अपहरण, फिरौती, डॉन और बीमा कम्पनी

जनाब आज हम बात कर रहे है..अपहरण, फिरौती, डॉन और बीमा कम्पनी…..लेकिन रुकिए, आगे बढने से पहले एक खबर पढ ली जाए, अब बीमा कम्पनियां अपहरण की फिरौती का भी क्लेम देंगी। ये कोई ऐसी वैसी खबर नही है, बल्कि एक नए युग का सूत्रपात है ये, ये एक रिवाल्यूशन है, एकदम टेलीकाम रिवाल्यूशन की तरह। ये बिल्कुल वैसी खबर है जैसे भारत मे मोबाइल फोन की लांचिंग वाली, देखा नही उसके बाद कित्ते नकारा निखट्टुवो को घर के बाहर मोबाइल शाप खोलकर रोजगार मिल गया। रोजगार का रोजगार, मोहल्ले की सैटिंग भी बनी रही। तो जनाब अगर ऐसा हो जाए कि बीमा कम्पनियां फिरौती की रकम देने लगे तो क्या हो, आइए जरा इसकी कल्पना कर ली जाए।

सबसे पहले बात करते है बिजीनेस प्रोमोशन, सारी बीमा कम्पनियों के फिरौती वाला सैल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार मे स्थापित हो जाएंगे। कम्पनियां अपहरण सॉरी बिजिनेस प्रमोशन के लिए एरिया के सारे अपहरण स्पेशलिस्ट अपराधियों को फ्रीलांसिंग पर रखेगी, उन्हे बाकायता प्रशिक्षण देगी और उनकी परफार्मेन्स को मानीटर भी करेंगे। उन्हे बाकायदा बिजिनेस प्रोसेस समझाया जाएगा, यानि केस लाओ (मतलब बीमा के लिए ग्राहक फंसाओ) फिर अपहरण करो और फिर फिरौती वसूलो। बीमा कम्पनी फिरौती का पैसा चुकाकर वाहवाही बटोरेगी, लोग भी खुश, बीमा कम्पनी भी खुश और अपहरणकर्ता सॉरी कर्मचारी भी खुश। लोग भी खुशी खुशी बीमा की किस्त देकर रिलेक्स हो जाएंगे। लोग खुशी खुशी अपना अपहरण करवाएंगे। अगर अपराधी द्वारा अपहरण की धमकी आएगी तो लोग पूछेंगे, “अरे हम तो आपके फोन का ही इन्तज़ार कर रहे थे, पधारो म्हारी गली, अच्छा ये बताओ, गाड़ी आप भेज रहो हो, या हम अपनी गाड़ी से आएं। डराने के लिए कौनो बन्दूक पिस्टल है कि नाही, कि ऊ भी इन्तज़ाम हमको करना पडेगा, एक बात और हम पहले ही बताय देत है हम मिनिरल वाटर ही पीते है। हाँ एक बात और टाइम काटने के लिए फुस्स टीवी और डीवीडी वगैरहा का जुगाड़ जरुर रखना। ” अब डर काहे का फिरौती देने के लिए बीमा कम्पनी है ना। अपहरण होने के बाद, खिलाने पिलाने का इन्तज़ाम तो अपहरणकर्ता का सिरदर्द होगा ही, बन्दा भी अपनी पॉलिसी के हिसाब से खाएगा पीएगा, मतलब अगर सुपर डीलक्स पॉलिसी ली है तो फाइवस्टार का खाना, अगर ग्रुप पॉलिसी ली है तो जतिन्दर के ढाबे का भी चलेगा। अपहरणकर्ता के लिए एक और सिरदर्दी बढ जाएगी, अगर अपहरणकर्ता ने अपनी बीमा(कम्पनी से ली) पालिसी वाले बन्दे का अपहरण किया तो ठीक नही तो दूसरी बीमा बीमा कम्पनी के चक्कर लगाते लगाते दिन निकल जाएंगे।

फिर लोग ज्यादा रिलेक्स फील किया करेंगे, क्योंकि डॉन के फोन बड़ी बड़ी हस्तियों के बजाय, बीमा कम्पनियों के यहाँ आने शुरु हो जाएंगे, क्लेम सैटिलमेन्ट के लिए। बीमा कम्पनी भी अपना व्यवसाय बढाने के लिए अलग अलग डॉन को आकर्षित करने के लिए नयी नयी स्कीमे लाएंगे, अगर अफ़लू डॉन (ये ब्लॉगर नही, दूसरे है) वाला पैकेज लेना है तो साथ मे २ नाइट्स और ३ डेज का चम्बल के डाकू रिसोर्ट मे रहना और खाना पीना फ्री। अगर दुबई वाले भाई का पैकेज लेना है तो उसमे हवाई टिकट भी फ्री, विदेशी मुद्रा विनिमय पर भी कोई चार्जेस नही, लांग डिस्टेन्स कॉल करने के लिए रिलायन्स/एयरटेल के कार्ड साथ मे मिलेंगे तो अलग। लोग ग्रुप मे अपहरण करवाना ज्यादा बेहतर महसूस करेंगे क्योंकि अपहरण का अपहरण और हॉलीडेज के हॉलीडेज। मिडिल क्लास लोग भी हीन भावना महसूस ना करे इसके लिए कम्पनियां ग्रुप अपहरण पालिसी निकालेंगी। अगर ग्रुप पालिसी लेने के बाद भी कोई आपका अपहरण नही करता तो निराश ना हों, अपहरण कन्सल्टेन्ट या अपहरण सैल से सम्पर्क करें। लोग बाग भी लड़की देने/लेने से पहले पूछेंगे कि लड़के का कित्ती बार अपहरण हआ है? महिलाओं के लिए गासिप के लिए एक नया विषय ही मिल जाएगा कि ’पड़ोस मे मिसिरा जी के लड़के का अपहरण ही नही हो रहा,जाने कौन सी घटिया (बीमा) कम्पनी की पालिसी ले रखी है, हमारे गुड्डु को तो गुन्डे पालिसी लेने के अगले हफ़्ते ही उठाकर ले गए थे।’

कम्पनियां बड़े बड़े होर्डिंग मे पिछले महीने के अपहरण, वसूली और फिरौती के रिकार्ड दिखाएंगे। कम्पनियों मे आपस मे होड़ मच जाएगी, कि किसने कितने अपहरण करवाए। कुल मिलाकर रोजगार की स्थिति काफी बेहतर हो जाएगी, हर प्रदेश की सरकार अपने यहाँ अपहरण के आंकड़े देने मे संकोच नही करेंगे, कई लोगो को रोजगार मिल जाएगा, मुख्यमंत्री भी हर अपहरण पर शर्मिंदा ना होकर, अपनी पीठ थपथपाएंगे और इस उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए अपहरण इन्स्टीट्यूट बनाने की घोषणा करेंगे।

अपने ब्लॉगर भाई भी पीछे नही रहेंगे, अपनी अपहरण की रेटिंग और पिछले अपहरण के रिकार्ड अपने ब्लॉग के फुटर मे लगाएंगे। रेटिंग को लेकर बवाल खड़े होंगे, लोग कहेंगे कि इनकी रेटिंग गलत है, उनकी गलत है, इन्होने उत्तर भारत मे हुए अपहरण को ही शामिल माना है, जबकि ये पिछली बार सोमालिया गए थे, वहाँ भी इनका अपहरण हुआ, वो नही जोड़ा गया। खैर ये सब तो होगा ही….. यही तक बात नही रुकेगी, लोग तो अलग अलग ’डॉन के लोगो’ डिजाइन करवाकर अपने ब्लॉग के साइडबार मे लगाएंगे और अपहरणकर्ताओं को ललचाएंगे कि अपहरण करने के लिए इस बटन पर क्लिक करिए। कुछ मिलाकर एक नए युग का सूत्रपात हो जाएगा, स्थिति काफी मजेदार होगी है ना? आप क्या सोचते है इस विषय मे? अपने विचार टिप्पणी के मार्फ़त आज ही लिख ही दीजिए……कंही टिप्पणी के पहले ही अफ़लू डॉन आपको उठाकर ले गए तो हम वंचित रह जाएंगे।

अंत मे एक डिस्क्लेमर : देखो भाई, ये सब हम अपनी मर्जी से नही लिखे थे, कोई डॉन या बीमा कम्पनी हमारे पीछे डंडा लेकर ना दौड़े, हम तो वो ही लिखे तो शुकुल हमको बोले लिखने के लिए, सारी आपत्ति, परेशानी और हैरानी का हर्जाना शुकुल से वसूला जाए, बेहतर होगा उनको ही डीलक्स पॉलिसी दिलाकर…….. अलबत्ता टिप्पणी हमे जरुर टिकाई जाए।

आप इन्हे भी पसंद करेंगे

4 Responses to “अपहरण, फिरौती, डॉन और बीमा कम्पनी”

  1. लिजिये टिप्पणी टिकाने हम आ गये 🙂

    मस्त, जबरदस्त, बिल्कुल सही… 😀

    पहला बीमा मै ही करा लूँगी… हे हे

  2. अरे भाई मेरा अपहरण करवा देना लेकिन पहले बीमा दिला दो। हो सके तो हर साल अपहरण करवा देना में अपहरणकर्ताओं से फिरौती की रकम में मिलने वाला हिस्‍सा खुद तय कर लूंगा और उनका भी पैसा शेयर बाजार में लगवा दूंगा। जीतू भाई जल्‍दी से बोलो बीमा वालों और अपहरण करने वालों को।

  3. अच्छा ये फ़ुरसत मिलते ही अनूप जी को ऐसे आईडिये आने लगे है..और लिखाई आप भारत से बाहर जाकर कर रहे हो..ये दोनो कॊ ही उठाने की सुपारी किसी कंपनी को देनी पडेगी..आधा तो मिल ही जायेगा…:)

  4. सुकुल बीपीओ की तर्ज पर ब्लॉग लेखन आउट सोर्सिंग भी करने लगे हैं क्या? खैर, जो भी हो, कल्पना और मौज जबरदस्त है.