मेरा पन्ना :रुझान 2008

साथियों,
मै अपने ब्लॉग पर आने वाले सभी विजिटर्स के बारे मे जानकारी रखता हूँ। यूं तो इस जानकारी को रखने के पीछे कोई छिपा मकसद नही था, बस अपने एनालिसिस के लिए ही रखता हूँ। लेकिन कभी कभी इस जानकारी को रखने से आपको कई तथ्यों के बारे मे पता चलता है। आइए कुछ इस बारे मे ही बात करें।

  1. मेरा पन्ना को रोजाना विजिट करने वालों की संख्या 350 से 380 तक है, वीकेंड और पोस्ट लिखे जाने के दिन यह संख्या 400 का आंकड़ा पार कर जाती है। आजकल जबकि मैने लिखना काफी कम कर दिया है, फिर भी विजिटर्स संख्या मे उतनी कमी नही आयी। ( नोट: यहाँ पर इसको आत्मप्रशंसा की तरह ना लिया जाए, बल्कि इसे पाठकों का प्यार माना जाए)
  2. चूंकि मेरा पन्ना का फीड, फीडबर्नर पर उपलब्ध नही है, इसलिए RSS फीड सब्सक्राइब करके पढने वालों की गिनती नही की जा सकी है।
  3. सबसे ज्यादा विजिटर, गूगल भेजता है, गूगल भारत से सबसे ज्यादा विजिटर आते है। आने भी चाहिए, क्योंकि ये हिन्दी मे सर्च करने की सुविधा देता है। याहू और विंडोज लाइव पाठक भेजने मे सबसे पीछे है।
  4. एग्रीगेटर भी काफी पाठक भेजते है, जिसमे नारद, चिट्ठाजगत और ब्लॉगवाणी प्रमुख है, लेकिन जिस हफ़्ते मै ब्लॉग पोस्ट नही लिखता, उस हफ़्ते इनसे एक भी पाठक इधर नही फटकता। (ये तो गलत बात है, है ना…?)
  5. आर्कुट, फेसबुक और अन्य सामाजिक साइटों पर बनाए गए प्रोफ़ाइल से भी काफी पाठक आते है, लेकिन वे ज्यादा देर टिकते नही।
  6. एक समय मे मेरे पाठकों की संख्या अमेरिका मे सबसे ज्यादा थी, लेकिन अब भारत से सबसे ज्यादा पाठक आते है, दूसरे नम्बर पर अमरीका और तीसरे नम्बर पर मध्य पूर्व के पाठक है।
  7. साइट पर विजिट करने वाले अभी भी इन्टरनैट एक्स्प्लोरर 6 (IE6) के प्रयोगकर्ता ही सबसे ज्यादा है, दूसरे नम्बर पर IE7 और तीसरे नम्बर पर फायरफाक्स के प्रयोगकर्ता है। लगता है बिल्लू ने वापस अपने प्रयोगकर्ता फायरफाक्स से छीन लिए है।
  8. साइट पर रुकने के मामले मे लोग ३० सेकेन्ड से ५ मिनट वाले ज्यादा है, अलबत्ता 15 प्रतिशत पाठक ऐसे भी है जो आठ घंटे से ज्यादा समय साइट पर रुकते है (हम कोई खुशफहमी नही पाले है, हम तो सोचते है, बन्दा साइट लोड करके, बीबी को फिल्म दिखाने चला गया होगा)
  9. भारत अमरीका और मध्य पूर्व के पाठक तो समझ मे आते है, ये फिनलैंड, नार्वे और रुस मे भी हिन्दी के चाहने वाले है, ये खबर काफी उत्साहजनक है। एक आश्चर्यजनक बात, चैक रिपब्लिक से भी एक पाठक अक्सर आता है, हम अभी तक समझ नही सके कि, वहाँ हिन्दी कौन पढता होगा? होगा यार, अपने से क्या…
  10. सबसे ज्यादा ढूंढे जाने वाले शब्द :
    शायरी, होली,चुटकुले,नाडा,प्यार,भूकम्प, हास्य,कामसूत्र,सेक्स, यौन, सत्यकथा,हिन्दुस्तान,प्रेतात्मा,kruti dev,www.bbchindi.com प्रमुख है। (हमे समझ मे नही आ रहा कि अब आगे हम किस विषय पर ज्यादा लिखें..)
  11. टैक्नोराती की टैगिंग कुछ फायदा पहुँचाती है, ऐसा मुझे नही लगता, अलबत्ता मेरा मानना है कि हर उस जगह आपके ब्लॉग का लिंक हो जहाँ पर हिन्दी पढने वाले पहुँचते है।
  12. एक बहुत ही अच्छी बात, मेरा पन्ना को पढने वाले गुजराती भाई बढ रहे है, ये लोग मेरा पन्ना को गुजराती मे ट्रांसलिटरेशन करके पढते है। दूसरे नम्बर पर अंग्रेजी मे ट्रांसलिटरेशन वालों का है। (धन्यवाद भोमियो…..तुम्हारे बिना ये सम्भव नही था।)
  13. मेरे पाठकों मे सिर्फ़ तारीफ़ करने वाले ही नही, आलोचना और बुराई करने, गरियाने मे भी ये भाईलोग पीछे नही है। एक पाठक की बेबाकी की बानगी देखिए :
  14. तुम्हारा ब्लग पढा । अच्छा लगा, तुम लोग ब्लग को ब्लाग क्यूं बोलते हो? शक्ल से तो तुम्हारा चेहर छ्ंटे हुये बदमाश की तरह ही है, खैर लिखते अच्छ हो । लगे रहो ।

    या

    “kya gisa pita fekrele bhidu….” कैसी कैसी शायरी पर टिप्पणी

    कुछ लोग गाली गलौच भी करते है, उनके अक्सर हमारा माडरेटरशन वाला साफ़्टवेयर ही निबट लेता है।

नोट: मैने अपने ब्लॉग के पाठको सम्बंधी संख्या के काउन्टर जमाने पहले दिखाना बन्द कर दिया था, क्योंकि कई लोग इससे नर्वसिया रहे थे, इस लेख का उद्देश्य उन दोस्तों को दोबारा नर्वसियाना नही, बल्कि हिन्दी चिट्ठाजगत के पाठको के मौजूदा रुझान को दिखाना मात्र है। समय समय पर इस तरह के रुझान पर नजर रखनी चाहिए।

तो साथियों, इसी तरह से अपना प्यार बनाए रखिए…पढते रहिए आप सभी का अपना पन्ना।

11 Responses to “मेरा पन्ना :रुझान 2008”

  1. हम तो अक्सर आते ही हैं हाँ टिपियाते कम हैं.

  2. अच्छा किया, तथ्य बता दिये। यह ठीक है कि लिखने न लिखने से ज्यादा फरक नहीं पड़ता। पर फ़्रीक्वेन्सी बढ़ा दें तो अच्छा रहे!

  3. अब तो आप यदा-कदा ही दिखते है और जब दिखते है तो हम पढ़ते भी है और टिप्पणी भी करते है।

  4. अच्‍छे आकडें है, आपका लिखा पंसद तो हर एक को आता है, अन्‍यथा, लालू का लेख हर किसी को याद होगा, 🙂

  5. हा हा हा, मेरे को तो वो “बदमाश” वाली टिप्पणी करने वाला बंदा सही लगा। उसने ठीक पहचाना आपको!! ही ही ही!! 😀 अब इसलिए ये फोटू बदल के दूसरा लगा लो, नहीं तो देखने वाले को यही लगता है कि जैसे पुरानी हिन्दी फिल्मों में अजीत सोने को देखकर खुश होता था वैसे आप पाठकों की गिन्ती को देखकर खुश हो रहे हो!! 😉 😛 ही ही ही!! 😀

  6. बडे अच्छे से लिखा है आपने। यह बात खुशी की है कि अब सर्च इंजन से भी पाठक आ रहे है।

  7. रुझान अच्छे हैं।

  8. अब समझ में आया टिप्पणी करने वाले ने आपको बदमाश क्यों कहा। इतनी खुराफात की वजह से, फोटो तो अतिरिक्त वजह हो सकती है। औ जहां तक पाठक कम आने की बात है तो, हम तो देख रहे हैं जिन ब्लॉगरों ने हिंदी ब्लॉगिंग की शुरुआत में बड़ा बीड़ा उठाया था। अब वो सब बहुत ही कम लिख रहे हैं। मैं कई बार आपके ब्लॉग पर आया कुछ नया नहीं मिलता तो, लौट जाता हूं।

  9. अतिथिगण की अच्छी समीक्षा की आपने.कौन कहाँ से आता है,कितनी देर ठहरता है,क्या पसंद है…..बहुत खूब

  10. एक पाठक ने कितना सही लिखा है!

    हम तो खाली सोचते थे, बोलने की हिम्मत तो विरले ही करै है. साबास.

    🙂 🙂

    बधाए ….. वो बिजीटर वाली बात पे. लगे रहिए और सबकी लगाते रहिए.

  11. हें हें हें… कैसे कैसे लोग हैं. जो मन में आता है बोल के चले जाते हैं … भला कोई अंधे को अंधा कहता है क्‍या? पर कितना सही-सही बोला उसने. मजा आ गया 🙂