एक चोर ऐसा भी

अभी पिछले दिनो घूघती बासूती जी अपने बचपन मे एक चोर का किस्सा सुनाया था। काफी मजेदार था, पढिएगा जरुर। यहाँ पर मै उनके ब्लॉग का गुणगान नही बल्कि एक अजीब चोर की दास्तान सुनाना चाहता हूँ। चोर का काम होता है, रात के अंधेरे मे, सन्नाटे को चीरता हुआ, चुपके से आए, माल असबाब चुराए और पतली गली से निकल ले। लेकिन जनाब एक अजीब चोर था, चीन की राजधानी पेईचिंग मे। ये सनकी चोर, किसी आलीशान घर मे घुसता, सबसे पहले तो गुनगुने पानी से नहाता। फिर घर के मालिक की अल्मारी मे से अच्छे कपड़े निकालता, उन्हे पहनता और फिर उसी के पलंग पर तान के सो जाता। है ना अजीब सी बात। विश्वास नही आता ना पूरा स्वयं पढ लीजिए

इसकी सनक यहाँ तक ही सीमित नही थी, ये जनाब इतने हिम्मती थे कि जब घर का मालिक घर मे होता तभी घर मे घुसता था, यदि कोई घर खाली मिलता तो उल्टे पाँव वापस लौट आता था। एक बार ये किसी घर मे घुसे, देखा मालकिन ऊपर वाले कमरे मे सो रही है तो उसे बिना डिस्टर्ब (?) किए ये फ्रिज से दूध निकालकर पी गए और नीचे के कमरे मे आकर तानकर सो गए। अगले दिन महिला काम पर गयी, तब भी ये जनाब वहाँ डटे रहे। रात मे महिला पहली मंजिल पर सोने गयी तो ये दूसरी मंजिल पर पसर गए, लेकिन हाँ मकान नही छोड़ा। वैसे ये ना पकड़े जाते, ये महिला ऊपर की मंजिल पर सो रही थी और ये जनाब मस्ती से नीचे ड्राइंग रुम मे टीवी चलाकर मजे ले रहे थे, कि अचानक घर का मालिक आ गया। (बड़ी अजीब सिचवेशन हो गयी मालिक की, कि उसके ही घर मे, उसके ही ड्राइंगरुम मे, उसके ही कपड़े पहने, कोई अजनबी मजे से टीवी देख रहा था, वो भी तब जब उसकी इकलौती बीबी घर मे अकेले हो।) मालिक तो हक्का बक्का, उसने तुरन्त पुलिस को फोन मिलाया और तब जाकर चोर पकड़ा गया।


thief

पुलिस से पूछताछ मे इस चोर ने बताया कि वो एक मामूली सा मजदूर था, लेकिन शाही शानौ शौकत को देखकर उसके मन मे भी आलीशान मकानों मे रहने की पहले इच्छा हुई। इसलिए उसने शौंक शौंक मे चोरी का पेशा अपनाया, लेकिन सनक के कारण वो घरों मे रात गुज़ारता था और मजे से ऐश करता था। अब ये जनाब कहाँ है? अरे जेल में और कहाँ, अपना देश तो है नही जो चुनाव जीतकर नेता बन जाता।

6 Responses to “एक चोर ऐसा भी”

  1. एक ऐसा ही वाकया हमारे यहाँ हुआ जब पुलिस में एक दुकान में चोरी की रपट लिखाई कि १० लाख की चोरी हुई है, अखबारों में जब यह समाचार छपा तो थाने में एक फोन आया कि साहब मैं वो चोर बोल रहा हूँ, जिसके बारे में समाचार छपा है कि ५ लाख की चोरी हुई है। और दुकानदार ने जितने की रपट लिखाई है वह सरासर गलत है। मैने चोरी ५०००० की ही करी है और दुकानदार ने पाँच लाख लिखवाये हैं।

    है ना मजेदार वाकया 🙂 ?????

  2. जीतु भाई जी,
    लगता है आपके चोर पर तो बाकायदा एक फेन्टास्टीक किनेमा पटकथा तैयार की जा सकती है –
    इन्टरमीशन के बाद घुघूती जी वाले चोर की कथा हो और अगले हिस्से मेँ सागर भाई वाले चोर की कहानी
    हिस्सा २ के अध्याँतर के बाद एक मेरी कहानी भी हो जाये ~~~ पढियेगा मेरे ब्लोग पर !!
    स्नेह,
    लावण्या

  3. भैये सागर जी चोर की मजबूरी थी चुराये ५०००० और थाने मे हिस्सा देना पडे ५००००० का ,तो घर से देना पडेगा न सीधी सी बात है

  4. 🙂 जीतू भाई के पास सब बातों की कहानी है…..और

    सागर भाई, यह भी खूब रही. अरुण की बात वाकई गौर तलब है..!!!!!!!!!!!!

  5. आपने डरा दिया है। रात भर हम हर इक बेडरूम में झांक कर पड़ताल करेगें तो सोएंगे कब।

  6. main police may hu pcr main duty hain. ek din chori ki call aai . hum mauka per pahuchey. gali main se ek admi tiffin le kar aa raha tha. ham ne us se makan ka address puchha. wo hame makan tak phucha kar bolla unkel ye ghar hain main ja raha hu. hum ne door bell bajai tab makan malik aaya or bola ki uske ghar se 1 mobile, 3000rs, or 1tiffin chori hua hain. jo admi hamey address bata kar gaya tha wo chor tha.