साथ चलते आ रहे हैं ……

मुझसे कई लोग पूछते है कि क्या बात है आपने आजकल शेरो शायरी वाली पोस्ट करना एकदम बन्द कर दिया है। पहले तो लगातार गज़ल वगैरहा छापते थे, क्या बात है मशीन खराब पड़ गयी क्या? भई क्या करें, आजकल थोड़ा समय ही कम है, गज़ल वगैरहा तो बहुत सुनते है लेकिन उस मुद्दे पर लिखने के लिए समय नही मिलता। तो भाई आपकी बेहद मांग पर पेश है मेरी एक पसंदीदा गज़ल।

जनाब बशीर बद्र मेरे पसंदीदा शायरों मे से एक है। अभी पिछले दिनो इन्टरनैट पर मटरगश्ती कर रहा था तो उनकी साइट दिख गयी, अच्छी साइट बनायी है, लेकिन थोड़ा सा तकनीकी लोचा है, ये 1024X768 के हिसाब से बनायी गयी है, इसलिए आपको अपने ब्राउजर की विन्डोज को उस हिसाब रीसाइज करना होगा। खैर, साइट बहुत सुन्दर है बनी है, देखिएगा जरुर। पेशे खिदमत है जनाब बशीर बद्र की एक गज़ल।


साथ चलते आ रहे हैं पास आ सकते नहीं
इक नदी के दो किनारों को मिला सकते नहीं

देने वाले ने दिया सब कुछ अजब अंदाज से
सामने दुनिया पड़ी है और उठा सकते नहीं

इस की भी मजबूरियाँ हैं, मेरी भी मजबूरियाँ हैं
रोज मिलते हैं मगर घर में बता सकते नहीं

आदमी क्या है गुजरते वक्त की तसवीर है
जाने वाले को सदा देकर बुला सकते नहीं

किस ने किस का नाम ईंट पे लिखा है खून से
इश्तिहारों से ये दीवारें छुपा सकते नहीं

उस की यादों से महकने लगता है सारा बदन
प्यार की खुशबू को सीने में छुपा सकते नहीं

राज जब सीने से बाहर हो गया अपना कहाँ
रेत पे बिखरे हुए आँसू उठा सकते नहीं

शहर में रहते हुए हमको जमाना हो गया
कौन रहता है कहाँ कुछ भी बता सकते नहीं

पत्थरों के बर्तनों में आँसू को क्या रखें
फूल को लफ्जों के गमलों में खिला सकते नहीं
बशीर बद्र

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7 Responses to “साथ चलते आ रहे हैं ……”

  1. फ़ूल आया है मेरी आखो मे जब से मोतिया
    आह भर लेता हू यारो,हम किसी कॊ तक सकते नही

    बहुत खूब 🙂

  2. बहुत सही, अरुण यार तुम मे शायर बनने का पूरा पोटेन्शियल है, शायर तुम बनो, साइट हम बना देंगे।

  3. बढिया गजल प्रेषित की है।

  4. आपने मेरी पसंदीदा ग़ज़ल चुनी है कुछ ही दिनों पहले मैंने भी इसे ब्लॉग पर पेश किया था
    http://ek-shaam-mere-naam.blogspot.com/2007/04/blog-post_21.html

    बशीर बद्र साहब वाकई कमाल के शायर हैं अक्सर सादे अंदाज़ में गहराई वाली बात कह जाते हैं.

  5. वाह! बढिया गजल प्रेषित की है। वैसे मैने पहले आपको गज़ल लाते नही देखा..लगता है पुराने पोस्ट पर नज़र दौडानी ही होगी।

  6. आप ही के बस का है ये, पेश करते हैं गज़ल
    ये वज़न कमजोर काम्धे तो उठा सकते नहीं

  7. sir Aapne to asa likha h Aakho me Aasu nikal Aaye, Aapne jo likha meri life me 100% yahi chalta Aa raha h manjeet singhmar (hisar)