की इस साले टिप्पणीकार की टांग तोड़ दूँ ?

    अभी तो तक तो इच्छा नही हुई, हम कटु टिप्पणी पढकर, एक गिलास पानी पीकर ही जवाब देते है इसलिए। एक बार एक बन्दे ने गालिया लिखी थी, उसको भी जवाब नही दिया। हम ब्लॉगर है भाई, कुश्ती वाले पहलवान थोड़े ही है जो टांगे तोड़ते फिरे…।

    कुल जमा कितनी बार अनामी टिप्पणी की है ?

    शायद एक या दो बार, लेकिन कई लोगो ने मेरे नाम पर टिप्पणियां की है, हमे पता है, किसने की है, लेकिन नाम ना बताएंगे।

    कितनी पहेलियों के हल आपने किये है ?
    …..वगेरह वगेरह…….

    किए तो है, एक दो बार, लेकिन अब याद नही है। अब भई आजमाने के लिए पहेलिया लिखे, हम भी ट्राई कर लेंगे।

  4. बहुत दिन बाद इसी बहाने आये सामने। सुन्दर। लिस्ट जरा लम्बी है। अमित को यही सब लफ़ड़े ज्यादा रास आते हैं। असली फ़ुरसतिया तो लगता है वही है। जय हो।

    अनूप शुक्ल’s last blog post..जनप्रतिनिधि के दर्द

  5. अनूप जी, आप भी अब फुरसत निकालिए और लगे हाथ आप भी छाप दीजिए!! 😀

    amit’s last blog post..निन्यानवें चीज़ों की हिटलिस्ट …..

  6. अपने को तो 85 वाला भाया… 🙂

    संजय बेंगाणी’s last blog post..निन्यानवें चीज़ों की हिटलिस्ट …..

  7. इसी बहाने कम से कम ९९ मिनट को जागे तो/ 🙂

  8. ये निन्नानबे का फेर तो इंटरनेट वायरस की तरह फैलता जा रहा है। वैसे अच्छा है, इसी बहाने से यादों को खंगालना।
    ———-
    सावधान हो जाइये
    कार्ल फ्रेडरिक गॉस

  9. जैसा कि आपने बहुत से देश देखडाले मगर…..
    59. रूस गए ? क्यों नहीं गए ये भी लिखो 😀

  10. kya baat hai.. 99 ke chakkar ka chakkar itna mazedar nikla..

  11. निवेदिता on मई 5th, 2009 at 11:54 am

    आप तो महारथी निकले…

  12. सुशील शिवहरे on मई 5th, 2009 at 9:10 pm

    जीतु भैया ,नमस्कार
    मेरा बेटा BCA करना चाहता है,मुझे इस फ़ील्ड की कुछ भी जानकारी नही है,कृपया सुझाव दे