हम जुगाड़ी हिन्दुस्तानी
हम भारतीयो के दिमाग मे विश्व मे सबसे तेज है या नही, यह विवाद का विषय हो सकता है, लेकिन हम लेटेस्ट टैक्नोलाजी का इस्तेमाल करना बखूबी जानते है…इस बारे मे कोई विवाद नही हो सकता.. नही मानते? तो सुनिये…
उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी कल ही पूरे प्रदेश के इन्टरनेट कैफे और केन्द्रो पर छापा मारा, जानते है क्यों? क्योकि ये कैफे स्कूली छात्र छात्राओ के लिये एय्याशी के अड्डे बन गये थे. दरअसल इन कैफे मे छोटे छोटे केबिन बने हुए होते है, ताकि लोगो की प्राइवेसी बनी रहे…. लेकिन छात्रो और कैफे प्रबन्धकों ने इसका दूसरा ही इस्तेमाल किया….. छात्र अपने साथ किसी फिमेल पार्टनर को साथ लेकर आते और किसी केबिन का प्रयोग करते… यह सब कैफे प्रबन्धको की रजामन्दी से हो रहा था…….आगरा में दो इंटरनेट केंद्रों मालिकों पर आरोप है कि वे लड़के और लड़कियों को यौन संबंध बनाने के लिए कोठरियाँ मुहैया करा रहे थे और इसके लिए एक घंटे के लिए साठ रुपए लेते थे.
कुछ संचालक तो और घाघ होते है, इन्होने हर कैबिन मे खुफिया क्लोज सर्किट कैमरे लगा रखे है, और प्रेमी युगलो की तस्वीरे और फिल्मे उतारते है, जिन्हे बाद मे बाजार मे बेंच दिया जाता है.देखा है ना फायेदे का सौदा…….आम तो आम गुठिलयों के भी दाम.
पुलिस का कहना है कि इन इंटरनेट केंद्रों में से ज़्यादातर कोठरियों में कंप्यूटर भी नहीं थे और वहाँ से इस्तेमाल किए गए कंडोम बरामद किए गए हैं.पुलिस ने इन इंटरनेट केंद्रों में 22 लड़के और लड़कियों को गिरफ़्तार किया जिनमें से बहुत से नग्न अवस्था में
हुआ ना टैक्नोलाजी का सही इस्तेमाल.
मेरे ख्याल से अब इन्टरनेट कैफे वाले अपने विज्ञापन इस तरह से देंगेः
“सस्ता, सुगम, सुन्दर और सुरक्षित इन्टरनेट कैफे…….हमारे यहाँ फैमिली सर्फिंग की विशेष सुविधा है.सारी सुविधाये एक ही स्थान पर उपलब्ध.हमारे यहाँ वीडियो रिकार्डिंग नही होती.”
president gerald ford
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brutality latter sorer midstream?disillusionments impersonate
[…] किस्सा कुछ इस प्रकार है कि चीन मे एक जनाब इन्टरनैट के लती थे, अक्सर अपनी नैट सहेलियों से चैट किया करते थे (शुकुल सम्भल जाओ अब।) सोते जागते, उठते बैठते बस इन्टरनैट ही इन्टरनैट। उनकी पत्नी, इनकी इस आदत से बहुत परेशान थी। वो करे भी तो क्या करें। घर पर इन्टरनैट देखना बन्द किया गया तो ये जनाब इन्टरनैट कैफ़े मे जाकर फिर वही चैट पर लड़कियों से बातचीत शुरु कर दिए। पत्नी ने इन महोदय का पीछा किया और इन्हे इन्टरनैट कैफ़े मे रंगे हाथो (चैट करते हुए यार!, चीन है, इन्डिया थोड़े ही है, जो कैफ़े के अनेक इस्तेमाल होंगे) पकड़ लिया। बस जी फिर क्या था पत्नी ने कैफे में ही उसका हाथ काटा डाला। ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी। है ना। पूरा समाचार यहाँ पर पढ लीजिए। […]
साथ ही यह भी जोड़ दें:
और हमारी पुलिस से भी सांठ-गांठ है इसलिए हमारे यहाँ छापा नहीं पड़ता। 🙂
काश यह लेख एक साल बाद लिखा होता, हमारे भी कुइछ काम लग जाता। खैर देर आये दूरस्त आये ये विज्ञापन चिपका देते हैं अब अपने कॉफे में और श्रीश के सुझाव पर भी ध्यान देना पड़ेगा।
🙂