अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का हनन


virodh

मुम्बई बम धमाको के बाद, आतंकवादियों को ढूंढ सकने मे नाकाम, भारत सरकार ने नागरिक सुरक्षा के नाम पर जिस तरह ब्लॉगरों की साइटों को प्रतिबन्धित किया है वो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, अलोकतान्त्रिक और संविधान विरोधी है। इसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र मे ऐसी घटना का होना शर्मनाक है। मै हिन्दी ब्लॉगरों की ओर से भारत सरकार से अपील करता हूँ कि अपना यह अलोकतान्त्रिक रवैया छोड़े। लोकतन्त्र मे आप किसी से अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का हक नही छीन सकते।

मै सभी चिट्ठाकारों से कहना चाहूँगा कि अपनी अपनी आवाज अपने ब्लॉग के माध्यम से बुलन्द करें। यदि आप अपने ब्लॉग तक नही पहुँच पा रहे है तो परिचर्चा मे भाग लेकर अपने विचार व्यक्त करिए।

नोट: इस ब्लॉग के बाकी के लिखे नीचे जारी है।

12 Responses to “अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का हनन”

  1. जीतू भैया,

    हिन्दी और अंग्रज़ी चिट्ठाजगत के उन कारनामों पर प्रकाश डालिए जो समाज के हित में रहे किस तरीक़े से ब्लॉगियों ने लोगों की मदद की है. आप ज़्यादा अनुभवी है लिहाज़ा तथ्य बता दीजिए. मुझे एक लेख के लिए अनुबंध मिल गया है. आज रात तक स्टोरी बनाकर भेजनी है. कोशिश करूंगा कि ब्लॉगियो की मांग के साथ न्याय कर सकूं. ये भी लिखना चाहता हूं कि सरकार का यही रवैया रहा तो पीआईएल दायर की जाएगी. धन की व्यवस्था हम सभी मित्रगण कर लेंगे. बाक़ी आप मुझे जल्द से जल्द कोई अंग्रेज़ी पेज ही भेज दीजिए जहां से कुछ टीप सकूं.

  2. नीरज भाई,
    आपको इमेल द्वारा जानकारी भेज दी गयी है, कुछ और चाहिए तो बताइएगा।

  3. बहुत दुःख हुआ जानकर।

  4. रणवीर कुमार on जुलाई 19th, 2006 at 11:39 pm

    अब भी किन्हीं को इस बारे में संदेह है क्या कि ब्लॉग प्रतिबंधित हो गये हैं? मैंने अभी अभी चिट्ठे प्रकाशित करना शुरू किया है, blogspot पर। पर यह विडम्बना इतनी जल्दी हो गयी। मेरे यहाँ Sify Broadband का connection है। मैं blogspot.com तो खोल पा रहा हूँ, लॉगिन भी हो रहा है, मगर अपने प्रकाशित ब्लॉग्स को नहीं खोल पा रहा हूँ। यही हाल अन्य तथाकथित प्रतिबंधित ब्लॉग साइटों का भी है। BBC ने यह समाचार भी प्रकाशित किया है इस बारे में – http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews … ndia.shtml

    भारत में इस तरह का प्रतिबंध तो अत्याचार से भी बढ़कर है। आपलोग कुछ सुझाव दे सकते हैं कि किस प्रकार इसके विरोध में अपनी आवाज उठा सकें। वैसे मेरे पास कुछ हैकिंग के अच्छे विचार हैं…जो कि कम से कम Sify से तो निपट ही सकते हैं।

  5. रणवीर भैया. हैकिंग का अच्छा विचार मत बनाइए. सारी लड़ाई नैतिक धरातल पर खड़े होकर लड़ी जा रही है. प्रतिबंधित साइटों पर तो हम अभी भी आसानी से सर्फ़ कर सकते हैं किंतु ये नैतिक तौर पर सही नहीं है. सरकार ने ब्लॉगिंग की कुछ साइटों पर प्रतिबंध लगाकर मूर्खता का परिचय दिया है उसका मुक़ाबला होशियारी से किया जा रहा है. हैकिंग का विचार त्याग दें और सभी परिचर्चा के फ़ोरम में चर्चा करें.

  6. विदेशों में रहने वाले भारतीय और भारत में रहने वाले जिस तरह ब्लाग लेखन के द्वारा भारतीय संस्कृति, भाषा, लोक संस्कृति एवं साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय स्रे पर आदान प्रदान कर उसमें श्रीवृद्धि कर रहे हैं इसके लिए सरकार को गर्व महसूस करना चाहिए। यह सब ब्लाग के कारण ही संभव हो सका। ब्लाग पर प्रतिबंध लगाना नितान्त नासमझी का परिचायक है ।
    डॉ॰ व्योम

  7. मैं उमेश, नेपालसे। नेपाली भाषाका पहला ब्लगर हुँ।

    भारत सरकारका अभिव्यक्ति स्वतन्त्रताका ये हनन् मुझे राजा ज्ञानेन्द्र के समय के हरकतोंको याद दिलाती है। उस समय माअ‍ोवादी ‘आतंककारी’ यों के युज के बहाने हमारे सरकार ने मोबाइल फोन व ल्यान्डलाइन फोन तक काट दिया था।

    मैं भारतीय ब्लगरोँ के साथ हुँ। अगर कुछ सहयोग चाहिये तो जरुर लिखना।

  8. जब कुछ करने को समझ नहीं आया तो यही करना था| कहते हैं ना “खिसियानी बिल्ली खंम्बा नोंचे”

  9. हिन्‍दी में ब्‍लाग्‍स यदि खोला जाय तो क्‍या उसमें हिन्‍दी साहित्‍य को भ्‍ाी पढ्ा जाना नहीं है क्‍या ा इस सम्‍बन्‍ध में मुझे जानकारी देना चाहेंगे क़पया ा
    — क़ष्‍ण शंकर सोनाने

  10. Haan bhai sahab. main bhi aap logon ki baaton se sahmat hoon. Aur main bhi sarkar ke is nasamjhi me uthaye gaye kadam ka ek shikaar hoon. Hume apni aawaaz aur bhi buland karni hogi.

  11. सभी विद्वानोँ एवं विदुषियोँ को मेरा सादर प्रणाम! अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का मामला एनडीटीवी की बरखा जी और ब्लागर कुन्ते जी को आपस मेँ उलझा दिया.
    कहते हैँ आदमी जोश मेँ होश खो देता है. मुझे भी दोनोँ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ प्रतीत होता है. बरखा जी की टीम अपनी कर्तव्यनिष्ठा के जुनून मेँ रही होगी और कुछ अनजाने मेँ गलतियाँ हो गई होँगी. कुन्ते जी उन्ही गलतियोँ को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक समझकर मारे क्रोध और ब्लागकारिता के जोश मेँ अपशब्दयुक्त ब्लाग लिख डाला होगा. यहाँ तक तो बात समझ मेँ आती है लेकिन आपस मेँ इस तरह लडकर मीडिया को बदनाम न किया जाए तो अच्छा है।
    अगर मेरी बात बुरी लगी हो तो इसके लिए आपका छोटा भाई……..
    विजय कुमार पाठक
    ग्राम मठिया
    डाकघर बोदरवार
    जनपद कुशीनगर (उप्र)

  12. OK