उस ने रूख़ से हटा के बालों को
उस ने रूख़ से हटा के बालों को
रास्ता दे दिया उजालों को
जाते जाते जो मुड़ के देख लिया
और उलझा दिया ख़यालों को
एक हल्की सी मुस्कुराहट से
उस ने हल कर दिया सवालों को
मर गए हम तो देख लेना ‘शफ़क़’
याद आएंगे हुस्न वालों को
-सय्यैद शफ़क़ शाह चिश्ती