मानो तो मानो, नही तो…..

अब का करें, इधर शुकुल और उधर विजय हमारे होली के फोटो को कम्पयूटर की कलाकारी मान रहे हैं। बहुत समझाए, लेकिन नही मानते, हमको लगता है, एशिया के उस हिस्से मे अविश्वास की हवा बह रही है, इसलिये लोग बाग फोटो पर भी विश्वास नही कर रहे। खैर चलो जाने दो, नादान है, काहे पिल्लू पिल्ली करें। मौज में रहें।

अरे हाँ, बाकी के सारे फोटो हम अपनी गैलरी मे लगा दिया हूँ, साइट का लिंक ये रहा। लेकिन भैया, वहाँ पर फोटो आपको बिना लागिन किए नही दिखेगा । लागिन का यूजर नेम और पासवर्ड पुराने लोगों के पास है ही, नये लोग देखने के लिये सम्पर्क करें।

अब शुकुल और विजय, बाकी के फोटो देखकर मानो तो मानो, नही तो तेल लेने जाओ…..और हाँ, बोरा शुकुल से ले लेना। और हाँ जाते जाते बता दें, बुरा ना मानो होली है, और मान भी गये तो का कर लोगे…..एक और पोस्ट लिख लेना। अच्छा भई, बाकी सन्त जनों को राम राम।

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4 Responses to “मानो तो मानो, नही तो…..”

  1. ये तो पता था कि कुवैत में तेल बहुतायत से मिलता है, मगर ठोस अवस्था में मिलता है यह पहली बार पता चला.

    हम अपने भारत में तो कभी भी ‘बोरा’ ले के तेल लेने नहीं गये, शायद कभी कुवैत शुवैत जाना पडा तो तेल लेने का ‘बोरा’ जरूर देखेंगे जीतू भैया के पास.

    बाय द वे, किलो से मिलता है या मीटर से? 😉

  2. बाय द वे, किलो से मिलता है या मीटर से?

    विजय भाई, इतनी थोड़ी मात्रा में तो वे दान भी न देते!! किलोमीटर से कम बेचने की बात वे लोग नहीं करते, यह तो हम लोग हैं जो थोड़ी बहुत मात्रा में खरीद अपनी गुजर बसर करते हैं!! 😉

  3. हम ये तो नहीं कहे कि फोटो कम्प्यूटर से बनाये हो। हम तो यह कह रहे थे कि इतना साफ होली में कैसे हो भइये!

  4. भैय्‍या हमे भी भेज दो जरा चाबी अपने इस ताले की देखें तो सही बात क्‍या हो रही है