आप पक्के कानपुरिया है यदि ….

  1.  आप हर दूसरे वाक्य में चू*या शब्द का प्रयोग करते हैं।
  2.  आप शॉपिंग माल में चुपचाप पैसे देकर आ जाते हैं, लेकिन रिक्शे वाले से अठन्नी के लिए झगड़ा करते हैं।
  3.  आप बिना मांगे और बेवजह अपनी राय देते हैं। खासकर, जब कभी आप ट्रेन में सफर कर रहे हों।
  4.  आपके शब्दकोश में गालियों का भंडार है।
  5.  आप स्कूटर और दूसरे दो पहिया वाहन पर कभी भी हेलमेट लगाकर नहीं चलते और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  6.  आपको अपने मोहल्ले के दादा, थानेदार, सड़क छाप नेता और विधायक का नाम रट्टा मार कर रखे हुए हैं। गाहे बगाहे आप इनको अपना रिश्तेदार बताकर मतलब निकलते हैं।
  7.  आपने किसी मीडिया वाले मित्र को कहकर, अपना मीडिया वाला परिचयपत्र जरूर बनवाया हो।
  8.  आपने अपनी गाड़ी के पीछे न्याय विभाग जरूर लिखवाया हो, भले ही आपके खानदान में कभी कोई वकील न हुआ हो।
  9.  आपको ईश्वर पर विश्वास हो ना हो, लेकिन आपको जुगाड़ पर पक्का विश्वास है।
  10.  पान मसाला से आपका दिन शुरू होता है और गुटखे के रास्ते पर आप चल निकलें हो।
  11.  आप फिल्म देखते समय आप ये बताना नहीं भूलते कि ये सीन कहाँ फिल्माया गया है, और आप वहाँ पर कितनी बार गए हो। भले ही बगल वाला, मन ही मन आपको गालियां देता रहे।
  12. आप कभी भी किसी लाइन ने नहीं लगते, पूरा शहर आपका अपना है।
  13. गाड़ी चलते समय आप हमेशा शॉर्ट-कट लेते हो, लेकिन यदि दूसरे करें तो आप गलियाँ देने से नहीं चूकोगे।
  14. शहर के हर गली नुक्कड़ के गढ़हों के बारे में आपने पी-एच-डी कर रखा होगा, लेकिन आपकी गाड़ी आपके घर के नुक्कड़ वाले गड्डे में फँसने पर आप बोलोगे, “अरे ये कब हो गया?
  15. आपका कोई न कोई रिश्तेदार मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री में जरूर होगा और आप शूटिंग देखने की ढींग जरूर हाँकते होंगे।
  16. पनवाड़ी और नाई की दुकान पर आपकी दूसरे लोगों से राजनीतिक और क्रिकेट के मसले पर बहस जरूर होती होगी।
  17. आप “शहर बर्बाद हो गया है “ का नारा बुलंद करते हैं, लेकिन कभी भी शहर को ठीक करने या छोड़कर जाने की नहीं सोचते।
  18. ड्राइविंग करते समय आप अपने से कम वाहन (कार चलते समय, स्कूटर वालों, स्कूटर चलते समय साइकल वालों और साइकल चलते समय पैदल) वालों को ही ट्रैफिक जाम का जिम्मेदार ठहराते हैं।
  19. पत्नी का टीवी सीरियल देखना आपको टाइम वेस्ट लगता है, लेकिन अँग्रेज़ी फिल्मों के चैनल में ‘उस’ इकलौते सीन के लिए घंटे टीवी पर टकटकी लगाकर उल्लुओं की तरह जागना  आपको सही लगता है।
  20. आप मोहल्ले के सब्ज़ीवाले, जमादार, ठेले वाले और दुकानदार से कम से कम एक बार जरूर भिड़े हों।
  21. बॉस के कमरे से डांट खाकर निकलते हुए भी आप अपनी रौबीली चाल में कोई कमी नहीं आने देते।
  22. आपको अपनी बीबी फिजूलखर्च दिखती है, लेकिन आप अपने मसाला/पान/बीड़ी/सिगरेट के खर्चों पर कभी कोई बात बर्दाश्त नहीं कर सकते।
  23. आपको शहर चाहे जितना भी गंदा दिखे, नाले के किनारे ठेले वाले से सामान लेकर खाना आपको पूरी तरह से हायजनिक  लगता है।
  24. शादी बारात में आप धक्का मुक्की करके, खाने कि प्लेट जुगाड़ ही लेते हैं।
  25. बच्चे के स्कूल की पेरेंट टीचर मीटिंग में आपका ध्यान (महिला) टीचर के सरकते दुपट्टे पर ही अटका रहता है।
  26. बिना हैडलाइट वाली गाड़ी चलते हुए, एक्सिडेंट होने पर मोहल्ले के खंबे को ही दोष देंगे।
  27. बच्चो के गणित के सवाल हल न कर पाने की दशा में, आप किताब को ही दोष देते हो।
  28. टाइम पास करने के लिए आप रोंग नंबर डायल करते हो।
  29. सामने वाले के धाराप्रवाह अँग्रेजी बोलने पर आप होंठ सी कर,  येस येस करते हो।
  30. पड़ोसी के घर में क्या हो रहा है, उसके बारे में आप, पड़ोसी से ज्यादा जानकारी रखते हैं।

आपको यदि और भी कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो जरूर बताइएगा। तो फिर आते रहिए और पढ़ते रहिए आपका पसंदीदा ब्लॉग।

 

8 Responses to “आप पक्के कानपुरिया है यदि ….”

  1. बड़ी जानी पहचानी सी आदतें लग रही हैं, बहुत दिन रहे हैं वहाँ।

  2. देखो कित्ता मिस कर रहे हैं कानपुर को। तमाम आदतें छूट गयीं- शुरुआत वाली ही अब कहां रही।

  3. जीतू जी, ​

    कनपुरिया क्या यूपी के किसी भी शहर का नाम लगा दें, सारी आदतों पर फिट बैठेगा…​
    ​​
    ​जय हिंद…

  4. अन्तर सोहिल on अप्रैल 18th, 2012 at 12:13 pm

    याद करता हूं तो 2 घंटे से ज्यादा समय नहीं बिताया है कानपुर में, लेकिन आपके बताये लक्षणों से तो लगता है कि मैं भी कानपुरिया हूं 🙂

    प्रणाम स्वीकार करें

  5. प्रवीण जी से इस बात में सहमति है कि काफ़ी आदतें जानी पहचानी मालूम पड़ती हैं, वैसे अपन ने तो कभी कानपुर का रुख भी न किया! :O

  6. ऐसे तो काफी सारा देश कानपुरिया हो जाएगा 🙂

  7. वैसे तो ये कानपुर क्या पूरे उत्तर भारत के ही लक्षण हैं पर कानपुर वाले ज्यादा महान हों शायद।

  8. वाह जीतू भाई! अगली पोस्ट का इंतज़ार है!