Archive for 2009

ठलुआ पार्टी

Tweet आप लोग पूछेंगे ठलुआ क्या होता है? ठलुवा बहुत विस्तृत शब्द है, ठलुआ मतलब बिना काम काज वाला बन्दा। वैसे तो अपने हिन्दी ब्लॉगजगत मे भी ठलुआ ब्लॉगर हुए है, जो बड़े शान से अपने आप को ठलुआ कहलाते है, ये बात और है कि अपने (ब्लॉग के) नाम के अनुरुप, व्यवहार नही कर […]

तूने जो न कहा….

Tweet अभी पिछले दिनो फिल्म न्यूयार्क देखी, फिल्म अच्छी है, लेकिन आज बात करते है उसके एक गीत की। गीत के बोल है तूने जो ना कहा…..। बहुत ही सुन्दर गीत है। ज्यादा बात ना करते हुए पहले आपको गीत सुनाया जाए। सुनने के साथ इसके बोल भी गुनगुनाइए तो बहुत अच्छा लगेगा। तूने जो […]

बहती नाक, खिसकती निक्कर

Tweet लगता है ये हफ़्ता, बचपन की यादें सप्ताह होकर रहेगा। बचपन की यादों मे जब भी गोते लगाओ, काफी मजा आता है। इसी बहाने वर्तमान की परेशानियों से कंही दूर हँसता खिलखिलाता बचपन याद करके हम तरोताजा हो उठते है। सच है कितना अच्छा था अपना बचपन। सभी लोगों की बचपन की कुछ खट्टी […]

बचपन के खुराफाती शौक : 2

Tweet पिछली पोस्ट मे हमने बात की थी बचपन के खुराफाती शौंक डाक टिकटों के संग्रह की। वैसे तो डाक टिकटों के संग्रह मे अच्छे खासे पैसे खर्च हो चुके थे, लेकिन वो बचपन ही क्या जो नयी नयी चीजें ना ट्राई करे। बस जनाब थोड़े ही दिनो मे हमारा डाकटिकटों से जी ऊब गया। […]

बचपन के खुराफाती शौक : 1

Tweet हम सभी ने बचपन मे ढेर सारी शरारतें की होंगी, अब चिट्ठाकार है तो निसंदेह बचपन(अभी भी कौन से कम है) मे खुराफाती रहे ही होंगे। नयी नयी चीजें ट्राई करना और नए नए शौंक पालना किसे नही पसन्द? तो आइए जनाब आज बात करते है बचपन के कुछ खुराफाती शौंक की। इसी बहाने […]

जरुरी सूचना : होस्टिंग सर्वर की समस्या

Tweet साथियों, मेरे होस्ट, जिस पर मेरा पन्ना साइट होस्टेड है, के हार्डवेयर मे कुछ दिक्कत आ गयी थी। इसी कारण साइट  दो दिन डाउन रही। अब होस्ट ने साइट तो चालू कर दी है, लेकिन बैकअप कुछ पुराना है। नतीजा ये हुआ कि बचपन सीरीज के पिछले तीनो लेख गायब हो गए। साथ ही […]

रीठेल : मोहल्ले का प्रेम प्रसंग

अब जब रीठेल का मौसम चल ही रहा है तो हमने भी बहती गंगा मे हाथ धोना सही समझा। लीजिए पेश है, चार साल पूर्व (नवम्बर 2004) लिखा हुआ मेरे एक लेख का रीठेल। अब आप इसे मौके की नजाकत कहिए या समय की मांग, बढते ब्लॉगरों और घटते ब्लॉगिंग समय के कारण, अब रीठेल जरुरी हो गया है। तो जनाब आज हम आपको रुबरु कराने जा रहे है, हम अपने मोहल्ले के एक प्रेम प्रसंग से। ऐसे प्रेम प्रसंग हर मोहल्ले मे होते है, लेकिन हर मोहल्ले मे हमारे जैसे शैतान बच्चे नही हुआ करते थे। आप भी देखिए और पढिए हमारे बचपन की शैतानियों से भरे इस मोहल्ले के प्रेम प्रसंग को। वैसे तो इस प्रेम प्रसंग के सभी पात्र वास्तविक है, अलबत्ता हमने उनके नाम बदल दिए है, ताकि हमे जूते ना पड़े, फिर भी आप इसे मस्ती के लिए पढिए, इवेस्टीगेशन के लिए नही।

भला उसका समर्थनपत्र मेरे समर्थनपत्र के पहले कैसे?

Tweet कांग्रेस गठबंधन के चुनाव जीतने के बाद, अभी भी उसे बहुमत की मैजिक संख्या 272 के करीब पहुँचने के लिए लगभग 10 सांसदों की जरुरत होगी। लेकिन सभी मौकापरस्त पार्टियों मे होड़ लगी है कि कौन अपना समर्थन पत्र कांग्रेस आलाकमान को पहले भेजता है। सपा हो या बसपा, जनतादल(देवगौड़ा) हो या अजीत सिंह […]

जनादेश 2009 : समीक्षा

चुनावों मे भारतीय जनता ने अपना जनादेश दे दिया है। कुल 543 सीटों मे से कांग्रेस का यूपीए गठबंधन 260+ सीटें लेकर सबसे बड़े गठबंधन के रुप मे उभरा है। दूसरी तरफ़ भाजपा का एनडीए गठबंधन कुल 158 सीटें पाकर दूसरे नम्बर पर रहा। तो आखिरकार इस मुद्दाविहीन चुनाव में कांग्रेस की इस अप्रत्याशित सफलता का राज क्या था? आइए इस जनादेश के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओ को समझें:

मेरा भारत महान : सचमुच एक महान उपलब्धि

Tweet आज मुझे यह समाचार पढकर बहुत अच्छा लगा। भारत दुनिया मे पहला ऐसा देश है जिसने अपने सारे रासायनिक और जैविक हथियार पूरी तरह से नष्ट कर दिए है। दुनिया के बाकी देशों को भी भारत से सबक लेते हुए, दुनिया को जैविक और रासायनिक हथियारों से मुक्त करने के लिए कदम बढाना चाहिए। […]