दिल्ली वालों का लिटमस टेस्ट

क्या आप दिल्ली से है? यदि हाँ तो आइए जरा आपका लिटमस टेस्ट कर लेते है। हमारे पास एक झकास ’जुगाड़’ है जिससे हमे पता चल जाएगा कि आप कितने प्रतिशत दिल्ली के है। पहले एक डिस्क्लेमर : ये एक इमेल मे मुझको मिला था, मेरा इस पर कोई कॉपीराइट नही है।

तो आइए हम बात कर रहे थे दिल्ली वालों के लिटमस टेस्ट की। यदि आप दिल्ली से है तो इस लेख को जरुर देखें और नीचे दिए प्वाइंट को पढकर आपना स्कोर जरुर जाँचे।  हर सही स्टेटमेंट के लिए एक प्वाइंट, टिप्पणी मे अपना स्कोर देना मत भूलिएगा।

आप दिल्ली के है यदि :

  1. आप सिर्फ़ सोमवार, बुधवार, गुरुवार और रविवार को ही पीते है। मंगलवार को बजरंगबली के द्वारे।
  2. दोस्त को इज्जत देने का मतलब दारु शारु ते कबाब शबाब।
  3. आप अद्दा, पऊवा के बारे मे बखूबी जानते हो।
  4. आपकी पोश कॉलोनी मे भी आलू ले लो, भिंडी ले लो जी आवाजें सुनाई दें।
  5. जब मोहल्ले की औरतें सब्जी वाले से धनिया मिर्च फ्री मे लेने के लिए पंगे लें।
  6. जब आपको सबको मिलने के लिए सिर्फ़ बरिस्ता मे ही टाइम दें।
  7. जब सैटिंग और जुगाड़ आपके प्रिय शब्द हों।
  8. जब आप कुतुबमीनार, लाल किला और लोटस टेम्पिल कभी ना गए हो। क्योंकि आपकी नज़र मे ये सब टूरिस्ट के लिए है।
  9. आप रिक्शे वाले से कम से कम एक बार जरुर झगड़ें हो।
  10. आप  गोलगप्पे वाले से जरुर पूछते हो “भैया! ये आटे के है या सूजी के?
  11. आप हर अजनबी को ’भैया’ बोलते हो।
  12. आप महरौली के किसी फार्म हाउस मे एक शादी मे जरुर गए हो।
  13. आप पंजाबी की सभी गालियां समझते हो और देने मे भी कभी नही चूकें हो।
  14. आप रेस्टोरेंट मे वेटर को बॉस या पाप्पे कहकर बुलाते हो।
  15. आपके अपनी बातचीत मे ’बंदा’, ’फड्डा’ और  ’पंगा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल जरुर करते हो।
  16. यदि आपको पाप्पे का ढाबा या काक्के दा होटल का बटर चिकन, आपको ताज से भी ज्यादा अच्छा लगता हो।
  17. आपकी नजर मे पूर्वी दिल्ली ’जमुना पार’ हो।
  18. आप एम्स को मेडिकल कहकर पुकारते हो।
  19. लड़कियों के लिए कोडवर्ड यानि टोटा वगैरहा आप बखूबी समझते हो।
  20. आप हर आशिक मिजाज लड़के को ’मजनूं की औलाद’ कहते हो।
  21. आपकी नजर मे, गर्लफ्रेंड होना स्टेटस सिम्बल हो।
  22. आपने कभी भी क्रिकेट मैच की टिकट नही ली, हमेशा ’जुगाड़’ पर निर्भर रहे।
  23. आपकी नजर मे, अच्छा ड्राइवर वही है जो आगे वाले ड्राइवर के मन की बात समझे।
  24. आप ये बताना अपनी तौहीन समझेंगे कि आप आगे वाली गाड़ी को किस तरफ़ से ओवरटेक करेंगे।
  25. यदि आपके घर मे कम से कम दो गाड़ियां और एक मोटरसाइकिल जरुर हो।
  26. आप कनाट प्लेस/लाजपत नगर मे पार्किंग के लिए दो घंटे भटक सकते है, लेकिन अपनी कार ले जाना नही छोड़ते, क्योंकि आपकी नजर में “अपनी कंवेन्स होवे ना तो बड़ी कन्वेनियंस होन्दी है।”
  27. आप कम से कम पंद्रह दिनो मे एक बार पड़ोसी से पार्किंग को लेकर जरुर झगड़ें हो।
  28. आप ट्रैफिक पुलिस वाले को कम से कम एक बार रिश्वत जरुर दे चुके हो।
  29. आपकी नजर मे फार्महाउस का मतलब शादी पार्टी वाला घर ही होता हो।
  30. आपकी नजर मे जुगाड़ ही सबकुछ है, भले ही सिनेमा की टिकटे चहिए या बच्चे का स्कूल मे दाखिला।
  31. यदि आपने कम से कम एक बार विक्रम होटल के सामने अंडा पराँठा, धौला कुँआ का ’बन-आमलेट’, करोल बाग की कुल्फी, इंडियागेट के गोलगप्पे, मद्रास होटल का डोसा और चाँदनी चौक की चाट जरुर खायी हो।
  32. भले ही मेट्रो रेल दिल्ली की शान होगी, लेकिन आप तो अपनी गाड़ी से ही ’सफर’ करते हुए जाएंगे।
  33. आप हर साउथ इंडियन को ’मद्रासी’ समझते हो।
  34. और आपकी नजर मे हर नार्थ इस्टर्न ’चिंकी’ हो।
  35. आप हमेशा मुम्बई वालों से अपनी तुलना करते हो।
  36. आप चिड़ियाघर (Zoo) अपनी स्कूल पिकनिक पर ही गए हो।
  37. आप हर शहर मे उम्मीद करें कि दस एफएम स्टेशन होने चाहिए।
  38. आप दिन मे कम से कम एक बार जरुर कहेंगे ’दिल्ली रहने लायक जगह नही रही’, लेकिन फिर भी कभी छोड़कर नही जाएंगे।
  39. इत्ता सबकुछ होने के बाद आप दिल्ली को प्यार करते हो।
  40. आप हमेशा गाते रहे ’दिल्ली है दिलवालों की’

जाते जाते : मुम्बई और दिल्ली वाले एक दूसरे के शहर को बुरा बता रहे थे।
दिल्ली वाला : मुम्बई तो ’चिविंग गम’ की तरह है, एक ही लाइन मे बसी हुई।
मुम्बई वाला : और तुम्हारी दिल्ली, ऐसा लगता है किसी ने पान की पीक उड़ेल दी हो, हर जगह छितरी छितरी हुई सी बसी है।

7 Responses to “दिल्ली वालों का लिटमस टेस्ट”

  1. जीतू भाई इलाहाबाद और कानपुर वालो के लिये कुछ ?????

  2. अन्तर सोहिल on मार्च 4th, 2010 at 2:15 pm

    हा-हा-हा
    बहुत सही
    मजा आ गया
    ३० प्वांइट पा गया जी

    प्रणाम

  3. चलिये ये टैस्ट हम तो दे नहीं सकते, ऍलीजिबिलटी पूरी नहीं करते। बस हाजरी दिये देते हैं कि आये थे, यस सर।
    .-= ePandit´s last blog ..ई-पण्डित की अज्ञातवास से वापसी =-.

  4. मेरा स्कोर १३ है!! की मैं दिल्ली दा बंदा नेई? 🙁

    जब आपको सबको मिलने के लिए सिर्फ़ बरिस्ता मे ही टाइम दें।

    ओ नहीं जी, कैफ़े कॉफ़ी डे में भी मिल लेते हैं, या कभी बंदा तुरंत ही आ रिया हो तो रेस्तरां के बाहर या पार्किंग में भी मिल लेते हैं! 😉

    आप गोलगप्पे वाले से जरुर पूछते हो “भैया! ये आटे के है या सूजी के?”

    अब दोनों तरह के होते हैं तो पूछना तो पड़ेगा न?! 😉

    आप एम्स को मेडिकल कहकर पुकारते हो।

    लोकल जगहों के लोकल लहज़े में लोकल नाम पड़ ही जाते हैं, स्लैंग यू नो! अब वह ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट है, लोग शॉर्ट में मेडिकल बोल लेते हैं! 🙂

    आप कनाट प्लेस/लाजपत नगर मे पार्किंग के लिए दो घंटे भटक सकते है, लेकिन अपनी कार ले जाना नही छोड़ते, क्योंकि आपकी नजर में “अपनी कंवेन्स होवे ना तो बड़ी कन्वेनियंस होन्दी है।”

    क्नॉट प्लेस में तो पार्किंग मिल जाती है जी, बिज़ी दिन भी मिल जाती है, अपने को तो कभी दिक्कत नहीं हुई (टचवुड)। लाजपत नगर ज़रा टेढ़ी खीर है पर अपना उस तरफ़ जाना होता नहीं इसलिए कोई टेन्शन भी नहीं। और फिर क्नॉट प्लेस, चांदनी चौक तो बिना गड्डी के जाया जा सकता है मेट्रो पर लद कर लेकिन लाजपत नगर जाने में फड्डा हो जाएगा न बिना कंवेन्स के!! 😉

    यदि आपने कम से कम एक बार विक्रम होटल के सामने अंडा पराँठा, धौला कुँआ का ’बन-आमलेट’, करोल बाग की कुल्फी, इंडियागेट के गोलगप्पे, मद्रास होटल का डोसा और चाँदनी चौक की चाट जरुर खायी हो।

    चांदनी चौक में चाट और परांठे वाली गली में परांठे खाए हैं बाकी जो आपने बोला वो अभी तक नहीं चखा!!
    .-= amit´s last blog ..पाकिस्तानी टीम की सुरक्षा माकूल नहीं….. =-.

  5. हम तो बिना अपने को इवैल्युयेट किये फेल डिक्लेयर करते हैं! 🙁
    .-= ज्ञान दत्त पाण्डेय ´s last blog ..नत्तू पांड़े, नत्तू पांड़े कहां गये थे? =-.

  6. aapka blog accha laga. isko aur accha kar sakte hai. mai bhi aapke blog pe kucch likhna chahta hun.maza aaya aapko padkar.thik likh rahe hai.dhanyawad….namaskar.

  7. प्रिय जीतू जी,

    आप कुवैत पहुंचकर अपने काम में मशरूफ़ हो गए। मेरा अनुरोध याद है न। दिवाली की ढेर सारी शुभकामना।

    डॉ. दलसिंगार यादव