Archive for अगस्त, 2010

एक प्रवासी का दर्द

Tweet आज रवीश का लेख “मै प्रवासी हूँ” पढकर फिर से एक प्रवासी होने के दर्द को महसूस किया। रवीश ने अच्छा लेख लिखा है जरुर देखिएगा। कई साल पहले मैने भी इस बारे मे कुछ लिखा था। प्रवासी एक सामाजिक प्रक्रिया है, इसे रोका नही जा सकता। देखा जाए तो दिल्ली भी प्रवासियों ने […]