विश्व रेडियो दिवस पर विशेष

Tweet आज यानि 13 फरवरी 2012 को युनेस्को द्वारा पहली बार विश्व रेडियो दिवस मनाया जा रहा है। रेडियो से हमारी भी ढेर सारी पुरानी यादें जुड़ी है, लीजिये पेश है, मेरी कुछ पुरानी यादें, चलिये इसी बहाने हम रेडियो को याद कर लेते हैं। पुराने जमाने मे जिन लोगों के पास रेडियो हुआ करता […]

09/09/2009 यानि एक साल और कम

Tweet आज 09/09/09 है। यानि कि नौ सितम्बर दो हजार नौ। एक ऐसा दिन जो दोबारा मेरी जिन्दगी मे नही आएगा। वैसे आज का दिन कुछ खास भी है, क्योंकि आज के दिन ही मै पैदा हुआ था। अब कितने साल का हो गया, ये मत पूछना, मै शरमा जाऊंगा। वैसे दिल से तो मै […]

बहती नाक, खिसकती निक्कर

Tweet लगता है ये हफ़्ता, बचपन की यादें सप्ताह होकर रहेगा। बचपन की यादों मे जब भी गोते लगाओ, काफी मजा आता है। इसी बहाने वर्तमान की परेशानियों से कंही दूर हँसता खिलखिलाता बचपन याद करके हम तरोताजा हो उठते है। सच है कितना अच्छा था अपना बचपन। सभी लोगों की बचपन की कुछ खट्टी […]

बचपन के खुराफाती शौक : 2

Tweet पिछली पोस्ट मे हमने बात की थी बचपन के खुराफाती शौंक डाक टिकटों के संग्रह की। वैसे तो डाक टिकटों के संग्रह मे अच्छे खासे पैसे खर्च हो चुके थे, लेकिन वो बचपन ही क्या जो नयी नयी चीजें ना ट्राई करे। बस जनाब थोड़े ही दिनो मे हमारा डाकटिकटों से जी ऊब गया। […]

बचपन के खुराफाती शौक : 1

Tweet हम सभी ने बचपन मे ढेर सारी शरारतें की होंगी, अब चिट्ठाकार है तो निसंदेह बचपन(अभी भी कौन से कम है) मे खुराफाती रहे ही होंगे। नयी नयी चीजें ट्राई करना और नए नए शौंक पालना किसे नही पसन्द? तो आइए जनाब आज बात करते है बचपन के कुछ खुराफाती शौंक की। इसी बहाने […]

रीठेल : मोहल्ले का प्रेम प्रसंग

अब जब रीठेल का मौसम चल ही रहा है तो हमने भी बहती गंगा मे हाथ धोना सही समझा। लीजिए पेश है, चार साल पूर्व (नवम्बर 2004) लिखा हुआ मेरे एक लेख का रीठेल। अब आप इसे मौके की नजाकत कहिए या समय की मांग, बढते ब्लॉगरों और घटते ब्लॉगिंग समय के कारण, अब रीठेल जरुरी हो गया है। तो जनाब आज हम आपको रुबरु कराने जा रहे है, हम अपने मोहल्ले के एक प्रेम प्रसंग से। ऐसे प्रेम प्रसंग हर मोहल्ले मे होते है, लेकिन हर मोहल्ले मे हमारे जैसे शैतान बच्चे नही हुआ करते थे। आप भी देखिए और पढिए हमारे बचपन की शैतानियों से भरे इस मोहल्ले के प्रेम प्रसंग को। वैसे तो इस प्रेम प्रसंग के सभी पात्र वास्तविक है, अलबत्ता हमने उनके नाम बदल दिए है, ताकि हमे जूते ना पड़े, फिर भी आप इसे मस्ती के लिए पढिए, इवेस्टीगेशन के लिए नही।

दशहरे की यादें – रामलीला मंचन

Tweet आजकल पूरे उत्तर भारत मे रामलीलाओं का दौर चल रहा है। हमे भी अपने बचपन की याद हो आयी। पिछली यादों मे हमने आपको मोहल्ले के रावण-दहन की बातें बतायी थी, आइए इस बार हम अपने मोहल्ले की रामलीलाओं की बात करते है। वैसे तो बचपन मे हमे सिर्फ़ मई जून की छुट्टियों वाले महीने […]

टाई पुराण

Tweet अब क्या हुआ कि सुबह सुबह ज्ञानबाबू ने अपने अतीत की टाई की यादों को छेड़ा तो हमे भी लगा कि चलो हम भी अपने अतीत मे थोड़ा तांक झांक कर लें। अब यहाँ ब्लॉगर लिखने के लिए विषय का रोना रोते है, उधर ज्ञानबाबू है कि आईडियों की झड़ी लगाए है। तो जनाब […]

बचपन और कामिक्स

Tweet वो बचपन ही क्या जिसमे कामिक्स ना हो। आज फिर यादों ने अंगड़ाई ली है। चिट्ठाकार पर इंद्रजाल कामिक्स के बारे मे वार्तालाप से हमे अपना बचपन याद आ गया। मेरे ख्याल से किसी भी बचपन की कल्पना चित्रकथा(कामिक्स) के बिना नही की जा सकती। हम सभी ने बचपन मे कभी ना कभी कामिक्स […]

मोहल्ले का क्रिकेट बुखार

Tweet बहुत दिनो से हम मोहल्ला पुराण को एक किनारे रखकर, अपनी दुनिया मे मशगूल हो गए थे। आज धोनी के धुरन्धरों को देखा तो अपने पुराने दिन फिर से याद आ गए। वैसे जिन लोगो ने हमारा मोहल्ला पुराण ना पढा हो, उनसे निवेदन है कि इस लिंक के द्वारा सारे लेख पढ लें, […]