हाय! हम अंग्रेज क्यों ना हुए?

आप सोचेंगे कि हमे ये क्या हो गया? ये मेरे शब्द नही है, ये गुल्लू के है, गुल्लू बोले तो गुलशन। ट्रक ड्राइवर है, अभी कल ही दिल्ली मे इसको इसका साथी दिलबाग सिंह पकड़कर ले गया था, एक जलसे में। गुल्लू जाना तो नही चाहता था, लेकिन जब उसको पता चला कि शिल्पा शेट्टी भी आ रही है तो गुल्लू तैयार हो गया। दोनो साथी सबसे आगे बैठे थे, ताकि सब कुछ साफ़ साफ़ (गलत मत समझो यार!) दिख सके।

ये सारा मजमा था ट्रक ड्राइवरों को एडस के खतरे से आगाह करने के लिए। यहाँ शिल्पा शेट्टी के अलावा हॉलीवुड के अभिनेता रिचर्ड गेरे भी मौजूद दे। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। शिल्पा भी इठला इठला कर एडस के खतरे के बारें मे बता रही थी। कंडोम के प्रयोग करने पर जोर दे रही थी। कंडोम नही तो सेक्स नही का नारा बहुत जोरो शोरों पर चल रहा था। ट्रक ड्राइवर जो अक्सर अपने घरों से दूर रहते है एड्स जैसे रोगों के अक्सर शिकार बनते है। एड्स का रोग, भारत मे बहुत तेजी से फैल रहा है। अरे हम तो बहुत गम्भीर हो गए, खैर इस बारें मे गम्भीरता से फिर कभी बात करेंगे, पहले बात करते है, स्टेज पर हुए ड्रामे की।

हुआ यूं कि रिचर्ड गेरे जैसे ही स्टेज पर आए, उन्होने शिल्पा के पहले दाँए गाल को चूमा, फिर बाऍ। ये प्रक्रिया दोहरायी गयी, यहाँ तक तो ठीक था, लेकिन रिचर्ड तो शायद किसी और मूड मे ही थे, वे दे दना दन, शिल्पा को किस करते चले गए। आधा झुककर, खड़े रहकर, हर एंगिल से। शिल्पा जब तक समझती समझती रिचर्ड अपना कोटा पूरा कर चुके थे। शिल्पा हतप्रभ(?) सी रिचर्ड को देखती रही और ट्रक वाले शिल्पा को। शिल्पा भी कुछ नही कर सकी और ना ही ट्रक ड्राइवर। स्टेज के सामने बैठे बैठे स्टेज पर होने वाले इस ईस्ट इन्डिया कम्पनी द्वारा भारतीय कोहूनूर की लाइव लूट देखते रहे। ट्रकवाले जो सपने मे करने की सोचते है वो रिचर्ड ने दिन दहाड़े कर दिखाया। जहाँ ट्रकवाला करता तो पिटता, रिचर्ड ने किया तो शिल्पा मुस्कराकर थैंक्यू भी बोली। ट्रक ड्राइवर जो कंडोम के पैकेट लेकर कटने ही वाले थे, उनका अच्छा इन्टरटेनमेन्ट हो गया। गुल्लू तो आलमोस्ट पगला ही गया था, वो तो जोश मे आकर स्टेज पर चढने ही वाला था, दिलबाग सिंह ने उसको पकड़ लिया, बोला

अबे ये आइटम इम्पोर्टेड लोगों के लिए ही है सिर्फ़। दूसरा टच भी करेगा तो बवाल हो जाएगा। इसलिए तू छमिया के साथ ही खुश रह।

इधर गुल्लू मन ही मन सोच रहा था, हाय! हम गोरी चमड़ी वाले क्यों ना हुए। गुल्लू भारी मन से बाहर निकला। जैसे ही वो पंडाल से बाहर निकला, एक मीडिया वाले ने उसे पकड़ लिया और दे दनादन (किस नही बे!) सवालों की बौछार कर दी। लीजिए आप भी झेलिए ये सवाल जवाब।

.….जारी है अभी.………..

10 Responses to “हाय! हम अंग्रेज क्यों ना हुए?”

  1. बहुत सही आईटम ढूंढ कर निकाले हो, सुनाओ कथा!! 🙂

  2. See it Here

  3. जहाँ ट्रकवाला करता तो पिटता, रिचर्ड ने किया तो शिल्पा मुस्कराकर थैंक्यू भी बोली।

    मस्त लिखे हो, जारी रखो

  4. भई बात ई है कि, सारे चट्टे बट्टे एक जैसे हैं… सारे स्टंट प्रायोजित हैं. और हमारी बुद्धि भ्रष्ट है. फालतु में पुतले फुंके जाते है.

    कोई किसकी को किस करे तो अपना क्या जाता है? कुढते लोग अब हाय हाय करते हैं. 🙂

  5. संजय बेंगाणी on अप्रैल 17th, 2007 at 6:45 am

    सारी खिज्ज इस बात को लेकर है की वे गोरी चमड़ी वाली की जगह क्यों नहीं थे.
    अब खिज्ज मिटाने को पूतले फूंक रहे है.
    मस्त रहो ना यार, सबकी अपनी अपनी किस्मत है. 🙂

  6. ज्ञानदत्त पाण्डॆय on अप्रैल 17th, 2007 at 7:56 am

    जीतेन्द्र जी, ये ब्लॉगरों का खेल बहुत देखा है. अपने मन की लिखनी हो तो कोई गुल्लू/बिल्लू/टिल्लू गढ़ लेते हैं. अब ऐसा तो नहीं कि घराली के ड़र से ये गुल्लू बनाया हो. वर्ना कितनों का मन करता होगा जो उस फिरंगी ने किया!

    भैया आपके भाग में तो नहा कर बाथरूम में वाइपर चलाना ही लिखा है. उसी में मगन रहो.

  7. अबे ये आइटम इम्पोर्टेड लोगों के लिए ही है सिर्फ़। दूसरा टच भी करेगा तो बवाल हो जाएगा। इसलिए तू छमिया के साथ ही खुश रह।

    सत्यवचन! बहुत समझदार है दिलबाग सिंह।

  8. Richard ko aisi harkate karane ki kya jaroorat thi? Koi jaane maane Hindi movie director se movie kaa contract sign kar diiyaa hotaa.., jo chhahe voh heroign ke saath movie me eesa se bhee jyaadaa harkate karaneko meeelatee, aur dher saare paise bhee milate! I made one cartoon also, eesakee harkate par, aap e-mail address bheje to main e-mail kar sakataa hun.

    Mahendra Shah.
    USA.

  9. imported item for imported people !!!!

    nice article jitubhai

  10. Mai english ke nam par hi bahut tenstion ho jata hai kabhi mughe english bolne wale se bahut nafrat hota hai ab to mai use jann se marne ka man karta ye hamare chhattishgarh ke loag bhi satiya gaye hai apni lenguage ko bhul kar english bolte hai sale angrej kahi ke kutta ka baccha teri maa ka