मलेशिया यात्रा : भाग दो

पिछले अंक से आगे

तो जनाब स्क्रूड्राइवर वाली रेसिपी के लिए समीर लाल का बहुत बहुत शुक्रिया, इसे आप यहाँ पर देखिए और सम्भव हो तो बनाकर,पीकर भी देखें। बहुत कातिल चीज होती है। विश्वास मानिए, एक बार पीएंगे तो बार बार पीने की इच्छा होगी। तो जनाब हम बात कर रहे थे मलेशिया की।

मलेशिया मे तीन जातियों के लोग ज्यादा है, जिनमे ५२% से ज्यादा मलय (जो अधिकतर मुसलमान है), लगभग ३०% प्रतिशत चीन से आकर बसे लोग, ८% भारत से आकर बसे लोग (जिनमे अधिकतर तमिल है, कंही कंही मलयाली,गुजराती और पंजाबी भी मिल जाएंगे) और बाकी अन्य देशों से आकर बसे लोग। मलय भाषा के साथ अंग्रेजी बहुतायत से बोली जाती है, चीनी और तमिल भाषा भी सुनने को मिल जाएगी। मलय लोगो का राजनीति मे प्रभुत्व है तो चीनी और भारतीयों का व्यापार/वाणिज्य जैसी गतिविधियों पर। साक्षरता लगभग ९१% प्रतिशत की है। लोग स्वभाव से बहुत ही सीधे और कोआपरेटिव है। मलेशिया की अर्थव्यवस्था कच्चे रबड़, टिन, पाम आयल और कोको के निर्यात पर टिकी हुई है। पिछले दस सालों मे पर्यटन से कमाई कई कई गुना बढी है और मलेशिया ने अपने आपको एशिया के पर्यटन मानचित्र मे स्थापित कर लिया है। यहाँ पर क्राइम इतना ज्यादा नही है, आस पास के महीनों मे KL मे कुछ चेनस्नैचिंग और पर्स स्नैचिंग की इक्का दुक्का घटनाएं घटित हुई, लेकिन इनको एक अपवाद के रुप मे देखा जाना चाहिए। मलेशिया पर अंग्रेजो और जापानियों ने शासन किया। मलेशिया के इतिहास को जानने लिए आप इस लिंक पर जा सकते है।

अब चूंकि हम मलेशिया अपना टूर शुरु होने से एक/दो दिन पहले ही आ गए थे, इसलिए हमे खुद ही कुछ घूमना था। तो जनाब हम फैमिली को होटल मे आराम करने के लिए छोड़कर, झोला टांगकर निकल पड़े शापिंग एरिया की तरफ़, हमारा होटल शापिंग डिस्ट्रिक्ट (बिकेट बिन्तान) से पैदल की ही दूरी पर था। इस एरिया मे पार्किंग की बहुत दिक्कत है, यहाँ पर आने के लिए लोग ज्यादातर मोनोरेल (MRT) का प्रयोग करते है, अथवा पार्किंग बहुत दूर करनी पड़्ती है। यहाँ पर लाइन से करीब १५-२० शापिंग प्लाजा है, जो एक ४ किलोमीटर त्रिभुजाकार क्षेत्र मे फैले है। यहाँ पर आपको ब्रान्डेड और नॉन ब्रान्डेड दोनो तरह के प्रोडक्ट मिल जाएंगे। मलेशिया मे इमीटेशन रिस्टवाच बहुत मिलती है, जो शायद थाईलैंड से आती है, या यही पर बनती होगी। आपको हर ब्रांडेड घड़ियों के हूबहू मॉडल मिल जाएंगे, फिनिशिंग इतनी अच्छी, कि अच्छे से अच्छा जानकार भी गच्चा खा जाए। पेशे नजर है एक शापिंग माल के अंदर का दृश्य:
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हम तो वैसे भी शापिंग के इतने इच्छुक नही थे, लेकिन पूरा एरिया खंगाल लेना चाहते थे। लेकिन यहाँ पर हर चीज इतनी सस्ती है कि आप ना ना करते हुए भी शापिंग कर ही बैठोगे। मैने अपने ब्रान्डेड परफ़्यूम, वीडियो आईपाड का चीनी भाई और कुछ गारमेन्ट्स खरीदे, बाकी विन्डो शापिंग की। खाने पीने के बारे मे यहाँ के सताय (satay) बहुत मशहूर है। सताय लजीज कबाब होते है जो आपके सामने तैयार किए जाते है, और अक्सर चावलों और करी के साथ परोसे जाते है। इसके अलावा आप चीनी तरीके से भुने हुए चिकन का मजा भी ले सकते है। शाकाहारी लोग परेशान ना हो, उनके लिए भी एक से बढकर एक डिश है, बशर्ते आप दूसरे देश के खाने मे टेस्ट ढूंढ सके। अगर आप मलेशिया जाएं तो यहाँ की चाय पीना मत भूलिएगा, वो भी किसी देसी (श्रीलंकन) स्टॉल से ही। ये लोग दूध वाली चाय को गिलासों मे उछाल उछाल कर झाग बनाते है (ठीक वैसे ही जैसे मोहल्ले मे गरम दूध की दुकाने होती थी ना वैसे ही)। चाय मे शायद कोको पाउडर भी मिलाते है, इसलिए टेस्ट थोड़ा हटकर होता है। स्नैक्स मे आपके पास तला हुआ सी-फूड, पकौड़े और अलग तरह की नमकीन होती है, एक और बात यहाँ पर लोग गरम चाकलेट मिल्क के बड़े दीवाने है, आप भी ट्राई जरुर करिएगा, वरना बहुत कुछ मिस कर बैठेंगे, फिर मत कहना बताया नही।

शाम के वक्त बिकेट बिन्तान का एरिया, फुटपाथ की पटरी वाली दुकानों मे तब्दील हो जाता है जहाँ पर खेल तमाशे वाले, हस्तशिल्प के सामान बेचने वाले और तरह तरह के लोकल फूड बेचने वालों का मजमा लग जाता है। टूरिस्ट भी जमकर इस बाजार मे घूमते है, खाते पीते है और शापिंग करते है। देर रात यह सिलसिला जारी रहता है। अगर आपके हाथ पाँव थक गए है तो बगल मे ही मौजूद मसाज पार्लर पर जाइए, जहाँ पर चाइनीज और थाई मसाज पार्लर है। मसाज आधे घन्टे से लेकर ३ घन्टे तक चलती है। पारम्परिक चाइनीज मसाज और थाई मसाज मे काफी फर्क है। चाइनीज मसाज जहाँ एक्यूप्रेशर के सिद्दान्तों पर चलती है इसमे मसाज करने वाला/वाली अंगुलियों का बहुत अच्छा प्रयोग करता/करती है, वही थाई मसाज रिफ़्लेक्सोलॉजी के सिद्दान्त पर चलती है, जिसमे हाथों पैरो और हथेली का भरपूर प्रयोग होता है। यदि मेरी माने तो मै कहूंगा कि आप दोनो ही ट्राई करिएगा। मसाज करने वाले लड़के और लड़किया दोनो है, और हाँ यहाँ सिर्फ़ मसाज होती है, इसका विशेष ध्यान रखिएगा।

अच्छा भई, अब हम बहुत थक गए है और हम अब मसाज पार्लर के अन्दर जा रहे है, इसलिए लिखना बन्द। कल से हमारा मलेशिया का टूर शुरु हो रहा है, सिलसिलेवार लिखेंगे, पढना मत भूलिएगा। आपका अपना पन्ना

सारे फोटो एक साथ एक ही जगह पर स्लाइड शो के रुप मे भी उपलब्ध कराए जाएंगे, थोड़ा धैर्य रखें।

8 Responses to “मलेशिया यात्रा : भाग दो”

  1. ठीक है, सिलसिलेवार पढ़ भी लिया जाएगा. 🙂

  2. ये स्क्रू ड्राईवर की खास फ़ोटो भेजी थी,छाप तो देते..:)

  3. मसाज करने वाले लड़के और लड़किया दोनो है, और हाँ यहाँ सिर्फ़ मसाज होती है, इसका विशेष ध्यान रखिएगा।

    ही ही ही!! 😉 😀

  4. ह्म्म्…शुक्रिया!!

  5. सही है. कराईये सिर्फ़ मसाज. मलेशिया में हो तो माने ले रहे हैं वरना थाईलैण्ड में तो कसम भी खा लेते तो न मानते. 🙂 हम इन्तजार कर रहे हैं आगे की कथा का.

  6. वाह! अब तो रोजा आना ही होगा । 🙂

  7. “मसाज करने वाले लड़के और लड़किया दोनो है, और हाँ यहाँ सिर्फ़ मसाज होती है, इसका विशेष ध्यान रखिएगा।” यहाँ मसाज के अलावा और क्या होगा???

  8. यात्रा विवरण अच्छा रहा और आगे के विवरण का इंतज़ार रहेगा।