भागादौड़ी वाली भारत यात्रा

आप सभी लोगो से काफी दिनो बहुत बाद मुखातिब हो रहा हूँ, क्या करुं मसरुफियत इस कदर बढ गयी है कि ब्लॉगिंग से लगभग दूर सा हो गया हूँ। फिर भी जैसे ही मौका मिलता है ब्लॉगिंग करने की कोशिश करता हूँ। अभी कल ही भारत यात्रा से लौटा हूँ, इस बार भी भारत यात्रा काफी थकाने वाली रही, क्योंकि समय कम था, और नाते रिश्तेदारों मे मिलने मिलाने की खींचतान ज्यादा थी। फिर भी अपने लिए कुछ समय निकाल ही लिया।

इस बार भारत यात्रा के दो मकसद थे, पहला मुम्बई(या आसपास) मे अपने लिए एक आशियाना तलाशना और दूसरा मेरी PMP की पढाई और इम्तिहान। मुम्बई में आशियाने तो कई देखे लेकिन कुछ समझ मे नही आया। अभी तलाश जारी है। सबसे बढी परेशानी हम नार्थ वालों को ये होती है कि दिल्ली के फ़्लैट देखने ने बाद मुम्बई के फ़्लैट काफी छोटे लगते है। इसलिए सबसे पहले तो माइंडसैट (मानसिकता) बदलनी होगी। पुणे के दोस्तो से पहले से ही क्षमा मांगता हूँ कि वादा करके भी नही आ सका। इस बार समय कम था इसलिए पुणे का चक्कर नही लगा सका, लेकिन ये पक्का है अगली यात्रा मे पुणे जरुर जाऊंगा। मेरे को पुणे के पास तलेगाँव वाला एरिया निवेश के लिहाज से काफी अच्छा दिख रहा हूँ। खैर देखते है कि क्या हो सकता है।

मुम्बई मे कुछ ब्लॉगर दोस्तों से मुलाकात हुई काफी अच्छा लगा। सबसे पहले तो उन सभी साथियों को धन्यवाद जो अपनी रविवार की सुबह(बहुत अच्छी नींद आती है यार) को खराब करके भी मुझसे मिलने पहुँचे। काफी अच्छी बातचीत हुई, मजा आया। इस तरह की ब्लॉगर्स मीट होती रहनी चाहिए। इस मीटिंग की पूरी जानकारी यहाँ पर देखी जा सकती है।

From BloggerMeet

मुम्बई के बाद मेरा अगला पड़ाव था दिल्ली जहाँ पर मुझे अपना PMP का कोर्स करना था। काफी अच्छा लगा, बहुत सारे नए मित्रों से मुलाकात हुई। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के साफ़्टवेयर वाले लोगो से नाता लगभग टूट ही चुका था, इस मुलाकात मे काफी नए मित्र बने, जिनसे काफी सारी जानकारी का आदान प्रदान हुआ। तीन दिन की ट्रेनिंग के बाद अब बारी थी, व्यक्तिगत कामों की जिनको निबटाते निबटाते टाइम कब निकल गया पता ही नही चला। इस बार दिल्ली मे ब्लॉगर्स साथियों से नही मिल सका, इसका मुझे मलाल रहेगा। क्या करुं दिल्ली मे पैर टिक ही नही पा रहे थे, कभी रुड़की कभी ग्वालियर, कुल मिलाकर बहुत भागदौड़ का समय बीता। आशा है दिल्ली के ब्लॉगर्स साथी मेरी समस्या को समझेंगे। उम्मीद है अगली यात्रा मे उनसे मुलाकात जरुर होगी।

इस भागदौड़ के बीच मैने एक दिन की छोटी यात्रा उत्तरांखण्ड के कौडियाला की करी। रिवर राफ़्टिंग और दूसरे जोखिम भरे खेलो मे मुझे हमेशा से ही आनन्द आता है, इस बार कौड़ियाला और शिवपुरी मे जी भर कर रिवर राफ़्टिंग की गयी। हालांकि पानी कुछ ज्यादा था इसलिए राफ़्टिंग मे वो मजा नही आया जो पिछली यात्रा में मनाली के पास की गयी राफ़्टिंग मे आया। फोटो इस बार ज्यादा खींचे नही थे, इसलिए पिछले वाले फोटो से ही काम चलाइए।

From IndiaTrip2009

अभी कल ही लौटा हूँ इसलिए आज आफिस आने की इच्छा ही नही हो रही थी। लेकिन अगर ऑफिस नही आता तो कहाँ जाता? घर पर भी आजकल सन्नाटा है। फैमिली भारत यात्रा पर है, इसलिए हमारी स्थिति फोर्स्ड बैचलर (जबरन कुँवारे) वाली है। ये जबरन कुँवारे पर भी एक पोस्ट लिखी थी, मौका लगे तो पढ लीजिएगा। अच्छा भई, अभी ऑफिस का थोड़ा काम काज निबटा लिया जाए। फिर मौका मिलते ही आपसे दोबारा मुखातिब होता हूँ।

2 Responses to “भागादौड़ी वाली भारत यात्रा”

  1. हम तो कहे थे कि रिवर राफ़्टिंग के लिए मत जाओ, कोई मजा नहीं आएगा, आधे से अधिक राफ़्टिंग वालों ने वैसे ही दुकान बढ़ा दी है क्योंकि नदी में बहाव कम हो गया है। ये बहाव अप्रैल में होता है जब बर्फ़ पिघलती है ऊपर तो पानी तेज़ी से नीचे आता है या फिर अगस्त में होता है जब बरसात हो चुकने के बाद नदी उफ़ान पर होती है! 🙂 इससे अच्छा तो कहीं और चले जाते छुट्टियों के लिए! 😉

  2. मतलब भारत आये भी और भाग दौड़ कर चले गये 🙂 चलो हम तो मिल ही लिये खुशकिस्मती रही। रिवर राफ़्टिंग हम कुल्लू में देख कर आये थे बैठने की हिम्मत ही नहीं हुई थी, फ़ोर्स्ड बेचलर होने का फ़ायदा यह है कि आप ज्यादा पोस्ट लिख पायेंगे। 😉