नारद अपडेट
साथियों,
मुझे पता है आप सभी नारद का बेसब्री से इन्तजार कर रहे है। दरअसल हमने काफी काम कर लिया है लेकिन कुछ तकनीकी वजहों से हम इसे शुरु नही कर पा रहे थे। अब नारद २ के आने की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। यदि कोई तकनीकी दिक्कत नही आती तो शायद इसी सप्ताह इसे चालू कर लिया जाएगा।
नारद की रेटिंग को लेकर आप लोगों मे मन मे कुछ संशय है, मै इस बात को आपको साफ तौर पर बताना चाहता हूँ। नारद का रेटिंग सिस्टम बहुत सोच विचार के बाद बनाया गया है। हमने नारद पर पाँच श्रेणिया बनायी है। और सभी चिट्ठों को इन पाँच श्रेणियों मे विभाजित किया है। नारद की श्रेणियों का उद्देश्य नारद की चिट्ठे दिखाने की स्पीड को बढाना है। ताकि नारद के सर्वर पर लोड ना पड़े और लोगों मे भी चिट्ठे लिखने और नारद पर दिखने के लिये होड़ लगी रहे। यहाँ मै एक बार फिर क्लियर कर देना चाहता हूँ कि नारद पर बनायी गयी श्रेणियाँ चिट्ठो के लिखने की फ्रिक्वेन्सी पर निर्धारित है ना कि चिट्ठों की गुणवत्ता पर।
1. सक्रिय चिट्ठे : जो चिट्ठे पन्द्रह दिनों मे कम से कम एक बार जरुर लिखे जाते है। ( इन चिट्ठों को हम दिन मे १२ बार, यानि हर घन्टे मे अपडेट करेंगे)
2. कम सक्रिय चिट्ठे : जो चिट्ठे पंद्रह दिनो से लेकर एक महीने मे जरुर लिखे जाते है। (इन चिट्ठों को हम हफ़्ते मे एक बार अपडेट करेंगे)
3. असक्रिय चिट्ठे : जो चिट्ठे एक महीने से तीन महीने जरुर लिखे जाते है। ( इन चिट्ठों को हम १५ दिन मे एक बार अपडेट करेंगे)
4. सुप्त चिट्ठे : जो चिट्ठे तीन महीने से ज्यादा समय से बन्द पड़े है। (इन चिट्ठों को महीने मे एक बार अपडेट करेंगे)
5. हटाए गये चिट्ठे : वो चिट्ठे जो अपडेट नही हो रहे या जिनके फीड मे कुछ परेशानी आ रही है। ( ये मैनूअली अपडेट होंगे और चिट्ठा लेखक से नारद जी सम्पर्क करके, समस्या सुलझाने का प्रयत्न करेंगे)
यदि आपको इस सिस्टम मे कोई खामी नजर आ रही है तो जरुर बताइयेगा। लेकिन सभी के हितों को ध्यान में रखकर ही सुझाव दीजिएगा।
नारद पर काफी कुछ नया होगा, जिसके बारे मे आपको आपको सूचित करता रहूंगा।
धन्यवाद!
भालो ताऊ मोशाय। खूब सुन्दोर।
पर ये सारे मोड्युल्स क्यो लम्बे चौडे हो गए आपके पन्ने पर ? 😉
जो चिट्ठे पंद्रह दिनो से लेकर एक महीने मे जरुर लिखे जाते है। (इन चिट्ठों को हम हफ़्ते मे एक बार अपडेट करेंगे)
मुझे लगता हैं यह तीन दिन हो तो अच्छा हैं. सोचिये किसी ने आज लिखा वह सात दिन बाद नारद पर आए यह सही होगा?
बाकी जैसा सब उच्चीत समझे.
हाँ संजय भाई,
अपडेट के बारे मे आपशन खुले है अभी, इसको कन्ट्रोल कर सकते है। इस पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है फिर जैसे सभी की सहमति बने उसको इम्प्लीमेन्ट किया जा सकता है। एक और बात कई चिट्ठों के फीड मे प्रोबलम आती है, या कभी साइट नही खुलती, तब हमारा एग्रीगेटर अटक जाता है, ये एक ऐसी समस्या है जिसका तोड़ ढूंढना बहुत जरुरी है।
जीतू भाई
आपके प्रयास सराहनीय हैं. हम सभी नारद वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
अगर सामान्य प्रणाली चालू हो जाये तो सुझावों पर तो समय समय पर आगे भी अमल किया जा सकता है.
संजय भाई का सुझाव अच्छा है, अगर कोई तकनिकी समस्या न हो.
आपको और आपकी पूरी टीम को पुनः बधाई.
एक और चिज दिमाग में आई
मान लिजिए किसी का ब्लोग हफ्ते में एक बार अपडेट हो रहा है… अब जैसे बन्दे ने 1 तारिख को लिखा और अपडेट की तारिख 7 है… अब 7 को उसके ब्लोग की फीड नारद पर आ जाएगी. लेकिन दिखेगी तो क्रमवार ही (अगर मै सही हुँ तो) यानि की 1 तारिख की प्रविष्ठियों के साथ. यानि कि पहले पन्ने पर तो आएगी ही नहीं.
इक बात पुछना चाहुँगाः मैं किस प्रकार अपना चिट्ठा नारद जी को समर्पत कर सकता हूँ??
नये नारद पर कोइ लिंक नहीं है!!!
वाह क्या बात है. ढेरों शुभकामनाएं.
यह तो सभी के लिए खुशखबरी है.
पुनः वापसी हेतु टीम को बहुत -बहुत आभार.
ब्लॉग फीड के अपडेट के नए प्रयोग से कम या बहुत कम लिखने वाले ब्लोगर्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
narad ke bare me mitre shri kajalji se sunkar bahut khusi ho rahi hai… bahut bahut badhai..subhkamana
पिछली बार नारद का उपयोग तो नहीं कर पाया था, लेकिन इसके बारे में खूब सुना था। अब फिर से शुरू होगा तब देखेंगे कि यह कितना कमाल कर पाता है। वास्तव में एक एग्रेगेटर तो हमेशा होना ही चाहिए। फिलहाल तो फेसबुक को ही एग्रेगेटर बना रखा है, वहां किसी का लिंक मिलता है तो दौड़कर पहंच जाते हैं। बाकी फ्रेंड कनेक्ट से काम चला रहे हैं…
स्वागत और शुभकामनाएँ…
मतलब मेरे चार ब्लॉग हैं तो मुझे चार बार इसी एक पोस्ट पर कमेंट करना होगा दिखने के लिए.. ना बाबा ना..
जीतू जी,
मेरा ब्लागिंग में साढ़े तीन साल पहले हुआ था…लेकिन इस दौरान आपने अपने ब्लॉग पर कम लिखा…एक-दो बार आपके ब्लॉग पर जाकर कमेंट भी किया…आपके ब्लॉग को जब भी पढ़ा, यही महसूस किया कि आपने लिखना कम क्यों कर दिया…क्यों हमें इतने अच्छे लेखन से वंचित रखा…लिखते तो हम जैसे बहुत हैं, लेकिन आपकी लेखनी में जो बेबाकी, सच्चाई और धाराप्रवाहिता है, वो हमारे सीखने के लिए भी बहुत ज़रूरी है…
मुझे उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि नारद के पुनर्आगमन से ब्लॉगिंग में जो खालीपन महसूस किया जा रहा है, वो एक झटके से दूर हो जाएगा…
बस इस बात पर एक बार दोबारा गौर कीजिए…
नारद पर बनायी गयी श्रेणियाँ चिट्ठो के लिखने की फ्रिक्वेन्सी पर निर्धारित है ना कि चिट्ठों की गुणवत्ता पर।
जय हिंद…
त्रुटि सुधार…
मेरा ब्लागिंग में आगमन साढ़े तीन साल पहले हुआ था…
जय हिंद…
हम तो भैया दुसरे-तीसरे श्रेणी के बीच में आ चुके हैं.. 🙂