हिन्दी ब्लॉगर प्रश्नावली
बहुत दिनो से सोच रहा था कि हिन्दी चिट्ठाकारो (ब्लॉगरो) से सम्बंधित प्रश्नावली बनायी जाए जिसमे सारी आशाएं, कुंठाए, उत्सुकताए, जिज्ञासाएं, निराशाए और समस्याएं शामिल हो। तो जनाब लीजिए पेश है, हिन्दी चिट्ठाकारों की प्रश्नावली, और हाँ इसमे हिन्दी ब्लॉग्स के पाठक भी भाग ले सकते है, और भाग ले क्यों भी ना, वे भी तो भावी चिट्ठाकार है। इसलिए पढिए, अपने आपको नम्बर दीजिए और मस्त रहिए:
नियमावली
- सभी प्रश्न पढने जरुरी है।
- बिना पढे (समीर भाई, ध्यान दें), जवाब देने पर, अपने स्कोर के लिए आप स्वयं ही उत्तरदायी होंगे।
- सभी प्रश्नो के जवाब देने जरुरी है।
- इस प्रश्नावली को पढने के बाद, इस पोस्ट पर टिप्पणी अति आवश्यक है, अन्यथा आपका पढा मान्य नही होगा (और लेखक की आह! भी लेंगे) यहाँ पर बता दें कि लेखक की याद्दाश्त काफी अच्छी है और टिप्पणी का बोझ उतारने मे वे सबसे आगे रहते है।
- अपना स्कोर जानने के लिए अपने जवाब को सीरियल नम्बर को 10 से गुणा कर दें और कुल योग मे जोड़ ले।
- वैसे ये सब मौज मस्ती के लिए लिखा गया है, लेकिन इसमे आपको कोई गम्भीरता नजर आती है तो लेखक जिम्मेदार नही है।
क्या आपका अपना हिन्दी ब्लॉग है?
- नही।
- है।
- उत्सुक हूँ, बनाने की सोच रहा/रही हूँ।
- आप लोगो का हश्र देखकर, डरता/डरती हूँ।
आप रोजाना कितने हिन्दी ब्लॉग पढते है?
- एक या दो ।
- पाँच से दस तक (यही अपनी टोली के लोगों के ब्लॉग पर)
- दस से बीस तक (सबको टिप्पणी जो देनी होती है।)
- बीस से ज्यादा (एग्रीगेटर वालों ने ड्यूटी लगाई है, इसलिए सभी पर क्लिक करके लौट आते है।)
आपकी ब्लॉगिंग की प्रेरणा किससे मिली?
- उसी बन्दे को तो ढूंढ रहा हूँ, हमे फंसाकर खुद निकल गया।
- आप ही तो है, रोगी बनाके रख दिया है, बाहर मिलो तो निबटते है।
- खुद से, हम किसी से प्रेरणा नही लेते।
- प्रेरणा तो बजाज के साथ भाग गयी…….
आप हफ़्ते मे कितनी पोस्ट लिखते है?
- एक या दो ( ज्यादा लिखने से अहमियत घटती है/सच्चाई तो ये है कि विषय ही नही मिलते)
- सात पोस्ट (हर रोज लिखते है, खुजली है)
- सात से पंद्रह (लिखना क्या है, कापी पेस्ट करते है।)
- पंद्रह से ज्यादा (हम लिखते थोड़े ही है, न्यूज साइट के RSS फीड से पोस्ट कराते है।)
आप ब्लॉगिंग क्यों करते है?
- लोगो तक अपनी कविताएं पहुँचाने के लिए (सामने बिठाकर कवितापाठ करते थे तो बन्दा ऊँघने लगता था, इसलिए ये रास्ता चुना)
- सुना है ब्लॉगिंग करने से लोग बुद्दिजीवी बन जाते है,इसलिए ट्राई मारा। वैसे भी क्यों ना करें, लिखना हमारा जन्मसिद्द अधिकार है
- मजबूरी है (इत्ती रचनाएं, संपादकों ने वापस लौटाई है, कहाँ खपाएं?)
- इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए फिलहाल ब्लॉगिंग बन्द की है।
आप अपने ब्लॉग पर क्या लिखना पसंद करते है?
- लिखना क्या है जी, सुबह गुसलखाने मे बैठकर जो पहला विचार आता है उस पर लिख देते है।
- अपने मन की भड़ास (कल धोबी ने पैंट ठीक से नही धोई थी, इसलिए ब्लॉग पर मैने उसको धोया। आज बीबी/पति ने सब्जी जला दी है…..)
- कुछ भी, जो मन आया (कौन सा साहित्य पुरस्कार मिलने वाला है)
- गाली गलौच, विवादास्पद और उकसाने वाले लेख (आपको पता नही? यही हिट है आजकल)
आप अपने ब्लॉग पर कितने बड़े लेख लिखते है?
- बहुत छोटे (एक लाइना…..टाइम बचता है।)
- एक पैराग्राफ़ वाले (अब जानकारी/सामग्री जितनी होगी, उससे बड़े लेख कैसे लिख सकते है? )
- ठीक ठाक ( तीन पैरा से ज्यादा नही, ताकि पाठक पढे,समझे और टिप्पणी भी करे)
- क्लिष्ट अथवा लम्बे लम्बे लेख (क्योंकि एक बार मे ही अगर समझ लिया तो पाठक दोबारा काहे आएगा)
आप दिन भर मे कितनी टिप्पणियां करते है?
- पाँच से कम (अब जित्ते लोग हमे देंगे उत्ती ही तो वापस करेंगे)
- पाँच से दस टिप्पणियां (प्रेम व्यवहार बनाके रखना पड़ता है, कभी तो लोग उधार चुकाएंगे)
- दस से बीस (आटोमेटिक मशीन लगा रखी है, कॉपी पेस्ट की)
- बीस से ज्यादा ( ये वाला काम आउटसोर्स कर दिया है।)
हिन्दी चिट्ठाकारों के आपसी विवादो पर आपका क्या सोचना है?
- सब टीआरपी का खेल है बाबा
- सभी आत्मनिर्भर है (आपस मे नही लड़ेंगे तो कोई और लड़ने आएगा?)
- लड़ने से लिखने की प्रेरणा मिलती है।
- यहाँ यही सब तो करने आए है।
आपके ब्लॉग पर की गयी टिप्पणी आपको कितनी अच्छी लगती है।
- हम टिप्पणी के लिए नही लिखते।
- बिना टिप्पणी लिखने मे मजा नही आता।
- टिप्पणी प्रेमी/प्रेमिका की तरह है, जब भी दीदार हो, अच्छा लगता है।
- नए ब्लॉगर की टिप्पणी हमेशा, आशा बंधाती है (पुराने गए तो क्या हुआ, एक नया ग्राहक और बढा)
आप ब्लॉगिंग से कितनी कमाई कर लेते है।
- कमाई (अच्छा! सम्भव है क्या? )
- कुछ भी नही….. (हम यहाँ कमाने थोड़े ही आए है..)
- पाँच सौ रुपए मासिक
- दुखती रग पर हाथ रख दिया आपने
उम्मीद है आपकी कुछ जिज्ञासाएं शान्त हुई होंगी। यदि आपके दिमाग मे कोई और सवाल और उसके मस्त से 4 जवाब है तो टिप्पणी द्वारा प्रेषित करिएगा, हम उसे भी शामिल करने की कोशिश करेंगे। अब आप शुरु हो जाइए, अपने आपको स्कोर दीजिए, हमे अपना स्कोर बताना मत भूलिएगा। पढते रहिए, आप सभी का पसंदीदा ब्लॉग मेरा पन्ना ।
पुनश्च : वैसे तो हमारा मानना है कि ब्लॉगर एक अलग ही टाइप की श्रेणी होती है, ना पुरुष ना स्त्री । फिर भी आलोक भाई के हड़काने पर इस लेख को सर्ववादी रुप दिया जा रहा है। आलोक भाई, अब तो टिप्पणी करिए।
जीतू भाई,
मेरा जवाब (किसी धाँसू मशाला फ़िल्म का टाईटिल लग रहा है न.)
०१. हमारा हिन्दी ब्लॉग है जी.
०२. करीब दस हिन्दी ब्लॉग पढ़ते हैं. नौ बार अपना, और बाकी एक का नाम लॉटरी से निकालते हैं.
०३. ‘प्रेरणा’ अब किसी की नहीं रही जी.
०४. हफ्ते में पन्द्रह पोस्ट लिखते हैं. दस के करीब पब्लिश करते हैं.
०५. ब्लागिंग करने के पीछे कई कारण हैं जी. पहला कारण ये है कि लोग हमें भी लेखक समझें. दूसरा कारण है लोग हमें लेखक नहीं समझते. और तीसरा कारण है मैं लोगों से मनवाना चाहता हूँ कि मैं लेखक हूँ.
०६. हमारा लेखन तो जी टीवी न्यूज़ चैनल से प्रेरित है. जैसे उनके यहाँ दर्शक जो चाहते हैं, वे वही दिखाते हैं, वैसे हम भी वही लिखते हैं, जो ‘पाठक जी’ चाहते हैं. कई बार वो भी लिख देते हैं जो ‘उपधिया’ जी चाहते हैं.
०७. लेख बड़े नहीं होते जी. मैं ठहरा छोटा आदमी, सो लेख भी छोटे होते हैं. ऐसे जो सबकी समझ में अक्सर आ जाते हैं.
०८. टिप्पणियों की संख्या दूसरे ब्लॉगर के ऊपर डिपेण्ड करती है जी. जितने लोग मेरी पोस्ट पर टिपण्णी करेंगे, मैं भी उन्ही लोगों के ब्लॉग पर टिपण्णी करता हूँ.
०९. विवाद होते रहने चाहिए. द्वंदहीन ब्लॉग-समाज आगे नहीं बढ़ सकेगा.
१०. ब्लागिंग से कमाई! होती है क्या?
नोट: हाय नहीं चाहिए, इसलिए टिपण्णी कर रहा हूँ.
आपका लेख थोड़ा पुरुषवादी है।
उत्सुक हूँ, बनाने की सोच रहा हूँ।
आप लोगो का हश्र देखकर, डरता हूँ।
इसे ठीक कर दें।
मेरा जवाब आपके सर्ववादी बनने तक लंबित 🙂
28.. कोई है मुझसे टक्कर लेने वाला??
अब देखिये जीतू भैया, मैंने यहां टिपिया दिया है.. अब आपकी बारी है मेरे यहां टिपियाने का.. 😀
क्या जीतूजी, आज कुछ नहीं मिला तो प्रश्नावली चिपका दी, पढ़ भी डाली और जवाब भी दे डाले पर अब दुबारा गिनने के लिए कौन जाए। या आप पहले बताते तो कापी पैन ले कर बैठते और जोड़ घटाव करते रहते। वैसे गणित इतना ही अच्छा होता तो वैज्ञानिक सैज्ञानिक बन जाते यहां कम्प्यूटर में काहे माथा मारते।
ध्यान रखिएगा आपकी आह कतई नहीं ले रहे हैं।
अंतिम प्रश्न पूछकर तो वाकई आपने हमारी दुखती रग पर हाथ रख दिया. 🙂
लगता है कुछ विवादास्पद लिखने की जरूरत है.
आप के ये सवाल—
-आप अपने ब्लॉग पर क्या लिखना पसंद करते है?
=आप ब्लॉगिंग क्यों करते है?
=-हिन्दी चिट्ठाकारों के आपसी विवादो —
ये तीन विषयों पर पूछे गए प्रश्न बहुत ही बढ़िया हैं.
ब्लोग्गिंग की राजनीति पर और आगे के स्वर्णिम भविष्य पर भी दो चार प्रश्न जोड़े जा सकते हैं.
हर प्रश्न के साथ रखे सारे ही विकल्प सही कहीं न कहीं कसी न किसी रूप में सही नजर आ रहे हैं-किसी एक को चुनना बाकी विकल्पों के साथ नाइंसाफी होगी.
इसलिए हम सभी विकल्पों का सम्मान करते हुए किसी भी स्कोर तक पहुँचाना सही नहीं समझते.
हम तो सिर्फ इसलिये टिप्पणी कर रहे हैं कि आप सिर्फ हमारा ब्लॉग पढ़कर ही ना निकल जाओ.टिपिया भी दो.
23×10= 230 ??? 🙁
गणित में इत्ते ही हुसियार होते तो आज यहां स्कोर गिनने में माथा ना खुजा रहे होते… दो घंटे तक स्कोर के साथ मेहनत इसलिये की है कि कभी कभार हमारी पीठ में भी खुजली चलती है। 🙂
मजेदा प्रश्नावली। अभी और बहुत से मजेदार प्रश्न पाठकगण सुझायेंगे।
सवाल अच्छे है, हर ब्लॉगर इमानदारी से दे तो मजा आये, विकल्प उसके अपने हो…
दिये गये चार विकल्प मजेदार है, मगर उनसे भी ज्यादा मजेदार है कोष्टक में लिखी टिप्पणीयाँ 🙂 पंगेबाज की संगत छोड़ दें 🙂
kuch vaikalpik utter pryaapt nahi hai, thoda aur chust ho to! ek achchhi wyang aur gambhir rachna banti. lekin esa hote hote kuch kami rah gayi hai. vese hai majedar.
क्या आपका अपना हिन्दी ब्लॉग है?
= है।
आप रोजाना कितने हिन्दी ब्लॉग पढते है?
= दस से बीस तक (सबको टिप्पणी जो देनी होती है।)
आपकी ब्लॉगिंग की प्रेरणा किससे मिली?
= खुद से, हम किसी से प्रेरणा नही लेते।
आप हफ़्ते मे कितनी पोस्ट लिखते है?
= सात से कम (खुजली है)
आप ब्लॉगिंग क्यों करते है?
= सुना है ब्लॉगिंग करने से लोग बुद्दिजीवी बन जाते है,इसलिए ट्राई मारा। वैसे भी क्यों ना करें, लिखना हमारा जन्मसिद्द अधिकार है
आप अपने ब्लॉग पर क्या लिखना पसंद करते है?
= कुछ भी, जो मन आया (कौन सा साहित्य पुरस्कार मिलने वाला है)
आप अपने ब्लॉग पर कितने बड़े लेख लिखते है?
= ठीक ठाक ( तीन पैरा से ज्यादा नही, ताकि पाठक पढे,समझे और टिप्पणी भी करे)
आप दिन भर मे कितनी टिप्पणियां करते है?
= पाँच से दस टिप्पणियां (प्रेम व्यवहार बनाके रखना पड़ता है, कभी तो लोग उधार चुकाएंगे)
हिन्दी चिट्ठाकारों के आपसी विवादो पर आपका क्या सोचना है?
= सब टीआरपी का खेल है बाबा
आपके ब्लॉग पर की गयी टिप्पणी आपको कितनी अच्छी लगती है।
= बिना टिप्पणी लिखने मे मजा नही आता।
आप ब्लॉगिंग से कितनी कमाई कर लेते है।
= कुछ भी नही….. (हम यहाँ कमाने थोड़े ही आए है..)
बाप रे हमे तो ये इम्तिहान जैसा लगा। क्या जीतू जी आपने इतने कठिन प्रश्न क्यों पूछे और उत्तर उससे भी ज्यादा confuse करने वाले। 🙂
मजेदार प्रश्न हैं….
क्या आपका अपना हिन्दी ब्लॉग है?
है।
आप रोजाना कितने हिन्दी ब्लॉग पढते है?
दस से बीस तक (सबको टिप्पणी जो देनी होती है।)
आपकी ब्लॉगिंग की प्रेरणा किससे मिली?
प्रेरणा तो बजाज के साथ भाग गयी…….
आप हफ़्ते मे कितनी पोस्ट लिखते है?
एक या दो ( ज्यादा लिखने से अहमियत घटती है/सच्चाई तो ये है कि विषय ही नही मिलते)
आप ब्लॉगिंग क्यों करते है?
इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए फिलहाल ब्लॉगिंग बन्द की है।
आप अपने ब्लॉग पर क्या लिखना पसंद करते है?
लिखना क्या है जी, सुबह गुसलखाने मे बैठकर जो पहला विचार आता है उस पर लिख देते है।
आप अपने ब्लॉग पर कितने बड़े लेख लिखते है?
बहुत छोटे (एक लाइना…..टाइम बचता है।)
आप दिन भर मे कितनी टिप्पणियां करते है?
पाँच से कम (अब जित्ते लोग हमे देंगे उत्ती ही तो वापस करेंगे)
हिन्दी चिट्ठाकारों के आपसी विवादो पर आपका क्या सोचना है?
सब टीआरपी का खेल है बाबा
आपके ब्लॉग पर की गयी टिप्पणी आपको कितनी अच्छी लगती है।
टिप्पणी प्रेमी/प्रेमिका की तरह है, जब भी दीदार हो, अच्छा लगता है।
आप ब्लॉगिंग से कितनी कमाई कर लेते है।
कमाई (अच्छा! सम्भव है क्या? )
अब क्या बतायें? घसीट रहे हैं ब्लॉग को!
हम अभी जवाब के लायक नहीं जी।
जीतू जी
आप तो मँजे हुए खिलाडी हो ब्लोग जगत के …
सब को परीक्षा पेपर दे दिया आपने ! 🙂
ये अच्छी रही !
लिखते रहिये,
स्नेह्,
– लावण्या
अब ऐसी कन्डीशन डाल दिये हो कि पूरा पढ़कर जबाब दें तो फार्म जमा करने की अंतिम तिथी भी बता दो-थोड़ा समय तो अब लगेगा ही पूरा जो पढ़ना है. 🙂
मजेदार प्रश्नावली दिख रही है-पढ़कर बाकी बतायेंगे कि मजेदार है कि नहीं.
मेरे जवाब यहां है
जबाब हमको सब पता है लेकिन हम बतायेंगे नहीं। 🙂
देखिये ये ब्लैक मेलिंग अच्छी नही हैगी, फ़िर भी हम यहा टिपियाये रहे हैगे ,पर आप ये ना सोचे कि डर से टिपियाये रहे हैंगे. बाकी सवालो के जवाब के लिये हम एक कमेटी बनाये रहे हैंगे जो आपके सवालो के जवाब ढूढ रही हैगी 🙂
very nice article,काफी मज़ा आया..
ऐसा प्रश्नपत्र हो तो किसका परीक्षा देने का मन नहीं होगा . परीक्षा का सब फ़ोबिआ दूर हो जाएगा . धांसू और सौ टका टंच प्रश्नपत्र . वाह !
बहुत अच्छा पेपर हे. पास होना मुश्किल नही
ब्लॉगर का परीक्षा-पत्र पढ़ने के बाद अनूप शुक्ल जी की टिप्पणी पढ़कर खूब हँसी आई…वे हमें दस साल की उम्र के बच्चे जैसे लगे…दस साल का बेटा वरुण परीक्षा के दौरान कुछ भी नही लिख रहा था..टीचर के पूछने पर बोला,” मुझे सब पता है फिर लिखना क्यों”
i think it to much questions to remember to answer.
i want to write it in hindi bt i m learing hindi writing in keyboard so next time i will write in hindi
जो प्रश्न पूछता है वह पाँच मिनट के लिये मूर्ख बनता है लेकिन जो नही पूछता वह जीवन भर मूर्ख बना रहता है ।
जो प्रश्न पूछता है वह पाँच मिनट के लिये मूर्ख बनता है लेकिन जो नही पूछता वह जीवन भर मूर्ख बना रहता
आपकी इस ब्लॉग-पोस्ट की चर्चा हमारीवाणी इ-पत्रिका में की गई है.
http://news.hamarivani.com/archives/1012
टीम हमारीवाणी
ap shi kh rhe ho sir