ऐसे जज से तो ना होना ही भला

पिछले साल सोनी टीवी पर एक कार्यक्रम इन्डिअन आइडल बहुत प्रसिद्द हुआ था, यह कार्यक्रम अमरीकन टीवी के मशहूर कार्यक्रम की तर्ज पर तैयार हुआ था। अब कोई चीज लोकप्रिय होती है तो हर चैनल उसी राह पर चल पड़ता है। इस साल भी सोनी टीवी अपने इसी कार्यक्रम का नया संस्करण लेकर आया है तो स्टार टीवी अपना जवाबी ‘स्टार वॉयस आफ इन्डिया’ लेकर आया है। ठीक है भाई, सब कुछ सही है, लेकिन कुछ चीजे बहुत बुरी लगी इस कार्यक्रम में। पहले बात स्टार वाले कार्यक्रम की।

स्टार वॉयस आफ इन्डिया के कार्यक्रम मे एक ज्यूरी मेम्बर है, आदेश श्रीवास्तव। पता नही किसने इनको ज्यूरी मेम्बर बना दिया। जिस बन्दे को प्रतियोगियों से बात करने की अकल ना हो, वो जज की कुर्सी पर बैठने लायक नही। इन जनाब को पता किस किस बात की कुन्ठा है, शायद इनको अपने स्ट्रगल के दिन याद नही। इनके बारे मे पहले बता दूं, कि ये जनाब ओपी नैय्यर, शंकर जयकिशन और लक्ष्मी-प्यारे के यहाँ ड्रम बजाते थे। क्या कभी इन महान संगीतकारों ने इनके साथ ऐसा व्यवहार किया? क्या कभी इनके साथ बदतमीजी हुई? फिर क्यों ये आज सभी प्रतियोगियों के साथ बदतमीजी से पेश आ रहे है। एक प्रतियोगी का गाना इन्होने इसलिए बन्द करवा दिया कि इनको इस तरह के गाने पसन्द ही नही। अरे नही है तो नही हो, लेकिन आप प्रतियोगी को हतोत्साहित क्यों कर रहे हो? कई बार प्रतियोगियों के प्रति गलत टिप्पणियों से दर्शकों, दूसरे ज्यूरी मेम्बरान और होस्ट (शान) के चेहरे भी उतर जाते है। मेरा स्टार और इस प्रोग्राम के प्रोड्यूसर गजेन्द्र सिंह से निवेदन है इस शख्स को तुरन्त बाहर का रास्ता दिखाया जाए। यदि वे ऐसा नही करते तो, निश्चित ही टीआरपी खो बैठेंगे।

दूसरी तरफ़ सोनी के इन्डियन आइडल मे एक और नमूने है, अनू मलिक। पता नही ये अपने आपको बहुत तुर्रम खां समझते है। पूरी दुनिया जानती है कि ये अपनी धुने कैसे कम्पोज(?) करते है। मुझे इनके चरित्र पर ज्यादा प्रकाश नही डालना, ये भी सोनी पर लगभग इसी प्रकार का काम कर रहे है। ये भी प्रतियोगियों के प्रति गलत टिप्पणियां करते है, उनकी बेइज्जती करते है, हतोत्साहित करते है। हाँ ये सब सिर्फ़ लड़कों के साथ ही करते है, लड़कियों से इनको विशेष प्रेम है, उनसे ये (अभी तक तो) शालीनता से पेश आते है। लेकिन लड़कों के साथ इनको पता नही कौन सी दिक्कत होती है। इनको भी सोनी वाले बाहर का रास्ता दिखाएं, नही तो ना जाने कितनी प्रतिभाएं, आधे रास्ते मे ही दम तोड़ देंगी।

जीटीवी वाले इस मामले मे लकी हो ऐसा नही, वहाँ पर ऐसे ही कार्यक्रम सारेगामापा में भी एक हेमेश रेशमैया नामक जीव है। जो अपने प्रतियोगियों के साथ ऐसा पेश आता है, जैसे अफ़्रीका से गुलाम खरीदकर लाया हो। उसका व्यवहार सिर्फ़ प्रतियोगियों से ही खराब हो, ऐसा नही, वो समाजवादी विचारधारा का दिखता है, इसलिए दूसरे जजों की बेइज्जती करने मे भी नही चूकता, हाँ ये बात अलग है कि वहाँ इसने मुँह की खायी है। इनको भी इस प्रोग्राम से बाहर कर दिया जाना चाहिए।

हम टीवी के सामने ये बदतमीजी देखने कतई नही बैठते। यदि हम पैसे खर्च करके, टीवी पर प्रोग्राम देखते है और अपना कीमती समय टीवी पर देते है, साथ ही बीच बीच मे इनके फालतू फालतू के ये बनियान, वो अन्डरवियर के विज्ञापन देखते है तो इनका भी फर्ज बनता है कि कम से कम कुछ तो ठीक ठाक परोसें। जनता ज्यादा दिन इन तीनो को नही झेल पाएगी, जल्द ही, इन तीनो को पकड़ पकड़ कर सवाल जवाब किया जाएगा। नही तो किसी सही शहर मे ये लोग फंस गए, तो वहाँ पर इनकी जय बोलो ना कर दी जाए। अब ये कब होता है, ये तो राम जाने। अपन तो भाई, इन जजों की कमेन्ट सुनते समय रिमोट कन्ट्रोल के म्यूट बटन का इस्तेमाल करते है।

आपका क्या सोचना है इस बारे में?

19 Responses to “ऐसे जज से तो ना होना ही भला”

  1. ज़ी के सारेगामापा के साथ समस्या यह है की जहाँ प्रतिस्पर्दी कार्यक्रमो में एक आध ही जज बेवकुफ है, इसके सारे के सारे छंटे हुए नंग है. आशाजी बराबर खिंचती थी इनकी.
    बन्दर के हाथ उस्तरा लग गया है, बॉस.

  2. धन्यवाद जितु जी ये तो मेरे लिये समाचार है, क्या है कि जब से दिल्ली मे “केस” लगा है, हमने तो पे चैनल देखना ही बन्द कर दिया.

  3. देखिए जो कुछ भी वहाँ होता है या करवाया जाता है अगर वो सब ना हो तो हम और आप क्या इस पर बैठ कर चर्चा करते ? trp का खेल सारा भैया ….

  4. जीतू जी अगले दिन सुबह न्यूज चैनल पर भी यही होता है ये क्या हुआ ये क्यू भडके,अन्नू मलिक ने राजेश(कल्पित नाम) से क्या कहा,देखना है तो आज दोपहर को विशेष मांग पर ३ बजे फ़िर देखे,वो टी आर पी के लिये भिडवाते है आप नाराज हो रहे हो

  5. जीतुजी , इस देश में प्रश्न इस बात का नहीं है कि आप में कितनी प्रतिभा है,बल्कि इस बात का है के आप उसे बेचते कैसे हैं। जो बिक सकता है वही प्रतिभावान माना जाता है।
    – दीपक भारत दीप

  6. कल जब मैं यह कार्यक्रम देख रहा था तब मुझे भी लगा कि इस अहंकारी जज को बाहर निकाल देना चाहिये।
    बाद में एक दूसरे जज के समझाने पर आदेश उठ कर चलते बने कि मैं जज नहीं कर सकता, और बाद में वापस आ कर बैठ गये। इससे लगता है कि यह लोग जान बूझ कर ऐसा करते हैं या इस तरह कार्यक्रम को विवादास्पद बनाने के लिये ही इन्हें पैसा मिलता है।
    बेचारे प्रतियोगी का इस कदर अपमान करना बहुत गलत है।
    मुझे याद है इसी तरह अन्नू मलिक ने इसी तरह एक प्रतियोगी का अपमान कर बाहर कर दिया तब जाते जाते उसने चैलेंज दिया कि अन्नू मलिक मैं मुंबई आऊंगा और एक दिन तुम मेरे लिये म्युजिक कंपोज करोगे।

  7. भई ये टी वी वाले यही समझते हैं कि केवल दूसरों को नीचा दिखा दिखा कर ही टी आर पी बढ़ाई जा सकती है।

  8. दिल की बात कही है आपने ! पर प्रतियोगियों को जलील करने की ये कहानी वैसे पहले इंडियन आयडल से शुरु हुई थी और उसके भी पहले नीना गुप्ता भी अपने शो में यही काम करती थीं। ठीक ऍसी भावनाएँ मेरे मन में भी आईं थीं की सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए शिष्टाचार की हदें भूल जाएँगे सब । यहाँ विस्तार से देखें
    http://indianspirit.blogspot.com/2005/09/are-we-really-entertained-on_25.html

    और ये सब तमाशा देख कर तो आजकल प्रतियोगी भी नौटंकी करने लगे हैं। पिछले साल सा रे गा मा में विनीत और हिमानी ने देबू को आसाम से मिलने वाले sms की वजह से walkout का नाटक किया। इस बार एक प्रतियोगी जबरदस्ती छीन कर ग्रीन कार्ड ले कर भागा । चाहते तो sony और zee वाले इसे संपादित कर सकते थे पर जज की बदतमीजी और प्रतियोगियों की नौटंकी टी आर पी बढ़ाती है । मुझे तो लगता है कि निर्णायकों को शुरु से कह कर रखा जाता है कि आप अपनी जबान निरमा शुद्ध नमक की तरह free flowing रखें ताकि मसाले का पुट बदस्तूर बना रहे ।

  9. जीतू जी,
    जो सभी ने कहा उससे मै भी अलग नही कह रहा. ये सब टी आर पी की माया है और जो भी थोड़ा अलग दिखने की कोशिश कर रहा है दरअसल उस व्यक्ती को वो चरित्र चैनल कि तरफ़ से यही करने को कहा जाता है.जनता भी धारा के विरुद्ध अगर कुछ है वही अटपटी ही बात देखना चाहते हैं और आप और हम उसकी चर्चा करके उनके कार्यक्रम को सफ़ल बनने मे उनकी मदद ही करते है. इसमे अचरज की बात तो नही है.आखिर चैनल को भी हिट पाने के लिये कुछ तो करना ही है. यही करे.. कौन रोकेगा उन्हे.

  10. सब टीआरपी का खेल है भईया, कोई झड़प वगैरह असली नहीं होती! 😉

  11. मुझे तो लगता है, कि यह सारे झगडे टंटे पूरे बनावटी होटल हैँ और इनका उद्देश्य जनता को बर्गलाकर उल्लू बनाना होता है.

  12. आप भी जीतू जी, क्या बेकार की बात लेकर बैठ गए। बदतमीज़ी तो हमारा राष्ट्रीय चरित्र है। भूल गए रीडर्स डाइजेस्ट ने क्या कहा था?
    वैसे हम भी कुछ इसी तर्ज़ पर कह चुके हैं लेकिन क्या फर्क पड़ता है।

    राग

  13. लगता तो पहले से ही सब सेट ही है . शिल्पा शेट्टी का प्रकरण तो जीतू भाई आप भूले न होगें ; क्या नौटकीं मचाई उसने .

  14. सब कुछ पहले से तय होता है कि क्या बोलना है।

  15. टी0वी0 चैनलों ने ऐसे जजों को जानबूझकर रखा है । मैं आपको सच बताऊं ये शोज़ बाक़ायदा स्‍क्रिप्‍टेड होते हैं या फिर इन्‍हें सेट पर स्‍पॉन्‍टेनियसली करेक्‍ट कर लिया जाता है । ताकि नाटकीयता बढ़ती चली जाए । जानबूझकर झगड़े किये जाते हैं और विवाद पैदा किये जाते हैं । अख़बार वालों और टी0वी0 न्‍यूज़ वालों को पटाया जाता है कि वो इन्‍हें सुर्खियां बनाएं । अभी तो स्थिति मारकाट वाली आ गयी है । तीन चैनल तीन म्‍यूजिकल शोज़ । टी0आर0पी0 के कुरूक्षेत्र में लोग अपनों को ही पटख़नी देने जा रहे हैं । और साम दाम दंड भेद की बाद ये है कि जजों को बाक़ायदा लड़ने को कहा गया है, हाईप बनाने को कहा गया है । विशाल शेखर, हिमेश और इस्‍माईल दरबार भी तो आपस में झगड़ रहे हैं । बदतमीज़ी का मंच बन गया है ये । दो तीन हफ्ते पहले पूनम सक्‍सेना ने एक अच्‍छी बात लिखी थी हिंदुस्‍तान टाईम्‍स में । उनका कहना था कि लोग ये मेलोड्रामा देख देखकर बोर हो गये हैं । इनके पिछले संस्‍करणों और आज वाले रूप में कोई फर्क़ नहीं है । अगर इन्‍हें जनता के बीच चलना है तो नयापन लाना होगा ।

  16. हम तो केवल दूरदर्शन देखते हैं। बहुत पहले जब ‘क’ की कृपा हुई थी स्टारप्लस पर तभी से तत्वज्ञान हो गया था कि अपना खालिस देसी दूरदर्शन ही अच्छा है। हालाँकि उसे भी कुछ कुछ संक्रमण होने लगा है, फिर भी अभी तक बहुत कुछ मिटटी की गंध है।

  17. हज़ारों-लाखों लोग इसी तरह से सोच रहे हैं . पर देख भी रहे हैं . अनु मलिक और आदेश श्रीवास्तव किस पाए के संगीतकार हैं सब जानते हैं . पर तमीज़ भी कोई चीज़ होती है यह इन्हें कौन समझाए ?

    इसके ठीक विपरीत जावेद अख्तर की समझदारी और उदित नारायण की विनम्रता इस पटकथा का दूसरा पाठ सामने रखती है .

    पर इन कार्यक्रमों का अच्छा पहलू यही है कि तमाम चिरकुटपने के बावजूद कुछ प्रतिभाओं को सामने आने का मौका मिलता है . यह क्या कम बड़ी बात है .

  18. judges se ye sab jaanboojh kar karvaya jaata hai ..american idol show ke judge simon cowell ki copy karke. Bharateeya channels sirf copy karna jaante hain.

  19. सर आपके ब्लोगस मुझे बहुत पसंद आए,पता नही आप लोग हिंदी कैसे लीखटे है ,परंतू अभी अभी मैने एक साइट देखी है ,अँग्रेज़ी लीपी में लीखी हींदी को हींदी फ़ॉन्टस में बदल देती है यहा लींक दे रहा हू,पसंद आए तो बतायें.

    http://www.quillpad.com/hindi/