आओ गाएं

हम मे से कई लोग गीत संगीत के शौकीन है। कई तो स्थापित गायक भी है। मुझे बताने की जरुरत नही है, कईयों को हम ब्लॉग नाद पर सुन चुके है। क्या कभी आपने हिन्दी फिल्मी गीत ‘कराओके’ प्रयोग किया है? कुछ लोग जिन्होने कराओके का नाम नही सुना हो उनको बता देते है। जब भी कोई गीत रिकार्ड होता है तो उसमे दो ट्रैक होते है, एक संगीत का और दूसरा आवाज का। अक्सर गायक गायिकाए अपने लाइव प्रोग्राम में संगीत वाले ट्रैक को साथ लेकर चलते है और अपनी आवाज लाइव श्रोताओं को सुनाते है। इस बारे मे मै ज्यादा बड़ा जानकार नही हूँ यूनूस भाई इस पर ज्यादा प्रकाश डाल सकते है। कराओके ट्रैक मे संगीत तो होता है, लेकिन आवाज नही होती, जिससे लोग म्यूजिक के साथ साथ अपनी आवाज रिकार्ड कर सकते है। सुदूर पूर्व (Far East) मे कराओके बहुत पापुलर है। वहाँ हर संगीत के साथ साथ कराओके भी रिलीज होते है।

खैर तो जनाब हम बात कर रहे थे, कि हम लोगों मे से कई लोग गायिकी का शौंक रखते है। इन्टरनैट पर हिन्दी म्यूजिक के कराओके का कलैक्शन बहुत कम है, जो है वो भी पैसे देकर मिलता है। अभी मेरे को एक कम्यूनिटी का पता चला है जहाँ पर आप इस तरह का कलैक्शन पा सकते है। मेरी पसन्द का कराओके गीत ये रहा और हाँ यदि आप इसके बोल चाहते है तो वो भी यहाँ पर है (IE पर हिन्दी दिखेगी) तो फिर देर किस बात की है, हो जाइए शुरु। देखते है सबसे पहले कौन रिकार्ड करके लाता है।


तो फिर शुरु होती है खोज, चिट्ठाकार गायकों/गायिकाओं की…..

Jhonka Hawa Ka- Ka…

9 Responses to “आओ गाएं”

  1. मुझे गाने का शौक है मगर आवाज़ ठीक नहीं, अगर गाया तो पब्लिक मेरा गला दबादे 😉
    जानकारी के लिए धन्यवाद

  2. जानकारी तो अच्छी है पर म्यूजिक को डाउनलोड कैसे करें.

  3. नीरज दीवान को पकड़ो, बहुत मधुर गाते हैं

  4. अच्छी जानकारी है, इसका प्रयोग कैसे किया जाता है?

  5. thanx

  6. वाह जीतू जी, अच्छी चीज़ लाए हैं आप।
    अब अपन भी बाथरुम गायक से मुख्य धारा में आने का प्रयास करते हैं। वैसे आपने जो रिकॉर्डिंग लगाई वो हम सुन नहीं पाए इसका कोई उपाय तो बताइये।

  7. प्रिय भाई
    आपने कहा कि कराओके के बारे में मैं विस्‍तार से बता सकता हूं । बिल्‍कुल सही कहा ।
    सबसे पहले तो ये बता दूं कि कराओके जापानी भाषा का शब्‍द है जिसका मतलब होता है एक तरह का आभासी ऑर्केस्‍ट्रा । 1970 के ज़माने में जापान में इसका प्रचलन शुरू हुआ था । मुझे याद है जब मैं स्‍कूल कॉलेज में था, क़रीब दस बारह साल पहले, तब कराओके कैसेट आया करते थे । जिनमें इस तरह से रिकॉर्डिंग होती थी कि गाने का मूल म्‍यूजिक फ्रंट पर होता था और आपके टेप रिकॉर्डर की सुविधा के मुताबिक़ चाहें तो गाने को पार्श्‍व में सुन सकते थे या हटा सकते थे । और उसकी जगह स्‍वयं गा सकते थे । उसके बाद सी0डी0 का जमाना आया । आज बाजार में आसानी से कई गायकों के गीतों के कराओके संस्‍करण उपलब्‍ध हैं । लेकिन इसके लिये आपके पास ऐसे डी0वी0डी0 प्‍लेयर होने चाहिये जिनमें कराओके की सुविधा हो । बस एक माईक खरीदिये जो दो सौ रूपये और इससे ज्‍यादा में बाजार में आसानी से उपलब्‍ध है । अब आप घर पर कराओके कीजिये । बाकी जीतू भाई आपने तो इंटरनेट पर कराओके के ठिकाने खोज ही लिए हैं ।
    हां आपकी कुछ बातों में संशोधन कर दूं । एक ट्रैक पर गायक की आवाज़ और एक पर संगीत वाली बात सही नहीं है । ये मल्‍टीट्रैक का जमाना है । संगीत के कई ट्रैक होते हैं और अगर एकल गीत है तो गायक का एक ट्रैक होता है, युगल गीत में दोनों गायकों के अलग अलग । और कोरस भी है तो एक और ट्रैक ।

  8. यूनूस भाई,
    धन्यवाद! आपकी जानकारी से देखिए आज हमने भी कुछ सीख लिया। इसे कहते है बूंद बूंद से भरता सागर।

  9. हमारी पार्टी केलिए सगींत सभा। भई वाह। किसी ने ठीक कहा है पेट के ज़रीए दिल तक पहुंचा जा सकता है।