आइए अपना ज्ञान बाँटे
हम सभी ज्ञानी है। जीवन के इस पड़ाव तक पहुँचते पहुँचते हम इतना अनुभव अर्जित कर चुके होते है। कि वो अनुभव किसी के भी काम आ सकता है। अनुभव किसी भी प्रकार का हो सकता है, जीवन के किसी भी क्षेत्र का, तकनीकी, व्यवहारिक, साहित्यिक, खान-पान, रहन-सहन, बच्चों से सम्बंधित, यात्रा टिप्स, आपके अपने ज्ञान क्षेत्र या और कुछ भी। निश्चय ही आपका अनुभव दूसरे के काम आएगा। यदि हम अपने अनुभव कंही लिखने बैठे तो अपने आप मे एक खजाना बन जाएगा। लेकिन जरा सोचिए, जब एक साथ बहुत सारे धुरन्धर अपने अनुभव को लिखने बैठे तो, तो फ़िर ये ज्ञान का खजाना ही हुआ ना। तो साथियो पेश है आपके लिए ज्ञान का खजाना। यह मेरा एक छोटा सा प्रयास है, ढेर सारे अनुभवी लोगों को एक मंच पर आकर उनके ज्ञान को लोगो मे बाँटने का, इसी का नाम तो सोशल नैटवर्किंग है।

इस साइट को बनाने का आइडिया इस साइट को देखकर आया, शुकुल से मैने बोला कि इस तरह की वैब-साइट हिन्दी मे भी होनी चाहिए, तो शुकुल बोले, आइडिया उछालो, हमने कहा, इस बार आइडिया नही उछालेंगे, कुछ बनाकर दिखाएंगे, फिर लोगो से राय लेंगे, आइडिया उछलने पर तो आइडिया बैठ जाता है, प्रैक्टिकल काम का मजा ही कुछ और है।
ज्ञान का खजाना, एक टैस्टिंग साइट है, जिसमे हम आप सभी भी अपना योगदान कर सकते है, या सिर्फ़ पाठक बनकर भी आप दूसरों के ज्ञान को पढ सकते है। यदि आपको कोई भी टिप्स पसन्द आए, तो उसे वोट जरुर करिएगा, ताकि वह टिप्स पहले पन्ने पर छाए, जिससे दूसरे लोग भी लाभान्वित हो। हर वोटिंग के ३ प्वाइन्ट है, पूरा सिस्टम आटोमेटेड है, यानि कि किसी भी प्रकार बन्दे की जरुरत नही है। टिप्स लिखने के पहले यदि आप साइट पर पंजीकरण करते है तो आपके लिए लाभकारी रहेगा, नही तो आप गुप्त रहकर अथवा पाठक रहकर भी टिप्स भेज सकते है। अभी चूंकि यह साइट क्रिस्पी न्यूज वालों के यहाँ होस्टेड है इसलिए गूगल के विज्ञापन दिखाई देंगे, जब इसे अपने यहाँ होस्टिंग करेंगे, तब यह सब बन्द हो जाएगा। आशा है आप सहयोग करते रहेंगे।
इस वैबसाइट के सम्बंध मे आपके विचार सादर आमंत्रित है।
ज्यादा जानकारी यहाँ है।
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अपना ज्ञान/अनुभव कम से कम शब्दों मे लिखिएगा, ताकि एक पेज पर ज्यादा से ज्यादा टिप्स दिखायी जा सकें।
तो आइए, इस ज्ञान-गंगा मे डुबकी लगाएं।
जीतू जी,
यह सूचनाओं का खजाना जरूर है और स्वागतयोज्ञ भी।आजकल लोग ‘सूचना’ और ‘ज्ञान’ को पर्यायवाची मनवाना चाहते हैं।इसमें थोड़ा खतरा है।
इतिहास में यह कई बार हुआ है कि जिसे नष्ट करना है उससे जुड़े शब्द को पहले नष्ट किया जाता है।जैसे ‘बुद्ध’ से ‘बुद्धू’,लुंच मुनि से ‘लुच्चा’ आदि।’विवादित ढाँचा’ भी उसे गिराए जाने के काफ़ी पहले से इसीलिए चलाया गया था।
‘सूचना की सत्ता’ ज्ञान की सत्ता नहीं है।
ये अफलातुन महोदय पता नहीं क्यो कहाँ कि बात को कहाँ ले जाते हैं।
खैर ताऊ तुस्सी अब पुरे जुगाडी हो गए हो… सड्डे तुम्हारे साथ हैं। लगे रहो
जितुभाई आपका आइडिया पसन्द आया.
वैसे भी आवश्यकता होने पर जरूरी चीजे बनाई जानी चाहिए, (और गिराई भी जानी चाहिए).
आशा है यह भी जुगाडी लिंक की तरह उपयोगी सिद्ध होगी.
ऐसे विचार तथा उसके क्रियांवयन के लिए साधूवाद.
एकदम झकास आइडिया है जी, इस तरह के सामूहिक प्रयास होते रहने चाहिए।
बहुत ही सही आईडिया है।
नाम से क्या लेना-देना। ‘सूचना की सत्ता’ हो या ‘ज्ञान की सत्ता’ हो, है तो दोनो खजाना ही। आईडिया बढ़िया है।
बहुत ही बढिया आईडिया लेकर आये हैं, सारे के सारे जुगाड एक ही जगह! इससे बेहतर बात और क्या हो सकती है।
मजा आ गया जीतेंदरजी
क्या कमाल की साइट है
जितु जी,
बडा ही अच्छा प्रयास है, क्योंकि हर व्यक्ति सब कुछ के बारे में नहीं जान सकता है । पर अपना कोई अनुभव किसी के कुछ भी काम आ जाए तो बडी खशी की बात है ।
:):) ज्ञान तो अफ़लातून जी बांट ही दिए हैं जीतू जी को.. सूचना मैं बांटूंगा..