सावधान इस टाइप की इमेल से

साथियों इस टाइप की इमेल से सावधान रहिए:

Subject : Let’s make a difference
Content:
I’m doing a little something for the mother earth, and I thought you
might like to join me:

http://friends.earthscreen.com/?r= (वगैरहा वगैरहा)

देखने मे यह इमेल बहुत सीधी साधी लगती है, और लगता है पर्यावरण से सम्बंधित कुछ होगा, लेकिन यह एक स्पैम मेल है, और सम्भव है कि आपके जान पहचान वाले के यहाँ से आई हो।इस लिंक को क्लिक ना करें, और ना ही कंही पर अपना इमेल का पता/यूजर आईडी और पासवर्ड दें। मै इस इमेल का शिकार हो चुका हूँ।आपको यदि यह इमेल मिले (चाहे मेरे इमेल के पते से) तो तुरन्त इस इमेल को उड़ा दें। साथ ही एक फ़िल्टर भी बना दें कि यदि कन्टेन्ट कुछ ऐसा हो तो सीधे स्पैम मे डाल दिया जाए।अगर आपने क्लिक कर दिया है तो कंही भी अपना इमेल आईडी/पासवर्ड ना दें। और यदि वो भी दे दिया है तो तुरन्त अपना पासवर्ड बदल दें। और नही करना चाहिएं तो तैयार रहिए, स्पैम मेल की बारिश से, वो भी आपने अपने जान पहचान वालों की तरफ़ से।

आशा है आप सावधानी बरतेंगे और इस तरह के स्पैम मेल के चक्कर मे नही फ़ंसेंगे।

10 Responses to “सावधान इस टाइप की इमेल से”

  1. धन्यावाद| यह मेल मुझे पहेलीबाज की तरफ से मिली थी मै इस पर गया जरूर पर चूंकि कुछ तय नहीं किया था इसलिये आगे कुछ नहीं किया था पर इसे इनबौक्स मे रखे था| अब मिटार दी है|

  2. Jiitu bhai ye mail mujhe aapki taraf se aayi thi. Main site pe gaya bhi tha socha aapki taraf se ek naya prayaas hai. Khair achcha kiya aapne samay rahte cheta diya. dhanyawaad!

  3. आपके id से ही पहली बार मुझे यह स्पैम मिला. समझ गया कि आपके id की आड़ में स्पैमियों की करतूत है. सो क्लिक तो किया आपका मेल समझ, लेकिन समझ आते ही तुरंत डिलिट कर दिया.

  4. मुझे भी आप के नाम से इस तरह की मेल मिली थी मैने समझा आपने भेजी होगी सो आगे अपने सभी दोस्तों में वितरित कर दी अब कुछ किया सकता है क्या?

  5. सुनील on मई 21st, 2006 at 2:10 pm

    अरे मुझे भी यह मेल आप के ही नाम से मिली थी. मैंने सोचा कि आप से इसकी बात पूछूँगा इसलिए कुछ भी जानकारी नहीं दी! सबसे बुरी बात यह है कि इस तरह से लोगों के बीच अविश्वास की दीवारें खड़ी कर देतें हैं! 🙂

  6. मुझे भी यह आपसे ही प्राप्त हुई तभी लगा कि ये तो स्पैम है क्योंकि भरोसा था कि यदि ऐसा कुछ करने के नेक इरादे जीतू भाई के होगें तो वे किसी चिठ्ठे या फोरम पर आयेंगे ना कि इमेल पर!

    चैताने का धन्यवाद!!

  7. मुझे आपसे ही यह ईमेल प्राप्त हुआ था.इस सूचना के लिये धन्यवाद…

    ‘तुम्ही ने दर्द दिया है, तुम्ही दवा देना’

    समीर लाल

  8. पहेली बार मेरा आलसी स्वभाव काम आया!! मुझे तो यह इमेल आपकी तरफ से मिला, मैने सोचा पता नही क्या होगा, एक बार खोला और साला याहू का पासवर्ड डालना था इसलिये रोक दिया। सोचा 1-2 दिन के बाद थोडा बहुत देख कर सबको इनवाइट करूंगा!! लेकिन आज वही आलस काम आ गयी। हुर्रे..

    समीरलाल, बढिया लिखा!! चोरी “नकली” जीतूभाइ करवाए ओर चोरो से “असली” चेताये!!

  9. मेरी कहानी बिल्कुल रवि कामदार जी वाली है। मुझे भी आपके ईमेल से ही ये ईमेल मिली। मैंने सोचा चलो भले काम में जीतू जी का हाथ बंटाते हैं। लेकिन फिर उसने वो पासवर्ड वगैरह पूछना शुरू कर दिया। मैंने फिर भी आप पर शक नहीं किया लेकिन एक दो साल पहले इस तरह की करतूत कर चुका हूँ, इसलिए रुक गया। सोचा फिर आराम से देखेंगे, अभी समय कम है। चलो वो आलसियत अब काम आ गई। शुक्र है मैं आगे नहीं गया।

  10. अभी अभी मुझे यह मेल कन्हैया रस्तोगी से आया, साथ में दर्जनों और नामों को यह मेल गई थी। मैं ने सभी को आगाह कर दिया है, और इस पोस्ट की कड़ी दी है।