हम तो चले स्वदेस

अच्छा साथियों,
हम तो चले स्वदेस, आज शाम की फ़्लाइट है। यहाँ से शारजाह होते हुए, सुबह सवेरे नागपुर पर पहुँच कर हिन्दुस्तान की धरती को चूमेंगे(अगर एयरपोर्ट वालों ने सफाई का विशेष ध्यान रखा तो) मुझे नही पता नागपुर एयरपोर्ट कैसा है, नागपुर शहर कैसा है, क्योंकि पहली बार जा रहा हूँ, क्यो? अमां एयर अरेबिया की सस्ती फ़्लाइट अभी सिर्फ़ नागपुर जा रही है। हम अकेले नही हूँ, पूरा कुनबा है। जिसमे मिर्जा साहब,छुट्टन,पप्पू भैया और किरकिट स्वामी भी शामिल है। अब इत्ते सारे लफ़ाड़िए एक जगह इकट्ठा होंगे तो फ़ड्डे तो होने ही है।इस बार हम लोगों ने निश्चय किया है बऊवा और वर्मा फ़ैमिली से जरुर मिलेंगे। अब जहाँ बऊवा हो वहाँ पंगे ना हो ये कैसा हो सकता है।तो भैया फ़ड्डों के लिखे जाने का इन्तजार करिए।और पढते रहिए, मेरा पन्ना, आपका अपना पन्ना।

मै रोजाना तो नही, लेकिन हफ़्ते हफ़्ते कोशिश जरुर करूंगा कि ब्लॉग को अपडेट करता रहूँ, अब देखते है कि कोशिश कितनी सफ़ल रहता है। आपकी शुभकामनाओं का आकांक्षी।

आपका भाई
जीतू चौधरी

8 Responses to “हम तो चले स्वदेस”

  1. ठीक हेगा भीया!

    आप अप्ना धीयान रक्खो..ओर तो ओर अप्ने पुरे कुन्बे का बी.
    बेसे नाग्पुर में हवाईअड्डा भी हेगा, जे तो पेली बारइच्च पता चला हेगा.

    पन नाग्पुर शेर अबी तलक के तो अच्छाई हेगा,
    अब पता नी आप्के जाने के बाद उस्का किया हाल होयेंगा.
    कोसिस कन्ना कि थोडे फ़ड्डे कम करो. लोगहोन नी झेल पांगे भीया.

    ओर बिलाग-विलाग की टेन्सन मतीच कन्ना. में ऊँ ना. में सब्का धीयान रख्लुँआ.
    जुगाड की बी जुगाड जमाता रऊँवा.

    घर में बडोन को अप्ना पाय्लागू केना, और छोटोन को अप्नी तरप से चाकलेट खिलादेना.

    बाकी तो ठीक हेगा.., तो फ़िर मिल्ते हें भीया.

    ओर हाँ, बो क्या केते हें ना इंग्लिस में:
    हेप्पी जन्नी!!

  2. संतरा शहर नागपूर मे आपका स्वागत है। यहां के संतरे और संतरे की दारू दोनो अच्छी होती है। नागपूर शहर जाना हुआ तो , “चिकन सावजी” खाना ना भूलें। ये आपको सिर्फ और सिर्फ नागपूर मे ही खाने मिलेगी।
    नागपूर हवाई अड्डा छोटा जरूर है लेकिन अच्छा है।
    टैक्सी वालो से थोडा सावधान रहियेगा, नये चेहरो को देखकर अनाप शनाप किराया मांगते है।

  3. यात्रा के दौरान बीच में कहीं उतरना मत और आस-पास वाले कुछ दे तो खाना मत. पानी कि बोतल साथ में लेकर चढ़ना. हवाई यात्रा हैं ऐसा बताते हैं , तो पवनपुत्र बजरंगबली का नाम ले कर यात्रा शुरू करना. यान में चोकलेट देने वाली आंटी पर ज्यादा ध्यान मत देना.
    बस. शुभ-यात्रा.
    हाँ, हो सके तो हमारे वास्ते दो लिटर तेल ले आना भैया, इंया से तो सस्ता ही बैठेगा.

  4. और हाँ पिलेन में खिडकी से हाथ बाहर मत निकालना।

  5. नीरज दीवान on जून 11th, 2006 at 1:20 pm

    स्वागत है इंडिया में. नागपुर मेरी पंसदीदा सिटी है. कई जगह घूमा लेकिन नागपुर सबसे बढ़िया लगा है. उत्तर-दक्षिण की संस्कृति का अनोखा मेल भी यहां देखने मिलता है. थोड़ा एडवांस तो थोड़ा पिछड़ा, यही तो मज़ा है शहर का.

  6. Kya hua Jitu bhai,

    Aage bhi to bolo na (likho na)!

  7. ummid hai aap kushal mangal me honge (aaj kal india me) jab kuwait return aao to hamara contact jaroor karna
    -vijay

  8. जीतू भाई, स्वागत है भारत में आपका। काश ऐसा हो जाए कि भारत के एयरपोर्ट और रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन आदि आपके चूमने लायक हो जाए।