एक डाल पर मैना बोले

आज सुबह सुबह एक मैना से मुलाकात हो गयी। पेड़ की ऊँची डाल पर बैठी मैना काफी दु:खी दिख रही थी।हमसे रहा ना गया, हम भी मैना की तरफ़ लपक लिए।  हमने पूछा भई क्या हुआ,  क्यों मुंह लटकाये हो, कोई भैंस खोल ले गया क्या तुम्हारी?

बस फिर क्या था, इत्ते दिनो से मन में भड़ास लिए घूमती मैना बिफर पड़ी। न जाने क्या-क्या सुनाने लगी। आप भी सुनिए। तो जनाब पेश है मैना का इंटरव्यू:

चित्र साभार : फ़्लिकर peregrin

मैंनाजी, क्या बात है आप इन दिनो उदास क्यों है? :
जब से मोदी-थरुर जैसे लोगो ने चहचहाना (Twitting) करना शुरु किया है, हमारी चहचहाहट को तो कोई पूछ ही नही रहा। अच्छा होता कि हम पहले ही इसका कॉपीराइट करवा लेते।

लेकिन चहचहाना तो अच्छी बात है, आजादी का प्रतीक है, इसमे नाराजगी कैसी?
आजादी कहाँ? ये लोग तो किसी ना किसी डाल/पिंजरे से बंधे हुए है। फिर आजाद कैसे हुए। इन लोगो के अपने अपने एजेंडे है। ये लोग अपने अपने विज्ञापन देने के लिए ट्विटर का प्रयोग कर रहे है।

तो इसमे आपको क्या परेशानी है?
हम तो अपने दिल की आवाज को अपनी चहचहाहट मे बताते हैं, यहाँ तो लोग चहचहाने के बहाने अपनी खुन्नस निकालने मे लगे है। हम तो प्यार बाँटते थे, यहाँ तो लोग एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे है। ट्विटर का गलत प्रयोग कर रहे है।

मोदी-थरुर विवाद पर आपको कुछ कहना है ?
जरुर कहना है, इन दोनों ने हम पक्षियो का अपमान किया है। इनके चलते लोग हमें भी बाजारू, मतलबी और लालची समझने लगे हैं। हमारी इमेज चौपट हो गयी है। ईश्वर की गाज इन पर जरुर गिरेगी।अब खुद ही देख लो, दोनो ने ट्वीट ट्वीट मे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। मोदी पर भी चौतरफ़ा हमले होने शुरु हो गए है, पूरे जीवनकाल के कच्चे चिट्ठे खुल रहे है और उधर थरुर भी अपना सफाईनामा लिए द्वारे द्वारे घूम रहे है।

आपका इन जैसे अवांछित चहचहाने वालों के लिए कोई संदेश
प्रकृति से मत खेलो, ग्लोबल वार्मिंग के खतरे तो आप झेल ही रहे हो, पंछियो को उनके हाल पर छोड़ दो, ऐसा ना हो, प्रकृति की और नाराजगी झेलनी पड़े और आप कहीं के न रहें! जियो और जीने दो के नारे को धो-पोंछ कर फ़िर से लगाओ और अमल में लाओ।

बाकी लोगो के लिए संदेश :
चहचहाना बुरा नही, जी भर चहचहाओ! लेकिन इस प्लेटफार्म का प्रयोग एक दूसरे पर कीचड़ उछालने, गन्दगी परोसने के लिए मत करो। भले ही आप कपड़े बदलते हुए ट्वीट करें या अपने खाने का मीनू बताएं लेकिन ट्वीट का गलत प्रयोग मत करो।

इसी बीच मैना को दूसरे तोते का एसएमएस आ गया था, मैना बोली अब मै चलती हूँ, तोता मेरी राह देख रहा है, उम्मीद है आप मेरा संदेश सबको बता दोगे, हमारे हामी भरते ही मैना उड़ चली, अपने तोते के पास।

4 Responses to “एक डाल पर मैना बोले”

  1. मैना का दर्द बाजिब है जी। इत्ता कहने के बाद भी लगता है कि अभी बहुत कुछ उसके मन में है जो गरदन से साफ़ दिख रहा है।

    संयोग कि आज हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान में पचौरी जी का भी एक लेख ट्विटरियाने पर है। तुम भी लिखे अलग अंदाज में। इससे यही साबित होता है महान लोग एक जैसा ही सोचते हैं।

    अब तोता-मैना के किस्से भी लिखो न!
    .-= अनूप शुक्ल´s last blog ..छोटी ई, बड़ी ई और वर्णमाला =-.

  2. मैना से सहानुभूति है, बाकी हमारे ट्विटियाने के स्टाइल से मैना को कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिये।
    .-= ePandit´s last blog ..रोमनागरी (रोमन टैक्स्ट) को देवनागरी (यूनिकोड हिन्दी) में बदलना =-.

  3. तो आपने मैना की दुखती रग पे हाथ रख दिया तो हैं? 🙂
    बहुत खूब | इस अलग अंदाज़ में जनसंदेस जारी करने के लिया बहुत बहुत बधाई आपको!
    .-= Gouri´s last blog ..I Do Not Smoke Till Day =-.

  4. very good