बीच बजरिया, लुट गयी गगरिया
Tweet हाय! हाय! जे कैसा कलजुग! भरी दोपहरिया, बीच बजरिया, लुट गयी गगरिया। दिन दहाड़े डकैती। वो भी हिन्दी चिट्ठाकारों पर। आजकल बहुत लूटपाट होने लगी है, लोग दूसरे के लेख उठा उठा कर चैंप देते है, पत्रिका के रुप मे छाप देते है। अब इन हिन्दी कैफ़े वाले साहबान को ही लें, सारे हिन्दी […]