Archive for 2004

कल चौदहवीं की रात थी….

Tweet कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा कुछ ने कहा ये चांद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा हम भी वहीं मौजूद थे हम से भी सब पूछा किए हम हंस दिए हम चुप रहे मंज़ूर था पर्दा तेरा इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटी महफ़िलें हर […]

तुमने दिल की बात…..

Tweet तुमने दिल की बात कह दी आज ये अच्छा हुआ हम तुम्हें अपना समझते थे बड़ा धोखा हुआ जब भी हम ने कुछ कहा उस का असर उलटा हुआ आप शायद भूलते हैं बारहा ऐसा हुआ आप की आंखों में ये आंसू कहां से आ गए हम तो दीवाने हैं लेकिन आप को ये […]

अकबर इलाहाबादी की कुछ गजलें.

Tweet हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है ना-तर्जुबाकारी से वाइज़ की ये बातें हैं इस रंग को क्या जाने, पूछो तो कभी पी है वाइज़= धर्मोपदेशक उस मै से नहीं मतलब दिल जिस से है बेगाना मक़सूद है उस मै से, दिल […]

वर्डप्रेस को अपने वैब सर्वर पर स्थापित करना

Tweet सबसे पहले तो वर्डप्रेस के लिये mySQL मे डाटाबेस क्रियेट करें. एक नया यूजर क्रियेट करे और उसको इस डाटाबेस पर पूरे राइट्स प्रदान करें. वर्डप्रेस की साइट से लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करें. यह डाउनलोड .tar फोरमेट मे होगा. इस फाइल को एक्सट्रेक्ट करें. जो एक wordpress डायरेक्टरी बनायेगा. इस डायरेक्टरी के अन्दर wp-config-sample.php […]

हम तो हैं परदेस में…..

Tweet हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद अपनी रात की छत पर कितना तन्हा होगा चांद जिन आंखों में काजल बन कर तैरी काली रात हो उन आंखों में आंसू का एक कतरा होगा चांद रात ने ऐसा पेच लगाया टूटी हाथ से डोर हो आंगन वाले नीम में जाकर अटका […]

महफिल ए मजरूह

Tweet हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बज़ार की तरह उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह इस कू-ए-तिश्नगी में बहुत है कि एक जाम हाथ आ गया है दौलत-ए-बेदार की तरह वो तो हीं कहीं और मगर दिल के आस पास फिरती है कोई शय निगाह-ए-यार की तरह सीधी है राह-ए-शौक़ पर यूं ही कभी कभी ख़म हो […]

जनाब कतील शिफाई की कुछ गजलें

Tweet अपने हाथों की लकीरों में बसाले मुझको मैं हूं तेरा नसीब अपना बना ले मुझको मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानी ये तेरी सदादिली मार न डाले मुझको मैं समंदर भी हूं मोती भी हूं गोतज़ान भी कोई भी नाम मेरा लेके बुलाले मुझको तूने देखा नहीं आईने से आगे कुछ भी […]

असर उसको ज़रा नहीं होता….

Tweet असर उसको ज़रा नहीं होता रंज राहत फ़ज़ा नहीं होता तुम हमारे किसी तरह न हुए वर्ना दुनिया में क्या नहीं होता नारसाई से दम स्र्के तो स्र्के मैं किसी से ख़फ़ा नहीं होता तुम मेरे पासा होते हो गोया जब कोई दूसरा नहीं होता हाल-ए-दिल को लिखूं क्योंकर हाथ दिल से जुदा नहीं […]

कैफी आजमी साहब के कलाम

Tweet मेरे दिल में तू ही तू है दिल की दवा क्या करूं दिल भी तू है जां भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूं ख़ुद को खोकर तुझको पा कर क्या क्या मिला क्या कहूं तेरा होके जीने में क्या क्या आया मज़ा क्या कहूं कैसे दिन हैं कैसी रातें कैसी फ़िज़ा क्या कहूं […]

रंजिश ही सही…..

Tweet रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो रस्म-ओ-राहे दुनिया ही निभाने के लिए आ किस किस को बताएंगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ कुछ […]