आओ वैब पर हिन्दी ढूंढे
क्या आपने कभी वैब पर हिन्दी ढूंढी है, यकीं मानिए वैब पर हिन्दी साइट ढूंढने मे बहुत मजा आता है, आइये आप भी मजा लीजिये:
- परिधान बनाने वाली कम्पनी लाकोस्टे की साइट 28 भाषाओं मे है, हिन्दी भी इसमे शामिल है यहाँ देखिए।
- परशियन ट्रान्सलेटर की हिन्दी साइट ।
- इजराइली संगीत की साइट हिन्दी में, ग्राहक है क्या इसके?
- ब्रिटेन से डेविड ब्राउन हिन्दी मे नमस्ते कर रहे हैं।
- अपने डैनियल पाइप (क्या नाम है?) भी हिन्दी मे लिखते है, पढिये यहाँ ।
- मुंशी प्रेमचन्द भी वैब पर मौजूद है।
- फादर कामिल बुल्के क्यों पीछे रहें।(वैसे ये है कौन?)
- हिन्दिका : बहुत दिनो बाद दिखी, लिंक भूल गया था।
- प्रयास : हिन्दी में (अमां तो ठीक से करो ना, आधा अधूरा काहे कर रहे हो)
- दाँतो की सुरक्षा, अब हिन्दी मे भी समझो।
- अब लो हनीवैल के प्रेशर सेन्सर्स और प्रेशर ट्रांस्ड्यूसर्स, झेलो।
- रंगायन अगाशी, अच्छे चित्र है।
- गीता प्रेस गोरखपुर, बचपन में बहुत किताबें पढी है इसकी।मजबूरी थी, चाचाजी, रोज रात को किताब मे पढी कहानियां सुनते थे, मेरे से।
- ए ल्लो, मैपोरामा भी हिन्दी मे है।
- ये डा.राम चौधरी भी लिख तो हिन्दी की समस्या पर रहे है, लेकिन फ़ोन्ट सुषा पर ही लिखे है, कित्ते लोग पढ सकेंगे?
- फ़्रीक की मौत से ठन गयी।(यहाँ बहुत खतरा दिख्खे है मन्ने, निकल लो…)
- ये लो हिन्दी फ़िल्मी गीतों के बोल भी है अक्षरमाला की गीत पुस्तिका और गीतायन पर।
- आइये अनुराधा कुलकर्णी से शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीखें।
- हिन्दी मे चुटकुले पढिए
- चलते चलते :ये लो, एक्टर राइटर डायरेक्टर सब कुछ यही है, पूरी कहानी पढो इनकी, मेरे विचार से साइट डिजाइनर भी ये खुद है, या इनके जैसा ही कोई है। और विजिटर? वो भी शायद ये अकेले ही होंगे इस साइट पर।हिन्दी भी बहुत दुखी लिखी है, उदाहरण:लीखीते,बीझनीश,परीणाम,शंसोधन…..ना ना…..अब नही झेला जाता, आप खुद ही पढिए।
आपको भी कोई साइट दिखे तो बताइये हम सबको, तड़का लगाकर।
सही है। ऐसी वेबसाईटें खोजने का नुस्खा भी तो बताईये!!
कोई आवश्यक नहीं है, कई बार कंपनियाँ आदि यूँ ही अन्य भाषाओं में अपनी वेबसाईट का अनुवाद डाल देती हैं।
वो नहीं लिखते, वे सभी लेख आदि किसी और के द्वारा अनुवादित हैं।
बहुत से लोगों का यह हाल है, और सभी भाषाओं के साथ है। जिस तरह सभी अमरीकियों और अंग्रेज़ों को सही से अंग्रेज़ी बोलनी और लिखनी नहीं आती, उसी तरह अन्य भाषियों में भी यह समस्या है कि ठीक तरह से लिखने में दिक्कत है। और यह समस्या अधिकतर उन भाषाओं के साथ है जिनमें स्वर बहुत हैं जिसकी वजह से वह भाषा थोड़ी कठिन हो जाती है, जैसे हिन्दी।
एक्टर डायरेक्टर वाली साईट तो बहुत ही हास्यास्पद है, कविता का नमुना देखिये
तुम्हे लेके मैं मरुंगा
इतना भरोसा करना
अमर बना हुँ में साजन
तुम सजनी अमर बनना”
सुभान अल्लाह क्या कलम की ताकत पाई है!!! 🙂
और एक नमूना डायलोग का
“तू हीन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
विज्ञान की औलाद है विज्ञान बनेगा”
भाइ खुब क्या लिखते है, पढ़ कर आँख में आँसु आ गये.
शब्दॊं पर गौर फ़रमाईये – मुश्कीलों, ज़ीन्दगी, जीवीत, कीतना…. आदि छोड़ो यार आपका मजा किरकिरा करने का मुझे कोई हक नहीं, आप खुद ही पढ़िये.
एक साईट ओर देखिये माननीय अट्टल बीहारी बाजपयी की कविता “मौत से ठन गयी”
http://userpages.umbc.edu/%7Eanoop2/2004/06/blog-post.html
(यह मात्रा जैसे पृष्ठ पर दिखायी गयी है उसी तरह यहाँ लिखी गयी है.)
माफ़ी चाहता हुँ, फ़ीक्र की “मौत से ठन गयी” का लिंक मैने फ़िर से दे दिया जिसे जीतु भाई लिख चुके थे.
वाह! शास्त्रीय संगीत वाला साइट का लिंक देने का धन्यवाद।
फादर एमिल बुल्के हिंदी अंग्रेज़ी के शब्दकोश के लिए जाने जाते हैं.
सुनील